रुक गई पानी की सप्लाईपाइप से आ रही थी खर-खर की आवाज चेक किया तो

500 हॉर्सपावर की मोटर तो चल रही थी, लेकिन पाइपों से पानी की सप्लाई नहीं हो रही थी. प्लांबर से लेकर इंजीनियर तक पूरा सिस्टम ही परेशान हो गया.

रुक गई पानी की सप्लाईपाइप से आ रही थी खर-खर की आवाज चेक किया तो
हम समुद्र, तालाब, पोखर और छोटी नहरों में मछलियां देखते हैं. अब आप पूछेंगे कि आप हमें मछली के बारे में क्यों बता रहे हैं. क्या कोई इस बात पर विश्वास करेगा कि एक मछली ने पूरे सिस्टम को हिला कर रख दिया. यह घटना आंध्र प्रदेश की है. यहां के अनंतपुर शहर से 42 किलोमीटर दूर पेन्नाहोबिलम जलाशय-पीएबीआर है. शहर में पीने के पानी की सप्लाई यहीं से होती है. पीएबीआर में सिर्फ दो मोटर लगातार चलें तो शहर के चालीस हजार नलों से पानी निकलेगा. शनिवार की शाम पेयजल विभाग के इंजीनियरिंग और अधिकारियों ने देखा कि एक मोटर तो चल रही है, लेकिन पानी नहीं आ रहा है. आखिर समस्या क्या है, यह जानने के लिए 500 हॉर्सपावर के मोटर के 17 पाइपों को हटाकर जांच की गई. इस मशक्कत में कई घंटे लग गए. 4-5 घंटे बीतने के बाद जो चीज सामने आई उसे देखकर वहां मौजूद सभी लोगों ने अपना सिर पकड़ लिया. क्योंकि किसी को नहीं पता थी कि समस्या क्या है. आखिरकार जब मोटर का वॉटर पंप को काटा गया तो उसमें जो चीज थी उसे देखकर अधिकारी हैरान रह गए. पता चला कि उस पंप में करीब 4 फीट लंबी और साढ़े 7 किलो वजन की मछली फंसी हुई थी. इतनी बड़ी मछली पाइप में फंसी होने के कारण पता चला कि उसमें से पानी नहीं निकल रहा है. अधिकारियों ने बताया कि पाइप के किनारे लगा लोहे का जाल हट गया था और मछली पाइप के अंदर घुस गई. इंजीनियरों ने खुलासा किया है कि पंप क्लैंपिंग का काम पूरा होने के बाद कुछ इलाकों में पानी की सप्लाई शुरू कर दी जाएगी. बताया जा रहा है कि इतनी बड़ी मछली देखकर पंपिंग स्टेशन में काम करने वाले कर्मचारियों की बांछें खिल गईं. वहां मौजूद सभी लोगों ने इस मछली से एक बड़ी पार्टी का आयोजन किया. यहां सवाल यह उठता है कि आखिर मछली पाइप में क्या करने गई थी. वैज्ञानिकों ने बताया कि मछली आराम करने के लिए पाइप में चली गई थी. जब भी मछलियों को देखों तो वे हमेशा तैरती ही रहती हैं. उन्हें देखकर सवाल उठता है कि मछलियां सोती कैसे हैं. वे आराम कैसे करती हैं. यहां बता दें कि मछलियां उसी तरह सोती हैं जैसे मनुष्य या अन्य जीव सोते हैं. अधिकांश मछलियां आराम करती हैं. शोध से पता चलता है कि मछलियां खतरे से बचने के लिए सतर्क रहते हुए अपनी गतिविधि को कम कर देती हैं. कुछ मछलियां तैरती हैं, जबकि कुछ मछलियां खुद को कीचड़ या मूंगे में सुरक्षित स्थान पर दबा देती हैं. कुछ मछलियां आराम के लिए एक निश्चित स्थान खोज लेती हैं. जैसे कि पाइप में घुसी मछली ने अपना आशियाना बना लिया. आमतौर पर यह बताना आसान नहीं होता कि मछली कब सो रही है क्योंकि वे हिलती-डुलती नहीं हैं. Tags: Andhra pradesh newsFIRST PUBLISHED : August 7, 2024, 18:32 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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