बोतल में दूध पिलाने वाली माताएं ध्यान दें बच्चों की सेहत पर पड़ रहा है असर
बोतल में दूध पिलाने वाली माताएं ध्यान दें बच्चों की सेहत पर पड़ रहा है असर
World Breastfeeding Week 2024: विश्व स्तनपान सप्ताह 1 से 7 अगस्त तक मनाया जाता है. इस बार विश्व स्तनपान सप्ताह पर गाजियाबाद की एक्सपर्ट डॉ. मेघना ने इसके महत्व के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि स्तनपान कराने से महिलाओं में कई बीमारियां नहीं होती हैं.
विशाल झा/गाजियाबाद: विश्व स्तनपान सप्ताह 1 अगस्त से 7 अगस्त तक मनाया जाता है. इस सप्ताह को मनाने के पीछे मां के दूध के महत्व और स्तनपान को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण कारण है. स्तनपान न केवल शिशु बल्कि मां के लिए भी बेहद फायदेमंद साबित होता है. इस सप्ताह के दौरान विभिन्न जगहों, अस्पताल और सार्वजनिक मंचों पर अभियानों के माध्यम से माता को स्तनपान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. स्तनपान से जुड़े कई सवालों के जवाब एक्सपर्ट डॉ. मेघना ने दिया है.
मॉडर्न कल्चर में स्तनपान से बचती हैं महिलाएं
डॉ. मेघना ने बताया कि आज कल महिलाएं स्तनपान बचती नजर आती हैं. कई बार ऐसा होता है कि डॉक्टर द्वारा ही मां को स्तनपान करने से मना किया जाता है. जब मां के द्वारा बच्चों को संक्रामक रोग फैलने की चिंता होती है. जैसे कि अगर मां को टीबी, एचआईवी और कैंसर जैसी गंभीर बीमारी है. उस समय मां को स्तनपान के लिए मना कर दिया जाता है. क्योंकि स्तनपान एक मां के लिए काफी सुंदर तोहफा है. स्तनपान कराने से मां का साइकोलॉजिकल और फिजिकल बैलेंस काफी सुखद होता है.
बीमारियों से बचाने में मदद करता है स्तनपान
डॉ. मेघना बताती हैं कि स्तनपान न केवल महिलाओं की, बल्कि बच्चों को भी कई गंभीर बीमारियों से लड़ने में मदद करता है. महिलाओं को ओवेरियन और ब्रेस्ट कैंसर बचाने में स्तनपान मदद करता है. महिलाओं का वजन कंट्रोल करने और डायबिटिक कंट्रोल में भी स्तनपान मदद करता है. ब्रेस्ट मिल्क में सारे न्यूट्रिशन, कैल्शियम, इलेक्ट्रोलाइट, सोडियम मौजूद होते हैं. वह बच्चों की सेहत पर काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
डॉक्टर ने बताया कि बच्चों के अंदर 5 साल तक एंटीबॉडीज नहीं बनते हैं. ऐसे में बच्चों को ब्रेस्ट फीड करने के कारण ही उनमे रोग प्रतिरोधक क्षमता आती है. ब्रेस्ट मिल्क के बच्चों के लिए प्रोबायोटिक का भी काम करता है, जो बच्चों की आंतों में गुड बैक्टीरिया को बढ़ाने के लिए उनकी मदद करता है.
बोतल दूध होता है खतरनाक?
बोतल दूध बच्चों के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है. क्योंकि कई बार जरूरत से ज्यादा बच्चा दूध पी लेता है. जिस कारण से उनमें मोटापा बढ़ने लगता है. यही बच्चे आगे जाकर डायबिटीज के शिकार भी बन सकते हैं. इसके अलावा बच्चों को कान का इन्फेक्शन, पेट का इन्फेक्शन और दांत का इन्फेक्शन भी हो सकता है. ऐसे में बोतल का दूध पिलाने से मां को बचना चाहिए.
Tags: Ghaziabad News, Local18FIRST PUBLISHED : August 7, 2024, 10:07 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed