सीए बनने का सपना कॉमर्स में किया टॉपरोजाना की घंटोंं की पढ़ाई

रोजाना पढ़ाई करने के बाद गाजियाबाद की नितिमा मागो को 12वीं की परीक्षा में कॉमर्स स्ट्रीम के अंदर 99.6% नंबर मिले है. नितिमा आगे चलकर चार्टर्ड अकाउंटेंट बनना चाहती है, इसके लिए उन्होंने अपनी पहली सीढ़ी को पार कर लिया है. नीतिमा रोजाना ही 5 से 6 घंटे की पढ़ाई किया करती थी.

सीए बनने का सपना कॉमर्स में किया टॉपरोजाना की घंटोंं की पढ़ाई
विशाल झा /गाज़ियाबाद : अगर आप अपने भविष्य में अपने लक्ष्य को हासिल करना चाहते हैं तो रोजाना छोटे-छोटे कदमों के साथ आगे बढ़ना जरूरी होता है. कुछ इसी तरीके से गाजियाबाद की नितिमा मागो ने भी अपनी बोर्ड की परीक्षा में सफलता हासिल की. नितिमा के सीबीएसई बोर्ड के 12वीं एग्जाम में कॉमर्स बैकग्राउंड में 99.6% मार्क प्राप्त की. जिसके पीछे की वजह वह रोज लगातार वैल्यू स्टडी को देती हैं. आइए नितिमा की इस सफलता के बारे में जानें. शुरू से ही मुश्किल सब्जेक्ट में बनाई अच्छी पकड़ नितिमा बताती हैं कि कॉमर्स में अच्छे नंबर लाने के लिए उन्होंने शुरू से ही अपने 3 मेन सब्जेक्ट अकाउंट, बिजनेस स्टडी और इकोनॉमिक्स पर पूरा फोकस किया था. छात्रों को वो यह सलाह देना चाहती हैं कि 12वीं कक्षा की शुरुआत से ही अपने अकाउंट्स विषय पर काम करना शुरू कर देना चाहिए और रोजाना ही अलग तरीके के सवालों को सॉल्व करने की प्रैक्टिस करनी चाहिए. नितिमा ने बताया कि बिजनेस स्टडी में रेगुलर रिवीजन करना चाहिए. साथ ही कांसेप्ट को समझने की भी आवश्यकता होती है. बिजनेस स्टडी एक थ्योरी बेस्ड सब्जेक्ट है. ऐसे में जब आप कांसेप्ट को समझ जाएंगे तो आप अपने शब्दों में भी आसानी से आंसर लिख सकते है. अगर बात इकोनॉमिक्स की करें तो उसमें आप क्लासरूम की किताबों के अलावा बाहरी किताबों की भी मदद ले सकते हैं, लेकिन किसी भी परिस्थिति में अपने अंदर के डाउट को दबाना नहीं चाहिए. बल्कि अपने शिक्षक से पूछ लेना चाहिए. क्योंकि ऐसे में आप उस सवाल से भागने लगेंगे और फिर परीक्षा में उसका सामना नहीं कर पाएंगे. रोजाना थोड़ी पढ़ाई है बहुत जरुरी नितिमा ने बताया कि कई विद्यार्थी परीक्षा आते ही घंटों पढ़ने के लिए बैठ जाते हैं. जिससे एग्जाम से पहले सिलेबस कंप्लीट नहीं होने के स्ट्रेस के कारण वह अपना मैक्सिमम परफॉर्मेंस नहीं दे पाते हैं. ऐसे में जरूरी है कि रोजाना ही कुछ घंटे पढ़ाई करें. वह रोजाना ही 5 से 6 घंटे अपनी पढ़ाई को देती थी. जब एग्जाम करीब आए तो रोजाना 7 से 8 घंटे की पढ़ाई करती थी. सेल्फ स्टडी से जागता है विश्वास नितिमा ने बताया कि वह पढ़ाई के समय को महत्व देते हुए डेली टारगेट पर ज्यादा फोकस करती थी. इसके अलावा वह अपने आप को रोज छोटे-छोटे टारगेट देना जरूरी समझती थी, जिससे अपनी वैल्यू स्टडी के बारे में पता लग सके. सिर्फ किताब खोलकर बैठ जाना ही जरूरी नहीं है, बल्कि उस दिन आपका कौन सा कांसेप्ट क्लियर हुआ. इसका रिकॉर्ड रखना भी जरूरी है. सेल्फ स्टडी से ही छात्र के अंदर डीप -स्टडी का विश्वास जागता है. नितिमा ने बताया कि वह आगे चलकर चार्टेड अकाउंटेंट बनना चाहती हैं और फिर अपना बिजनेस करना चाहती हैं. स्पोर्ट्स में थी काफी इंटरेस्ट नितिमा के पिता  ने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी की पढ़ाई में काफी सपोर्ट किया. दिन भर बिटिया पढ़ती रहती थी. ऐसे में अगर कभी कमरा गंदा रह गया तो बतौर अभिभावक उसको साफ कर दिया करते थे. शुरुआत में नितिमा को स्पोर्ट्स में काफी इंटरेस्ट था, जिस कारण से नंबर कम आते थे, लेकिन कक्षा 10th के बाद धीरे-धीरे काफी इंप्रूवमेंट हुई और अब उनकी बेटी टॉपर बन गई है. Tags: Ghaziabad NewsFIRST PUBLISHED : May 16, 2024, 17:11 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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