नवोदय विद्यालय से 12वीं YouTube से पढ़कर ऐसे क्रैक किया OPSC

Success Story: कहते हैं न कि अगर कुछ करने की चाहत हो, तो उस काम को पूरा होने से कोई नहीं रोक सकता है. ऐसी ही कहानी ओडिशा की एक आदिवासी लड़की की है.

नवोदय विद्यालय से 12वीं YouTube से पढ़कर ऐसे क्रैक किया OPSC
Success Story: अगर कुछ करने की ठान लिया जाए और उसी दिशा में काम किया जाए, तो उसमें सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है. ऐसी ही कहानी ओडिशा की बोंडा आदिवासी की एक लड़की की है. उन्होंने ओडिशा सिविल सेवा में सफलता पाने वाली पहली बोंडा आदिवासी महिला बन गई हैं. इसके बाद से मलकानगिरी जिले के मुदुलीपाड़ा बोंडाघाटी में जश्न का माहौल बन गया है. वह ओडिशा सिविल सेवा परीक्षा (OCS) में सफलता प्राप्त कर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की हैं. हम जिस लड़की की बात कर रहे हैं, उनका नाम बिनी मुदुली है. बोंडा समुदाय की बेटी की प्रेरक यात्रा बिनी मुदुली का जन्म मलकानगिरी जिले के खेमागुड़ा गांव में हुआ. उनके पिता राम मुदुली मुदुलीपाड़ा हाई स्कूल में रसोइया हैं और उनकी मां सुनामणि किरसानी एक आंगनबाड़ी वर्कर हैं. बचपन से शिक्षा के प्रति समर्पित बिनी ने मुदुलीपाड़ा के प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाई की और फिर जवाहर नवोदय विद्यालय (जेएनवी) से कक्षा 12वीं तक की शिक्षा पूरी की. इसके बाद उन्होंने बिक्रम देव कॉलेज, जयपोरे से ग्रेजुएट की डिग्री हासिल की हैं. सेल्फ स्टडी से पाईं सफलता बिनी एक आयुर्वेदिक असिस्टेंट के रूप में कार्यरत थीं. उन्होंने OPSC परीक्षा की तैयारी के लिए ऑनलाइन संसाधनों और यूट्यूब का सहारा लिया. वह बताती है कि उनके माता-पिता उनकी प्रेरणा का सबसे बड़ा स्रोत रहे हैं. साथ ही उनके शिक्षकों, दोस्तों और सहकर्मियों ने भी उन्हें इस सफर में प्रोत्साहित किया है. बिनी ने एसटी कैटेगरी में 596 रैंक हासिल की हैं, जो उनकी मेहनत और आत्म-विश्वास का प्रमाण है. समुदाय के उत्थान के लिए समर्पित प्रयास अपनी सफलता के बाद बिनी कहती है कि मैं सरकार के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करना चाहती हैं कि बोंडा समुदाय के विकास के लिए सभी आदिवासी समर्थक योजनाओं को ठीक से लागू किया जाए. उन्होंने समुदाय के विकास के लिए सक्रिय रूप से काम करने का संकल्प लिया है ताकि अन्य आदिवासी युवाओं को भी आगे बढ़ने का अवसर मिल सके. अन्य सफल उम्मीदवारों का प्रदर्शन मलकानगिरी जिले के अन्य उम्मीदवारों ने भी OPSC परीक्षा में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया: श्यामा माधी – पट्रेल गांव (कोराकुंडा ब्लॉक) से हैं, जिन्होंने 631वीं रैंक हासिल की. भाग्यश्री मिश्रा – मेंडुलुली गांव (मैथिली ब्लॉक) से हैं, जिन्होंने 138वीं रैंक पाई. पिल्होलिका प्रियदर्शिनी – मलकानगिरी सदर ब्लॉक से हैं, जिन्होंने 484वीं रैंक हासिल की. ग्रामीणों का उत्सव और सम्मान समारोह बिनी की इस अभूतपूर्व उपलब्धि पर ग्रामीणों और स्थानीय अधिकारियों ने उनका भव्य स्वागत किया है. शॉल और फूलों का गुलदस्ता देकर बिनी का सम्मान किया गया, जो पूरे समुदाय के लिए गर्व का क्षण था. बिनी मुदुली की इस सफलता ने न केवल बोंडा समुदाय बल्कि पूरे मलकानगिरी जिले को प्रेरित किया है. उनके प्रयास और समर्पण यह साबित करते हैं कि कठिन परिश्रम और आत्म-विश्वास से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है. ये भी पढ़ें… चाचा की सलाह आई काम, जेईई एग्जाम किया क्रैक, अब इस टॉप कॉलेज से कर रही हैं पढ़ाई यूपी में बनना है प्राइमरी शिक्षक, तो कर लें ये काम, नहीं तो हाथ से निकल जाएगा मौका Tags: Jawahar Navodaya Vidyalaya, Jobs, Success Story, Womens Success StoryFIRST PUBLISHED : October 20, 2024, 18:04 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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