भारत में किस दिन मनाई जाएगी बकरीद मुस्लिम धर्म गुरुओं ने बता दी तारीख
भारत में किस दिन मनाई जाएगी बकरीद मुस्लिम धर्म गुरुओं ने बता दी तारीख
Bakrid 2024: Date फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने बताया ईद उल फित्र के उलट बकरीद का त्योहार चांद दिखने के 10वें दिन मनाया जाता है, इसलिए फौरन ऐलान करने की कोई जरूरत नहीं थी और अलग-अलग जगहों से चांद नज़र आने की तस्दीक (पुष्टि) होने का इंतजार किया गया.
नई दिल्ली. दिल्ली समेत देश भर में इस साल ईद उल अजहा का त्योहार 17 जून को मनाया जाएगा. दिल्ली के चांदनी चौक स्थित फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने बताया कि दिल्ली के आसमान में शुक्रवार शाम बादल छाए रहने की वजह से चांद के दीदार नहीं हो सके, लेकिन देर रात गुजरात, तेलंगाना के हैदराबाद और तमिलनाडु के चेन्नई से इस्लामी कैलेंडर के आखिरी महीने ‘ज़ुल हिज्जा’ का चांद दिखने की खबर आई है.
मुफ्ती मुकर्रम ने कहा, ‘लिहाज़ा, ईद-उल-अजहा का त्योहार 17 जून को मनाया जाएगा.’ उन्होंने बताया कि ईद उल फित्र के उलट बकरीद का त्योहार चांद दिखने के 10वें दिन मनाया जाता है, इसलिए फौरन ऐलान करने की कोई जरूरत नहीं थी और अलग-अलग जगहों से चांद नज़र आने की तस्दीक (पुष्टि) होने का इंतजार किया गया.
ईद के 2 महीने 9 दिन बाद मनाई जाती है बकरीद
इस्लामी कैलेंडर में 29 या 30 दिन होते हैं, जो चांद दिखने पर निर्भर करते हैं. ईद उल ज़ुहा या अज़हा या बकरीद, ईद उल फित्र के दो महीने नौ दिन बाद मनाई जाती है. उधर मुस्लिम संगठन इमारत-ए-शरिया हिंद ने कहा कि 8 जून को इस्लामी कैलेंडर के आखिरी महीने “जिल हिज्जा 1445 की पहली तारीख है और ईद उल जुहा 17 जून बरोज सोमवार को होगी.’
जमीयत उलेमा-ए-हिंद से जुड़े संगठन ने एक बयान में बताया कि गुजरात समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में बकरीद का चांद देखा गया है. जामा मस्जिद के पूर्व शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने भी 17 जून को बकरीद का त्योहार मनाए जाने की घोषणा की.
पैगंबर इब्राहिम की कुर्बानी की याद में मनाई जाती है बकरीद
इस्लामी मान्यता के अनुसार, पैगंबर इब्राहिम अपने पुत्र इस्माइल को इसी दिन अल्लाह के हुक्म पर अल्लाह की राह में कुर्बान करने जा रहे थे, तो अल्लाह ने उनके बेटे को जीवनदान दे दिया और वहां एक पशु की कुर्बानी दी गई थी जिसकी याद में यह पर्व मनाया जाता है.
तीन दिन चलने वाले त्योहार में मुस्लिम समुदाय के लोग अपनी हैसियत के हिसाब से उन पशुओं की कुर्बानी देते हैं, जिन्हें भारतीय कानूनों के तहत प्रतिबंधित नहीं किया गया है. मुफ्ती मुकर्रम ने कहा, ‘मुस्लिम समुदाय के जिन लोगों के पास करीब 613 ग्राम चांदी है या इसके बराबर पैसे हैं या कोई और सामान है, तो उन पर कुर्बानी फर्ज (अनिवार्य ) है.’
Tags: Bakrid wishes, Eid al AdhaFIRST PUBLISHED : June 8, 2024, 12:57 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed