कन्नौज में भी है बाबा विश्वनाथ का मंदिर लगी रहती है श्रद्धालुओं की भीड़

Baba Vishwanath Temple: कन्नौज में स्थापित बाबा विश्वनाथ मंदिर को वाराणसी के बाबा विश्वनाथ का प्रतिबिंब ही माना जाता है. कहा जाता है कि यहां शिवलिंग गंगा जी की धारा में बहकर आया था. जिसे वाराणसी के मुख्य पुजारी ने स्थापित किया था.

कन्नौज में भी है बाबा विश्वनाथ का मंदिर लगी रहती है श्रद्धालुओं की भीड़
अंजली शर्मा/कन्नौज: वाराणसी के बाबा विश्वनाथ का प्रतिबिंब कन्नौज का यह प्रसिद्ध बाबा विश्वनाथ का मंदिर माना जाता है. मान्यता है कि यह शिवलिंग अति प्राचीन है.  हिमालय से बहता हुआ यह शिवलिंग गंगा नदी में आया था. जिसके बाद बनारस के मुख्य महंत को सपने में इस चमत्कारी शिवलिंग के बारे में जानकारी मिली और उसको ढूंढते हुए वह कन्नौज आ पहुंचे. वह इस शिवलिंग को कन्नौज से बनारस ले जाना चाहते थे, लेकिन रात्रि विश्राम के दौरान उन्होंने एक जगह पर इस शिवलिंग को रख दिया, जिसके बाद तमाम कोशिशें की गई लेकिन यह शिवलिंग अपनी जगह से ‘टस से मस’ नहीं हुआ. वाराणसी के मुख्य पुजारी ने की थी स्थापना करीब 400 साल पहले यहां पर इस मंदिर की स्थापना हुई. ऐसा माना जाता है कि इसके पीछे की कहानी बहुत ही अद्भुत है. बनारस में जिन मुख्य पुजारियों ने वहां के शिवलिंग की स्थापना की थी. उन्हीं में से एक पुजारी को सपने में इस शिवलिंग के बारे में जानकारी मिली. इसके बाद वह उसको ढूंढते हुए कन्नौज पहुंच गए. यहां गंगा नदी में उनको एक किनारे यह शिवलिंग पड़ा मिला. इसके बाद पुजारी ने इस शिवलिंग को उठा लिया और रात्रि होने के चलते वह अपने शिष्यों के साथ एक सुनसान जगह पर रुक गए और वहीं पास में ही इस शिवलिंग को विराजित कर दिया. सुबह जब पुजारी ने देखा कि यह शिवलिंग बिल्कुल बनारस के शिवलिंग के जैसा लग रहा है तो उनके मन में यह लालसा जागी की क्यों ना इस शिवलिंग को भी बनारस ले जाया जाए. यहां भगवान शिव की ऐसी कृपा हुई कि यह शिवलिंग यहां पर जैसे समा सा गया. तमाम कोशिशों के बाद भी यह शिवलिंग अपनी जगह से 1 इंच तक नहीं हिला. इसके बाद भगवान शिव की कृपा मानते हुए पुजारी ने यहीं, पर पूरे विधि विधान के साथ इस शिवलिंग की स्थापना कर दी. जानें कहां बना है यह मंदिर कन्नौज मुख्यालय से करीब 3 किलोमीटर की दूरी पर चौधरियापुर गांव में यह मंदिर बना है. माना जाता है कभी यहां पर मां गंगा की निर्मल धारा बहा करती थी और मां गंगा की ही गोद में यह शिवलिंग सैकड़ों साल पहले बहकर आया था. जानें क्या बोले पुजारी मंदिर के पुजारी भोले बताते हैं कि 20 सालों से वह यहां पर सेवादार के रूप में है. भगवान शिव की कृपा सभी भक्तों पर रहती है, जो भी व्यक्ति सच्चे मन से यहां पर अपनी हाजिरी लगाता है. भगवान शिव की कृपा उनके ऊपर जरूर होती है, जो श्रद्धालु काशी नहीं जा पाते, उनको कन्नौज के बाबा विश्वनाथ मंदिर में ही दर्शन करने को मिल जाता है. बनारस के ही प्रमुख पुजारी द्वारा मंदिर की स्थापना कराई गई थी. क्योंकि यह दिव्य शिवलिंग मां गंगा की गोद में बहकर आया था, जिस कारण इसकी स्थापना यहां पर हुई थी. जानें श्रद्धालुओं ने क्या कहा श्रद्धालु बताते हैं कि वह सालों से यहां पर आ रहे हैं और बाबा विश्वनाथ के दर्शन उनके लिए उनके दिनचर्या में शामिल हो गया है. एक वक्त ऐसा था जब यहां पर गंगा की तेज धारा बहा करती थी, लेकिन आज मां गंगा यहां से काफी दूर हो गई हैं, लेकिन मां गंगा की धारा में यह शिवलिंग यहां पर आया था, जिसकी स्थापना बनारस के पुजारी द्वारा की गई थी. उनके ही द्वारा बनारस के विश्वनाथ मंदिर की तर्ज पर इस मंदिर का नाम बाबा विश्वनाथ मंदिर रखा गया था. जितना प्रताप बनारस के शिवलिंग के दर्शन प्राप्त करने पर मिलता है, उतना ही प्रताप कन्नौज के इस बाबा विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने पर श्रद्धालुओं को मिलता है. सच्चे मन से मानी हुई सभी मनोकामना श्रद्धालुओं की पूरी होती है. Tags: Kannauj news, Local18FIRST PUBLISHED : August 8, 2024, 13:36 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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