अंग्रेजों का एक ऐसा नियमजिसका भारतीय रेलवे आज भी कर रहा है पालन जानें वजह

Independence Day Special: अंग्रेज तो चले गए. लेकिन उनके कुछ नियम आज भी रेलवे में लागू हैं. आइए जानते हैं इस नियम के बारे में.

अंग्रेजों का एक ऐसा नियमजिसका भारतीय रेलवे आज भी कर रहा है पालन जानें वजह
इटावा/रजत कुमार: एक जमाने पहले अंग्रेज भारत छोड़कर के जा चुके हैं. लेकिन इसके बावजूद भी भारतीय रेल आज भी अंग्रेजों के बने हुए नियमों पर ही चल रही है. अंग्रेजों ने भारतीय रेल को जंजीर से बांधने का नियम अर्से पहले बनाया था. उस नियम का आज भी भारतीय अधिकारी पालन करने में जुटे हुए हैं. बुलेट ट्रेन के अलावा सुपरफास्ट ट्रेनों का संचालन भारत में होने लगा है, लेकिन आज भी अंग्रेजों के कुछ नियम सालों से फॉलो किए जा रहे हैं. रेलवे फॉलो कर रहे हैं अंग्रेजों के नियम अंग्रेजों के नियम के अनुसार ट्रेन के बोगी के पहियों को देशभर में जंजीर ताले से बांधा जाता है. अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी के इंजन और ट्रेन होने के बाद भी अंग्रेजों के इस नियम से स्वतंत्रता नहीं मिल सकी है. सरकार ने हाल ही में अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही कानूनी धाराओं में भी बदलाव भी किया है. इटावा के रेलवे स्टेशन, सराय भूपत स्टेशन, भरथना हो या कोई और, सभी जगह जब कोई ट्रेन का ड्राइवर और हेल्पर ड्यूटी खत्म करके ट्रेन की लूप लाइन पर खड़ी करके जाते हैं. उसके बाद गाड़ियों के इंजन के बगल वाली और ट्रेन के सबसे पीछे पीछे बोगी के पहियों में ताले के साथ जंजीर बांधी जाती है. रेलवे कर्मी ने क्या कहा रेलवे के कर्मी के अनुसार यह तरीका बहुत पुराना है. लेकिन अब टेक्नोलॉजी बदल गई है. फिर भी यह जंजीर ताले की व्यवस्था आज भी बनी हुई है. यह प्रत्येक स्टेशन पर खड़ी गाड़ियों को बांधने की व्यवस्था है. ब्रिटिश हुकूमत ने ट्रेन को जंजीर से बांधने का यह नियम उस समय किस परिस्थितियों में बनाया होगा यह कहा नहीं जा सकता. लेकिन आज के समय में भारतीय रेलवे ने अपने विभाग को टेक्नोलॉजी, सुरक्षा, सुविधा से दिन पर दिन लैस कर रहा है. रेलवे से जुड़े एक कर्मी ने नाम ना लिखने की शर्त पर बताया कि वह लंबे समय से रेल विभाग में कार्य कर रहा है. जब भी कोई माल गाड़ी स्टेशन पर आती है और उसके ड्राइवर और हेल्पर ड्यूटी ऑफ करते है तो उस ट्रेन को दो बोगियों को ताला और जंजीर से बांधा जाता है. इसके साथ दोनों पहियों में लकड़ी के टुकड़े रोक के लिए लगाए जाते हैं. पूरे देश में लागू है यह नियम इटावा के सराय भूपत रेलवे स्टेशन के स्टेशन अधीक्षक एन. एस.यादव ऑफ कैमरा बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से यह कार्य किया जाता है और अभी से नहीं बल्कि शुरुआत से यह नियम है. इसके लिए बकायदा लिखी पढ़ी भी की जाती है. यह नियम देशभर में रेलवे संचालित है. Tags: Independence day, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : August 15, 2024, 13:01 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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