मौसम विभाग की भविष्यवाणी पर लोगों ने उठाए सवाल IMD निदेशक बोले- पहले से बेहतर हुआ है पूर्वानुमान
मौसम विभाग की भविष्यवाणी पर लोगों ने उठाए सवाल IMD निदेशक बोले- पहले से बेहतर हुआ है पूर्वानुमान
IMD, Weather, monsoon forecast: आईएमडी निदेशक ने कहा हिमखंड टूटने से आने वाली आपदाओं का पूर्वानुमान व्यक्त करना आईएमडी के दायरे में नहीं आता है. वहीं, बादल फटने के बारे में दुनिया में कहीं भी भविष्यवाणी नहीं होती है. बादल का फटना एक छोटे दायरे में होने वाली मौसमी घटना होती है. उपग्रह के माध्यम से भी अभी ऐसी घटनाओं का अनुमान नहीं लगाया जा सकता है.
हाइलाइट्सआईएडी निदेशक ने कहा मौसम संबंधी हमारा पूर्वानुमान पिछले कुछ वर्षों में काफी बेहतर हुआ है. उन्होंने कहा कि हमें मौसम के सटीक पूर्वानुमान के लिए ‘मॉडलिंग’ को बेहतर बनाना है जिसमें खास तौर पर डाटा संग्रह पर ध्यान देना है. अधिकारी ने कहा हम उच्च क्षमता की कम्प्यूटर प्रणाली का इंतजार कर रहे हैं. इसके लिए मंजूरी मिल गई है.
नई दिल्ली: भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा हाल में दिल्ली एवं कुछ अन्य स्थानों के लिए की गई मानसून की भविष्यवाणी (Monsoon Forecast) को लेकर सवाल उठाए गए हैं. हिमखंड टूटने और अमरनाथ गुफा (Amarnath Cave) के पास बादल फटने की घटनाओं को लेकर भी सवाल उठे हैं. कुछ लोगों का कहना है कि पश्चिमी देशों के मौसम विभाग की तरह आईएमडी उतना कुशल नहीं है.
देश में मौसम के पूर्वानुमान की चुनौतियों, प्रणाली की कमियों तथा भविष्य की योजनाओं को लेकर भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र से भाषा के पांच सवाल एवं उनके जवाब :
सवाल : हाल में एक रिपोर्ट में आईएमडी के पूर्वानुमान की सटीकता पर सवाल उठाए गए हैं. इस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?
जवाब : मौसम की भविष्यवाणी के मॉडल बड़े पैमाने पर विशिष्ट प्रकार के उपकरणों द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों पर निर्भर करते हैं. इसके लिए रडार, उपग्रह से प्राप्त डेटा, सतह अवलोकन केंद्र और कंप्यूटिंग उपकरण आदि की जरूरत होती है ताकि मौसम की भविष्यवाणी और पूर्वानुमान व्यक्त किया जा सके. हमें यह समझना होगा कि यह एक जटिल प्रक्रिया है.
अखिल भारतीय स्तर पर मौसम संबंधी हमारा पूर्वानुमान पिछले कुछ वर्षों में काफी बेहतर हुआ है. अभी 24 घंटे पहले किया जाने वाला पूर्वानुमान 80 प्रतिशत तक सटीक होता है जबकि पांच साल पहले यह 60 प्रतिशत तक था. वहीं, पांच दिन पहले जारी होने वाली भविष्यवाणी अभी 60 प्रतिशत तक सटीक रही है. पिछले दो वर्षों से हमने बहु-मॉडल डायनामिक पूर्वानुमान शुरू किया है और इससे हमारी सटीकता बढ़ी ही है.
सवाल : देश में हिमखंड टूटने और बादल फटने जैसी मौसमी आपदाएं बढ़ी हैं. विभाग ऐसी घटनाओं को को लेकर सही पूर्वानुमान जारी करने में क्यों विफल रहा है?
जवाब : हिमखंड टूटने से आने वाली आपदाओं का पूर्वानुमान व्यक्त करना आईएमडी के दायरे में नहीं आता है. वहीं, बादल फटने के बारे में दुनिया में कहीं भी भविष्यवाणी नहीं होती है. बादल का फटना एक छोटे दायरे में होने वाली मौसमी घटना होती है. उपग्रह के माध्यम से भी अभी ऐसी घटनाओं का अनुमान नहीं लगाया जा सकता है. बदल फटने की घटनाएं ज्यादातर पहाड़ी इलाकों में होती हैं. इन कारणों से इसका पूर्वानुमान लगाना कठिन है.
सवाल : मौसम पूर्वानुमान में प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. आईएमडी इस दिशा में क्या कर रहा है?
जवाब : हम पूर्वानुमान को बेहतर बनाने के लिए निगरानी प्रणाली का आकार बढ़ाने और प्रारंभिक मौसमी एवं वायुमंडलीय आंकड़ा जुटाने पर ध्यान दे रहे हैं. देश में अभी मौसम विज्ञान से जुड़े 34 रडार हैं जिनमें से पिछले दो-तीन वर्षों में सात रडार लगाए गए हैं. इस वर्ष चार रडार और स्थापित हो जाएंगे. इसके अलावा पूर्वोत्तर क्षेत्र में आठ रडार और देश के मैदानी क्षेत्र में 11 रडार स्थापित होंगे. अगले दो वर्षों में 19 रडार स्थापित होंगे तथा इसके लिए निविदा का कार्य चल रहा है.
विभाग ने मौसम से जुड़ी जानकारी देने के लिए ‘एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस’ तैयार किया है जिसका कोई भी संगठन उपयोग कर सकता है और डाटा संबंधी जानकारी प्राप्त कर सकता है. इसके अलावा ‘न्यू स्पेश एप्लीकेशन’ का उपयोग किया जा रहा है.
सवाल : मौसम पूर्वानुमान को बेहतर बनाने के लिए अभी क्या समस्याएं हैं और कब तक हमारी भविष्यवाणी वैश्विक मानदंडों के अनुरूप हो जाएगी?
जवाब : भारत एक बड़ा देश है जहां अलग-अलग क्षेत्रों की भौगोलिक एवं वायुमंडलीय परिस्थितियां भिन्न हैं. इतने बड़े देश में मौसम के बारे में सटीक अनुमान लगाने के लिए उच्च क्षमता के उपकरण की जरूरत होती है. हम उच्च क्षमता की कम्प्यूटर प्रणाली का इंतजार कर रहे हैं. इसके लिए मंजूरी मिल गई है और हमें दो वर्ष में ऐसी अत्याधुनिक कम्प्यूटर प्रणाली प्राप्त हो जाएगी जिससे मौसम पूर्वानुमान बेहतर हो सकेगा. हम एक रणनीति के तहत काम कर रहे हैं और हमारे इन प्रयासों से अगले पांच वर्षों में आईएमडी के पूर्वानुमान की सटीकता 10-15 प्रतिशत बेहतर होगी.
सवाल : भारत मौसम विज्ञान विभाग की भविष्य की क्या योजनाएं हैं?
जवाब : हमें मौसम के सटीक पूर्वानुमान के लिए ‘मॉडलिंग’ को बेहतर बनाना है जिसमें खास तौर पर डाटा संग्रह पर ध्यान देना है. अब हम छोटे-छोटे क्षेत्र पर आधारित मॉडल पर काम कर रहे हैं. वर्तमान में हमारे मौसम आकलन के मॉडल का दायरा 12 किलोमीटर है जो पहले में 30 किलोमीटर था. हम पांच किलोमीटर क्षेत्र तक के लिए भी पूर्वानुमान व्यक्त करना चाहते हैं. इससे आने वाले दिनों में हम पंचायत स्तर तक मौसम का पूर्वानुमान व्यक्त कर सकेंगे.
हमारी योजना वास्तविक समय के आधार पर हर घर तक मौसम से जुड़ी जानकारी पहुंचाना है. इसके लिए हम उपग्रह का उपयोग करने के साथ ‘क्लाउड सोर्सिंग’ तकनीक का उपयोग रहे हैं.
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Tags: IMD alert, IMD forecast, Weather newsFIRST PUBLISHED : July 17, 2022, 16:22 IST