दो ब्रेन डेड लोगों के शरीर में लगाए गए सुअर के दिल 3 दिन तक सीने में धड़कता रहा जानें क्या है मामला
दो ब्रेन डेड लोगों के शरीर में लगाए गए सुअर के दिल 3 दिन तक सीने में धड़कता रहा जानें क्या है मामला
डॉक्टरों ने बताया कि ट्रांस्प्लांट के दौरान सूअरों के दिलों ने सामान्य रूप से काम किया. उनके संचालन में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं आई. उन्होंने बताया कि ब्रेन-डेड दो मरीजों के सीने में सुअर का दिल तीन दिनों तक धड़कता रहा, जिन्हें वेंटिलेटर का इस्तेमाल करके जिंदा रखा गया था.
नई दिल्ली. न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय (एनवाईयू) के सर्जनों ने दो ब्रेन डेड लोगों में सुअर के दिलों को सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट कर लिया. इस सफलता के बाद बीते मंगलवार को शोधकर्ताओं ने कहा कि मानव अंग की कमी की समस्या को खत्म करने के लिए सुअर के अंगों का सफलतापूर्वक इस्तेमाल करना एक बड़े लक्ष्य को हासिल करने में एक बड़ा कदम है. प्रेस कांफ्रेंस में शोधकर्ताओं ने कहा कि जून और जुलाई में तीन दिवसीय प्रयोगों के दौरान दिलों ने सामान्य रूप से काम किया. ब्रेन-डेड दो मरीजों के सीने में सुअर का दिल तीन दिनों तक धड़कता रहा, जिन्हें वेंटिलेटर का इस्तेमाल करके जिंदा रखा गया था. बता दें कि इसी साल मार्च के महीने में दुनिया में पहली बार सुअर का दिल ट्रांसप्लांट करवाने वाले शख्स की मौत हो गई थी. जनवरी के महीने में एक ऑपरेशन के जरिये सुअर का दिल ट्रांस्प्लांट किया गया था.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक शोधकर्ताओं ने बताया कि न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय ने रिविविकोर इंक के माध्यम से सूअरों के दिलों के प्रोसेस को पूरा करने के बाद उनमें पाए जाने वाले वायरस की जांच के लिए बेहतर निगरानी प्रोटोकॉल का इस्तेमाल किया. जून के महीने में सर्जनों ने आनुवंशिक रूप से सुअर से एक दिल को लॉरेंस केली में ट्रांस्प्लांट किया. वहीं दूसरे मरीज के सीने में 6 जुलाई को सुअर का दिल ट्रांस्प्लांट किया गया था. टीम ने दोनों मरीजों को वेंटिलेटर से हटाने से पहले 72 घंटे तक उनकी निगरानी की. सर्जन नादर मोआज़मी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन तीन दिनों तक, दिलों ने काम किया.
मोंटगोमरी ने कहा, “एक इंसान के सीने के अंदर एक सुअर के दिल को धड़कते हुए देखना अविश्वसनीय है. यह मेरे लिए अपने जीवनकाल में देखने का एक बड़ा सौभाग्य है.” बता दें कि 100,000 से अधिक लोग बॉडी ऑर्गन ट्रांस्प्लांट के इंतजार में हैं. वह यह उम्मीद करते हैं कि किसी और की मौत के चलते उनके लिए एक किडनी, हॉर्ट व फेफड़े उपलब्ध हों. सुअर के बॉडी पार्ट एक संभावित विकल्प नजर आने लगा है. हालांकि पशु अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि अगर अधिक लोग अंग दाता होते तो जानवरों की आवश्यकता नहीं होती.
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Tags: Heart Disease, New YorkFIRST PUBLISHED : July 13, 2022, 10:34 IST