ग्लोबल वार्मिंग का असर! 2037 तक देश में हर 15 सेकंड में एक नए AC की होगी डिमांड
ग्लोबल वार्मिंग का असर! 2037 तक देश में हर 15 सेकंड में एक नए AC की होगी डिमांड
World Bank New Report: विश्व बैंक द्वारा जारी एक ताजा रिपोर्ट ने भारत के लिए चिंता बढ़ा दी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2037 तक भारत में कूलिंग की मांग मौजूदा स्तर से आठ गुना अधिक बढ़ जाएगी. यानी हर 15 सेकंड में एक नए एयर-कंडीशनर की मांग होगी.
हाइलाइट्ससाल 2037 तक भारत में कूलिंग की मांग मौजूदा स्तर से आठ गुना अधिक बढ़ जाएगी. साल 2037 में भारत में हर 15 सेकंड में एक नए एयर-कंडीशनर की मांग होगी. देश भर में 200 मिलियन से अधिक लोग साल 2030 तक घातक गर्मी का सामना करेंगे.
नई दिल्ली. विश्व के साथ-साथ भारत भी ग्लोबल वार्मिंग के कारण खतरनाक रूप से बढ़ती गर्मी और लू से जूझ रहा है. विश्व बैंक द्वारा जारी एक रिपोर्ट ने भारत के लिए और चिंता बढ़ा दी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2037 तक भारत में कूलिंग की मांग मौजूदा स्तर से आठ गुना अधिक बढ़ जाएगी. यानी हर 15 सेकंड में एक नए एयर-कंडीशनर की डिमांड होगी. जिससे अगले दो दशकों में साल भर के ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 435 प्रतिशत की वृद्धि होगी.
TOI के अनुसार इस खतरनाक गर्मी से निपटने के लिए और परिवेश को ठंडा रखने के लिए एक स्थायी रणनीति की जरूरत है. विश्व बैंक की ताजा रिपोर्ट के अनुसार इससे न केवल देश में रोजगार के मौके बनाने और उत्सर्जन को कम करने में मदद मिलेगी बल्कि 2040 तक 1.6 ट्रिलियन डॉलर के निवेश के अवसर भी खुल सकते हैं.
विभिन्न वैज्ञानिक अध्ययनों का उल्लेख करते हुए विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि देश भर में 200 मिलियन से अधिक लोग साल 2030 तक घातक गर्मी का सामना करेंगे. साथ ही लगभग 34 मिलियन लोगों को गर्मी के तनाव से कार्य करने की क्षमता में गिरावट के कारण नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि इस दौरान खाद्य पदार्थों का नुकसान भी बढ़ेगा. इसके परिवहन के दौरान खाद्य पदार्थों के खराब होने की आशंका के कारण नुकसान सालाना 13 अरब डॉलर के करीब पहुंच सकता है.
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भारत में विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर अगस्टे तानो कौमे ने कहा है कि भारत को स्थायी ठंडा करने की रणनीति जीवन और आजीविका को बचाने में मदद कर सकती है. साथ ही यह कार्बन उत्सर्जन को कम कर सकती है और भारत को पर्यावरण के अनुकूल (ग्रीन कूलिंग) करने के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित कर सकती है. मालूम हो कि साल 2019 में केंद्र सरकार ने इमारतों के अंदर ठंडा करने (इनडोर कूलिंग) और कोल्ड चेन, कृषि और फार्मास्यूटिकल्स सहित विभिन्न क्षेत्रों में स्थायी तरीके से ठंडा करने के उपायों के लिए इंडिया कूलिंग एक्शन प्लान (आईसीएपी) लॉन्च किया था.
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Tags: Air Conditioner, Global warming, World bankFIRST PUBLISHED : December 02, 2022, 09:19 IST