Jhansi: 56 साल पुराना मेडिकल कॉलेज हर साल पढ़कर निकलते हैं 100 डॉक्टर
Jhansi: 56 साल पुराना मेडिकल कॉलेज हर साल पढ़कर निकलते हैं 100 डॉक्टर
Jhansi Medical College: उत्तर प्रदेश के झांसी मेडिकल कॉलेज के चाइल्ड वार्ड में आग लग गई, जिससे 10 बच्चों की मौत हो गई. आइए जानते हैं कि यह मेडिकल कॉलेज कब बना था और यहां एमबीबीएस की कितनी सीटें हैं?
Jhansi Medical College: उत्तर प्रदेश के जिस झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने के कारण 10 बच्चों की मौत हुई है. वह कॉलेज लगभग 56 साल पुराना है. इसे झांसी की रानी महारानी लक्ष्मीबाई के नाम पर वर्ष 1965 में इसकी आधारशिला रखी गई और वर्ष 1968 में यह बनकर तैयार हो गया. इस मेडिकल कॉलेज का पूरा नाम महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज झांसी (MLBMCJ) है. यह मेडिकल कॉलेज 380 एकड़ में फैला हुआ है, जो कि देश के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज परिसरों में से एक है. यह अस्पताल कानपुर रोड पर बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर है. हर साल यहां से 50 नए डॉक्टरों का बैच एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करके निकलता है. इसके अलावा पोस्ट ग्रेजुएट की भी 54 सीटें हैं.
किसने रखी थी अस्पताल की नींव
झांसी मेडिकल कॉलेज बनाने की पहल भारत सरकार की तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री डॉ. सुशीला नायर ने की थी. वह झांसी लोकसभा सीट से सांसद भी थीं. 16 दिसंबर 1965 को डॉ. सुशीला नायर ने कॉलेज की आधारशिला रखी. उनका उददेश्य था कि एक ऐसा सरकारी अस्पताल बनाया जाए, जहां बुंदेलखंड के गरीब लोगों का इलाज हो सके. इसके बाद वर्ष 1968 में यह कॉलेज अस्तित्व में आया. 1968 में 50 एमबीबीएस छात्रों का पहले बैच को इस कॉलेज में एडमिशन देकर इसकी शुरूआत की गई. 1970 में प्रोफेसर एस.के. सक्सेना ने कॉलेज के एनाटॉमी विभाग के प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाला. 1 सितंबर 1971 को प्रोफेसर एस.आर. कपूर इस कॉलेज के पहले प्रिंसिपल बने थे.
बेड, डॉक्टर और नर्सों की संख्या कितनी
झांसी मेडिकल कॉलेज में कई विभाग हैं और यहां काम करने वाले डॉक्टर्स और नर्स की संख्या भी अच्छी खासी है. कैंपस में ही आवासीय परिसर भी बना हुआ है. मेडिकल कॉलेज की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक अस्पताल में कुल 700 बेड हैं. यहां पर 45 सीनियर डॉक्टर्स और इंटर्न सहित लगभग 200 जूनियर डॉक्टर्स तैनात हैं. इसके अलावा 106 नर्स भी कार्यरत हैं. अस्पताल का इमरजेंसी वार्ड 24 घंटे खुला रहता है. अस्पताल में बर्न यूनिट भी बनाई गई है. इसके अलावा यहां 24 प्राइवेट वार्ड भी हैं. यही नहीं झांसी मेडिकल कॉलेज में कैंसर उपचार इकाई भी है.
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मध्य प्रदेश से भी आते हैं मरीज
झांसी मेडिकल कॉलेज में केवल झांसी के शहरी व ग्रामीण इलाकों के लोग ही इलाज कराने नहीं आते बल्कि यहां मध्य प्रदेश के कई जिलों के मरीज भी पहुंचते हैं. इसमें ग्वालियर, ललितपुर आदि जिलों के लोग यहां इलाज कराने आते है.
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Tags: Government Medical College, Jhansi news, MBBS studentFIRST PUBLISHED : November 16, 2024, 08:21 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed