मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर पिनाका का गेम चेंजर अवतार आया DRDO ने किया सफल टेस्ट
मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर पिनाका का गेम चेंजर अवतार आया DRDO ने किया सफल टेस्ट
Pinaka: डीआरडीओ ने मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर पिनाका का गेम चेंजर अवतार लॉन्च किया है. अब पिनाका गाइडेड रॉकेट से होने वाला वार सटीक और दमदार होगा. इसकी रेंज 37 किलोमीटर से 75 किलोमीटर के पार हो गई है. डीआरडीओ ने पिनाका का सफल परीक्षण किया है.
नई दिल्ली. आज का युद्ध नॉन कांटैक्ट काइनेटिक वॉर में बदल गया है. जमीन पर आमने-सामने की लड़ाई लड़ने के बजाए पहले लॉन्ग रेंज रॉकेट, मिसाइल, यूएवी और लॉयटरिंग एम्यूनेशन के जरिए अपनी ताकत का लोहा मनवाया जाता है. आत्मनिर्भर भारत के तहत भारतीय सेना लगातार अपने रॉकेट की रेंज को बढ़ाने में जुटी है. अब तक तो भारतीय सेना रूसी मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर ग्रैड और स्मर्च के जरिए जंग लड़ने की तैयारी करती थी. मगर अब स्वदेशी मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर पिनाका के भारतीय सेना में शामिल होने के बाद से क्षमताओं में जबरदस्त इजाफा हुआ है. अब इसकी मारक क्षमताओं को बड़ी तेजी से आगे बढ़ाने के लिए कोशिशें जारी हैं.
आखिरकार वो दिन आ ही गया जब भारत ने गाइडेड एक्सटेंडेड रेंज रॉकेट की पहली सफल फ्लाइट को अंजाम दिया. डीआरडीओ ने इसका तीन अलग-अलग चरण में अलग-अलग फायरिंग रेंज में सफल परीक्षण किया. हाई ऑल्टिट्यूड इलाके में इसके सभी ट्रायल पहले पूरे हो चुके थे और अब प्लेन एरिया में ट्रायल भी सफल हुए. गाइडेड पिनाका वेपन सिस्टम अपने परीक्षण के दौरान तय किए गए सभी मानकों पर सौ फीसदी खरी उतरी. जिसमें रेंज, सटीकता, कंसिस्टेंसी और रेट ऑफ फायर जैसे अलग-अलग टारगेट पर काम किया गया. प्रोडक्शन एजेंसी टाटा एडवांस और लार्सन एंड टुब्रो और दो मौजूदा सर्विस पिनाका लॉन्चर जिन्हें अपग्रेड किया गया. उससे 12-12 रॉकेट लॉन्च करके इसे एक्सटेंडेड रेंज गाइडेड पिनाका वेपन सिस्टम का सफल परिक्षण किया गया. खुद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ और सेना को बधाई दी और कहा कि गाइडेड पिनाका वेपन सिस्टम से भारतीय सेना की फायर पावर में जबरदस्त इजाफा होगा.
क्यों है ये गेम चेंजर
भारतीय सेना की आर्टिलरी में शामिल पिनाका की बात करें तो पिनाका रॉकेट फ्री फ्लाइट है यानी की बस उसे लॉन्च किया गया तो वो अपने रेंज 37 किलोमीटर के हिसाब से जाकर गिरेगा. लेकिन उसकी ऐसी सटीकता नहीं थी कि ठीक निशाने पर हिट करे. वह एक एरिया वेपन के तौर पर है. लेकिन जो एक्सटेंडेड रेंज गाइडेड पिनाका है वो गाइडेड रॉकेट GPS नेविगेशन से लेस है यानी की एक बार टारगेट सेट कर दिया गया तो लॉन्च होने के बाद वो उस टार्गेट पर सटीक मार करेगा. इसकी सटीक मारक क्षमता की बात करें तो ये टारगेट के 25 मीटर के आसपास हिट कर सकता है. जो कि एक बेहतर रेंज है. इस रॉकेट को पहले से ही प्रोग्राम किया गया होगा और लॉन्च करने के बाद जो ट्रेजेक्ट्री सेट की गई होगी वो उसी पर मूव करेगा. अगर किसी वजह से वो अपने ट्रेजेक्ट्री से कहीं भी इधर-उधर होता है तो GPS की मदद से ऑन बोर्ड कंप्यूटर रॉकेट को वापस निर्धारित ट्रेजेक्ट्री पर ले जाएगा. यही नहीं GPS को सपोर्ट करने के लिए इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम (INS) लगा है. ये नेविगेशन की एक सबसे पुरानी पद्धति है, जो कि पुराने समय में समुद्र में जहाजों को नेविगेट करने में इस्तेमाल की जाती थी.
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सबसे बड़ा फायदा
इससे सबसे बड़ा फायदा ये होता है कि अगर कोई सेटेलाइट GPS को ब्रीच करके उसे बाधित कर देगी तो भी INS के जरिए रॉकेट अपने टार्गेट को हिट करेगा. अभी जो पिनाका सेना में शामिल है उसकी क्षमता बात करें तो एक साथ पूरी बैटरी दागने पर दुश्मन के 1000 गुना 800 मीटर के इलाके को पूरी तरह से तहस-नहस कर सकता है. अब गाइडेड पिनाका वेपन सिस्टम के आने के बाद तो ये दुश्मन को तहस-नहस कर देगा. पिनाका की एक बैटरी में 6 फायरिंग यूनिट यानी लॉन्चर होते है और एक लॉन्चर में 12 ट्यूब होती है. यानी की एक बैटरी में कुल मिलाकर 72 रॉकेट होते हैं और महज 44 सेकेंड ये सारे रॉकेट लॉन्च हो जाते हैं. खास बात तो ये है कि लॉन्चिंग के तुरंत बाद से लॉन्चर अपना लोकेशन बदलते हैं और फिर दोबारा से आर्म्ड किए जा सकते है. बहरहाल अब इस सफल परीक्षण के बाद जल्द ही इस नए अवतार के करार का रास्ता साफ हो गया जो कि रेंज के हिसाब से सेना में शामिल रूसी मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर स्मर्च जो कि भारतीय सेना में सबसे लंबी मार करने वाले रॉकेट लॉन्चर है वो उसकी जगह लेगा. स्मर्च की मारक क्षमता है 90 किलोमीटर की है. चूंकि इसका एम्यूनेशन काफी महंगा है और रूस से इसे आज भी आयात किया जाता है. पिनाका स्वदेशी है तो एम्यूनेशन की कमी की परेशानी भी नहीं होगी.
FIRST PUBLISHED : November 14, 2024, 22:14 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed