297 दिनों बाद फिर दिल्ली कूच करने की तैयारी में किसान साथ लाएंगे सामान
297 दिनों बाद फिर दिल्ली कूच करने की तैयारी में किसान साथ लाएंगे सामान
Farmer Protest: इसी साल 13 फरवरी से शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं. अब लगभग 297 दिनों बाद किसानों ने एक बार फिर से दिल्ली चलो का ऐलान किया है. किसान इस बार भी राशन पानी के साथ आ रहे हैं. माना जा रहा है कि वह एक बार फिर सरकार की टेंशन बढाएंगे.
नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में एक बार फिर किसान आने की तैयारी कर रहे हैं. सरकार की टेंशन बढ़ाने के लिए किसानों ने अपने महाप्लान का ऐलान कर दिया है. आज 2 दिसंबर को किसान के 10 संगठन दिल्ली के लिए नोएडा के महामाया फ्लाईओवर से मार्च तो निकालेंगे. लेकिन कई किसान संगठन अपने ‘दिल्ली चलो’ आह्वान पर अडिग हैं. किसान मजदूर मोर्चा (KMM) और संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम, गैर-राजनीतिक) ने 6 दिसंबर से दिल्ली की ओर पैदल मार्च करने की अपनी योजना की घोषणा की है.
235 किलोमीटर का यह मार्च पंजाब के पटियाला जिले के राजपुरा निर्वाचन क्षेत्र में शंभू सीमा से शुरू होगा. केएमएम और एसकेएम (गैर-राजनीतिक) नेताओं के अनुसार, वरिष्ठ नेताओं के नेतृत्व में समूह रोजाना सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक चलेंगे. KMM के संयोजक सरवन सिंह पंढ़ेर ने चंडीगढ़ के किसान भवन में दोनों मंचों की बैठक के बाद कहा, “हाल ही में रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू और हरियाणा के कृषि मंत्री ने संकेत दिया है कि किसान दिल्ली तक पैदल जा सकते हैं. हरियाणा और केंद्र सरकार दोनों को अपनी प्रतिबद्धताओं को कायम रखना चाहिए.”
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297 दिन बाद किसान दिल्ली कर रहे हैं कूच
मालूम हो कि किसान इसी साल 13 फरवरी से शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं. अब लगभग 297 दिनों बाद किसानों ने एक बार फिर से दिल्ली चलो का ऐलान किया है. बॉर्डर पर बैठे किसान 12 अन्य मांगों के साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं.
पंढ़ेर ने ने बताया कि शंभू से शुरू होने के बाद 6 दिसंबर को ही पहला पड़ाव अंबाला के जग्गी सिटी सेंटर में होगा और अगले दिन अंबाला के मोहड़ा में मोर्चा रात्रि विश्राम करेगा, इसके बाद आने वाले दिनों में खानपुर जट्टा और पिपली में भी पड़ाव होगा. उन्होंने कहा, “हम जरूरी सामान के साथ छोटे बैग भी लेकर चलेंगे. हालांकि, शंभू और खनौरी में हमारा धरना वैसे ही जारी रहेगा और यहां से सिर्फ़ टुकड़ियां ही भेजी जाएंगी. अगर हमें दिल्ली में विरोध प्रदर्शन के लिए कोई स्थायी जगह मिल जाती है, तो प्रदर्शनकारी इन राजमार्गों को खाली कर देंगे और अपनी मांगें पूरी होने तक उस असली मोर्चे में हिस्सा लेंगे.”
Tags: Farmer Protest, Kisan AandolanFIRST PUBLISHED : December 2, 2024, 10:10 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed