यूपी के इस लाल ने कर दिया कमाल 20 साल की उम्र में बना लेफ्टिनेंट

देवांश मिश्रा ने मात्र 20 साल की उम्र में लेफ्टिनेंट बनकर बाराबंकी जिले का नाम रोशन किया है. देवांश मिश्रा के पिता अनिल मिश्रा पेशे से डाक्टर हैं और मां गीता मिश्रा गृहणी हैं.

यूपी के इस लाल ने कर दिया कमाल 20 साल की उम्र में बना लेफ्टिनेंट
संजय यादव/बाराबंकी: जहाजों को जो डुबा दे, वो तूफान कहलाते हैं. तूफानों से जो टक्कर लेकर, आगे बढ़ जाए उसे ही नौजवान कहते हैं. कुछ ऐसा ही जज्बा बाराबंकी के निवासी लेफ्टीनेंट देवांश मिश्रा ने दिखाया है. देवांश मिश्रा ने मात्र 20 साल की उम्र में लेफ्टिनेंट बनकर बाराबंकी जिले का नाम रोशन किया है. देवांश मिश्रा के पिता अनिल मिश्रा पेशे से डाक्टर हैं और मां गीता मिश्रा गृहणी हैं. अशोक चक्र विजेता मेजर मोहित शर्मा और लांस नायक मोहन नाथ गोस्वामी उनके आदर्श हैं, जिनको देकखर उनके अंदर भी आर्मी में जाने का जज्बा आया. देवांश मिश्रा ने बताया कि वह एनडीए भी क्वालीफाई कर चुके थे. उसमें उनकी ऑल इंडिया 411 रैंक आई थी लेकिन उस समय कुछ मेडिकल इश्यू के चलते वह एनडीए ज्वाइन नहीं कर पाये. जिस वजह  से उन्हें एक साल इंतजार करना पड़ा. उसके बाद उन्होंने सम्मिलित रक्षा सेवा परीक्षा (सीडीएस) दी और उसे पास करके यह कामयाबी हासिल की. उन्होने पहली ही बार में 109वीं रैंक लाकर लेफ्टिनेंट का पद हासिल किया है. चुनौतियां बनाती हैं मजबूत देवांश मिश्रा ने बताया कि उन्होंने इंटरमीडियट तक की शिक्षा शहर के बड़ेल स्थित श्री साई इंटर कॉलेज से  ग्रहण की. जीवन की चुनौतियों ने ही उन्हें मजबूत बना दिया. कड़ी मेहनत और आगे बढ़ने का जज्बा हो तो जीवन में कोई भी काम मुश्किल नहीं है. इंडरमीडिएट के बाद से ही उन्होंने मन बना लिया था कि उन्हें आर्मी में ही जाना है. इसलिए वह पूरी तरह से इसी क्षेत्र में मेहनत कर रहे थे. उन्होंने कहा  वह एक मिडिल क्लास फैमिली से हैं. इसलिए उनके पास ज्यादा ऑपशन नहीं थे. सफल होकर अपना लक्ष्य पाना ही उनके पास मात्र एक विकल्प था. पिता बोले – बेटे पर गर्व है वहीं देवांश के पिता अनिल मिश्रा ने बताया कि इसका बचपन से सपना था देश की सेवा करना. आज इसका सपना पूरा होते देख रहा हूं. क्योंकि यह बचपन में बंकर बनाया करता था और कहता था कि हमें सेना में जाना है. आज इसने अपनी मेहनत और लगन से कर दिखाया. हमें अपने बेटे पर गर्व है. . Tags: Hindi news, Local18, Success StoryFIRST PUBLISHED : April 26, 2024, 14:37 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed