DU के इस कॉलेज से पढ़ेअब ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के चांसलर के रेस में हैं शामिल
DU के इस कॉलेज से पढ़ेअब ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के चांसलर के रेस में हैं शामिल
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के चांसलर का चुनाव चल रहा है. इस रेस में सबसे आगे भारतीय मूल के अंकुर शिव भंडारी शामिल हैं. अंकुर ने दिल्ली विश्वविद्यालय के इस कॉलेज से पढ़ाई की हैं.
दुनिया के नंबर 1 यूनिवर्सिटी में शुमार ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (Oxford University) में अभी चांसलर का चुनाव चल रहा है. चांसलर के चयन के इस रेस में 38 फाइनलिस्टों के नाम जारी किए गए हैं. इनमें से कई भारतीय मूल के उम्मीदवार शामिल हैं. इस रेस में सबसे आगे भारतीय मूल के उम्मीदवारों में बर्कशायर में ब्रैकनेल फॉरेस्ट के पहले भारतीय मूल के मेयर अंकुर शिव भंडारी हैं. इसके अलावा इंटरनेशनल एंटरप्रेन्योर के प्रोफेसर निरपाल सिंह पॉल भंगल और मेडिकल स्पेशलिस्ट प्रतीक तरवाडी शामिल हैं.
दिल्ली विश्वविद्यालय से की पढ़ाई
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के चांसलर के रेस में आगे रहने वाले अंकुर शिव भंडारी (Ankur Shiv Bhandari) का जन्म फरीदाबाद, हरियाणा में हुआ था. उनकी प्रारंभिक शिक्षा सेंट एंथोनी सेकेंडरी स्कूल और डीएवी पब्लिक स्कूल, सेक्टर-14, फरीदाबाद से हुई. इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेज ऑफ़ बिज़नेस स्टडीज़ (अब शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ़ बिज़नेस स्टडीज़) से बिज़नेस स्टडीज़ में ग्रेजुएट की डिग्री प्राप्त की. वर्ष 2001 में वे एमबीए करने के लिए यूनाइटेड किंगडम गए और डीमोंटफोर्ट यूनिवर्सिटी के लीसेस्टर बिजनेस स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी की.
प्रोफेशनल्स सफर और सामाजिक योगदान
अंकुर (Ankur Shiv Bhandari) एक सफल एंटरप्रेन्योर हैं और शॉपर मार्केटिंग एवं डिजिटल ट्रेनिंग के क्षेत्र में व्यवसाय का संचालन करते हैं. इससे पहले उन्होंने प्रॉक्टर एंड गैंबल, एक्सेंचर और डब्ल्यूपीपी जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों में उच्च पदों पर कार्य किया. वे लंदन स्थित वर्शिपफुल कंपनी ऑफ़ मार्केटर्स के लिवरीमैन भी हैं और प्रोफेशनल रूप से दुनिया के 50 से अधिक देशों में काम करने का अनुभव रखते हैं. अंकुर अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ पिछले 17 वर्षों से ब्रैकनेल में रह रहे हैं.
MBA के साथ लॉ की भी हासिल की डिग्री
अंकुर के एजुकेशन में एमबीए के साथ-साथ पोस्ट-ग्रेजुएट टीचिंग योग्यता भी शामिल है, और वे लॉ में मास्टर्स की डिग्री भी प्राप्त की हैं. भारत और यूके में प्रोफेशनल और हेल्प एक्टिविटीज के माध्यम से वे दोनों देशों से सक्रिय रूप से जुड़े रहते हैं. अंकुर शिव भंडारी का यह कार्यकाल न केवल विविधता और समावेशिता को बढ़ावा देता है बल्कि ब्रैकनेल फ़ॉरेस्ट के सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों को भी सशक्त करता है. उनके नेतृत्व से समुदाय में नए दृष्टिकोण और ऊर्जा आने की उम्मीद है.
चांसलर का चुनाव और मतदान प्रक्रिया
चांसलर का पद मानद है और इसके लिए कोई पारिश्रमिक नहीं दिया जाता. लॉर्ड पैटन, जिन्होंने 21 वर्षों तक इस भूमिका में सेवाएं दीं. वर्ष 2024 के ट्रिनिटी टर्म के अंत में सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं. उनके उत्तराधिकारी का चुनाव यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों और ग्रेजुएटों द्वारा ऑनलाइन मतदान के माध्यम से किया जाएगा. नए चांसलर का चयन न केवल ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की परंपराओं का हिस्सा है, बल्कि इस प्रतिष्ठित संस्था के शैक्षणिक और वैश्विक भविष्य की दिशा तय करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
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Tags: Delhi University, Oxford universityFIRST PUBLISHED : October 17, 2024, 13:59 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed