नेचर लवर के लिए यूपी की ये जगह हैं बेहद खास जंगल-घाटी अन्य जगहों से बेहतर
नेचर लवर के लिए यूपी की ये जगह हैं बेहद खास जंगल-घाटी अन्य जगहों से बेहतर
उत्तर प्रदेश के लोग आखिर पहाड़ों पर घूमने क्यों जाते हैं, जबकि यहां भी कई घने जंगल हैं. जैसे चित्रकूट पहुंचने वालों में से कितने लोग जानते हैं कि इस जिले में रानीपुर वन्य अभयारण्य है जो यूपी का चौथा और देश का 53वां 230 किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ टाइगर रिजर्व क्षेत्र है. अयोध्या जाने वाले लोग कतर्निया घाट की खूबसूरती क्यों नहीं देखते. इन सभी सवालों को पर्यावरण एवं वन मंत्री अरुण कुमार सक्सेना ने उठाया है.
लखनऊ /अंजलि सिंह राजपूत: उत्तर प्रदेश के लोग आखिर पहाड़ों पर घूमने क्यों जाते हैं, जबकि यहां भी कई घने जंगल हैं. जैसे चित्रकूट पहुंचने वालों में से कितने लोग जानते हैं कि इस जिले में रानीपुर वन्य अभयारण्य है जो यूपी का चौथा और देश का 53वां 230 किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ टाइगर रिजर्व क्षेत्र है. अयोध्या जाने वाले लोग कतर्निया घाट की खूबसूरती क्यों नहीं देखते. आखिर आदिवासियों को जैविक खेती से क्यों नहीं जोड़ा जा रहा है. इन सभी सवालों को पर्यावरण एवं वन मंत्री अरुण कुमार सक्सेना ने उठाया है.
उत्तर प्रदेश वन निगम स्थापना दिवस के 50 साल पूरे होने पर होटल क्लार्क अवध में गुरुवार को एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान जंगल में आग लगने या शेर और बाघ की मौत या फिर उनके आदमखोर होने जैसी बातों पर भी चर्चा की गई. इस कार्यक्रम में लखनऊ के कई वरिष्ठ पत्रकार भी शामिल हुए, जिसमें एक वरिष्ठ पत्रकार सुनीता एरेन ने हर साल पौधारोपण की संख्या बढ़ाने के साथ ही फर्नीचर भी महंगा होने का मुद्दा उठाया है. उन्होंने कहा कि अब वन विभाग को लकड़ी का सामान निर्माण और स्किल डेवलपमेंट पर जोर देना होगा. ताकि, इसका स्थानीय लोगों को फायदा हो सके.
सोनभद्र से अच्छा जंगल कहीं नहीं
एक और वरिष्ठ पत्रकार भूपेंद्र पांडेय ने सवाल किया कि उत्तर प्रदेश के लोग पहाड़ों पर घूमने न जाए, बल्कि उत्तर प्रदेश के ही सोनभद्र जिले में जाएं. यहां पर देश का सबसे अच्छा जंगल है. नेचर से जुड़े सभी स्थानों को एक टूरिज्म के तहत सुविधाजनक बनाने की जरूरत है. वहीं एक और वरिष्ठ संपादक आशुतोष शुक्ला ने कहा कि जैविक उपज के पीछे दुनिया भाग रही है. जबकि बाजार में उसके नाम पर न जाने क्या कुछ बिक रहा है. आखिर जंगल में रहने वाले आदिवासियों से बेहतर जैविक खेती कौन कर सकता है. पीपीपी मोड पर आदिवासी यह खेती करें तो, जंगल में सुविधा और लोगों की सेहत दोनों ही बढ़ेगी. इस सत्र की अध्यक्षता वन निगम के अपर प्रबंध निदेशक प्रमाणीकरण सुनील कुमार और संचालन सुजाय बनर्जी ने किया. पीएचडी चैंबर आफ कमर्स एंड इंडस्ट्री के मुकेश कुमार सिंह ने भी अपनी मौजूदगी इस प्रोग्राम में दर्ज कराई.
इन मुद्दों पर हुई चर्चा
इस दौरान पर्यावरण एवं वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने कहा कि वनों के वैज्ञानिक प्रबंधन में यूपी अग्रणी राज्य है. वन संरक्षण के क्षेत्र में एक पर्यटक बड़ा योगदान दे सकता है. तेंदूपत्ता जड़ी बूटी बांस और अन्य का मूल्य संवर्धन करने के लिए वन निगम को अध्ययन करने की जरूरत है. इस दौरान अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने किसानों के लिए कार्बन क्रेडिट की दिशा में कार्य करने पर जोर दिया है. प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुधीर कुमार शर्मा ने कहा कि पहले तकनीकी सत्र में रिवर ट्रेनिंग और एक रेस्टोरेशन पर चर्चा की गई. दूसरे में हार्वेस्टिंग प्रोसेसिंग एंड मार्केटिंग ऑफ एनटीएफपी पर विस्तार से चर्चा हुई.
Tags: Best tourist spot, Local18, Lucknow newsFIRST PUBLISHED : June 28, 2024, 12:14 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed