ऑनलाइन और डिस्टेंस लर्निंग में क्या अंतर है किस कोर्स में मिलेगा फायदा

Online Education, Distance Learning: भारत में शिक्षा को काफी महत्व दिया जाता है. स्कूल से लेकर कॉलेज लेवल तक, एजुकेशन हासिल करने के कई मीडियम हैं. हायर एजुकेशन के लिए जो स्टूडेंट्स कॉलेज या यूनिवर्सिटी जाकर पढ़ाई नहीं कर सकते हैं, वो ऑनलाइन या डिस्टेंस लर्निंग मोड में डिग्री हासिल कर सकते हैं.

ऑनलाइन और डिस्टेंस लर्निंग में क्या अंतर है किस कोर्स में मिलेगा फायदा
नई दिल्ली (Online Education, Distance Learning). कई स्टूडेंट्स 12वीं के बाद यानी ग्रेजुएशन की पढ़ाई के साथ नौकरी करते हैं. उनके लिए ऑफिस और क्लासेस को मैनेज करना मुश्किल हो जाता है. ये स्टूडेंट्स ऑनलाइन या डिस्टेंस लर्निंग को प्राथमिकता देते हैं. कई लोग ऑनलाइन एजुकेशन और डिस्टेंस लर्निंग को एक ही समझ लेते हैं, जबकि दोनों एक-दूसरे से बिल्कुल अलग हैं. अगर आप भी 12वीं बोर्ड परीक्षा या ग्रेजुएशन के बाद घर में रहकर पढ़ाई करना चाहते हैं तो जानिए दोनों के बीच अंतर. ऑनलाइन एजुकेशन और डिस्टेंस लर्निंग, दोनों ही भारतीय एजुकेशन सिस्टम का हिस्सा हैं. इन दिनों ज्यादातर यूनिवर्सिटीज फिजिकल क्लासेस के साथ ही ऑनलाइन एजुकेशन और डिस्टेंस लर्निंग के ऑप्शन भी दे रही हैं. कई स्टूडेंट्स इन दोनों लर्निंग मोड्स के बीच काफी कंफ्यूज्ड रहते हैं. अगर आपके साथ भी ऐसा है और आप पढ़ाई के लिए इन दोनों विकल्पों में से किसी एक को ऑप्ट करना चाहते हैं तो जानिए ऑनलाइन एजुकेशन और डिस्टेंस लर्निंग के बीच अंतर. Distance Learning: डिस्टेंस लर्निंग क्या है? डिस्टेंस एजुकेशन को ‘Correspondence Course’ भी कहा जाता है. इसमें स्टडी मटीरियल और अन्य रिसोर्सेस पोस्ट के जरिए स्टूडेंट्स को भेजे जाते हैं. मौजूदा दौर में कई यूनिवर्सिटीज ईमेल के माध्यम से भी स्टडी मटीरियल भेजने लगी हैं. इन दिनों ज्यादातर कॉन्टेंट वीडियो ट्यूटोरियल के रूप में होता है. इसमें पीडीएफ और अन्य डॉक्यूमेंट्स शामिल होते हैं. इस मोड में टीचर और स्टूडेंट के बीच खास संवाद नहीं होता है. स्टूडेंट्स अपने स्तर पर पढ़ाई करते हैं. डिस्टेंस लर्निंग मोड में कोर्स खत्म करने के लिए कोई शेड्यूल फिक्स नहीं किया जाता है. ज्यादातर यूनिवर्सिटी या संस्थान स्टूडेंट्स को उनकी स्पीड पर कोर्स खत्म करने की अनुमति देते हैं. डिस्टेंस कोर्स के दौरान सिर्फ एग्जाम और प्रोजेक्ट्स के सबमिशन शेड्यूल का पालन करना होता है. डिस्टेंस लर्निंग मोड में पढ़ाई करने के लिए स्टूडेंट का अनुशासित होना जरूरी है क्योंकि इसमें ऊपर से कोई रोकने या टोकने के लिए नहीं होता है. यह भी पढ़ें- दिल्ली में अब नहीं होगी ऑनलाइन स्कूल, नोएडा में भी ऑफलाइन लगेगी क्लास Online Education: ऑनलाइन एजुकेशन क्या है? ऑनलाइन एजुकेशन मोड में स्टूडेंट्स को डिजिटल मीडियम में शिक्षा प्रदान की जाती है. इसमें पढ़ाई, लेक्चर और परीक्षाओं के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल किया जाता है (दोनों तरफ से ही). ऑनलाइन लर्निंग मोड में स्टूडेंट्स को वर्चुअल लर्निंग एनवायरनमेंट (VLE) के जरिए लाइव या रिकॉर्डेड विडियो लेक्चर, असाइनमेंट, स्टडी मटीरियल उपलब्ध करवाए जाते हैं. इसमें परीक्षाएं भी ऑनलाइन मोड में ही आयोजित की जाती हैं. ऑनलाइन एजुकेशन सिस्टम में स्टूडेंट्स अपने समय और समझ के अनुसार पढ़ाई कर सकते हैं. इसमें स्टूडेंट्स को यूनिवर्सिटी/कॉलेज/संस्थान के पर्सनल वेब पोर्टल जरिए स्टडी मटीरियल मिल जाता है. साथ ही रिकॉर्डेट लाइव क्लासेस को दोबारा भी देख सकते हैं. ऑनलाइन एजुकेशन मोड उन स्टूडेंट्स के लिए ज्यादा सुविधाजनक होता है, जो जॉब के साथ पढ़ाई करना चाहते हैं लेकिन समय की कमी के कारण कहीं एडमिशन नहीं ले पाते हैं. Difference between Online Education and Distance Learning: डिस्टेंस और ऑनलाइन एजुकेशन में क्या अंतर है? डिस्टेंस लर्निंग और ऑनलाइन एजुकेशन क्या है, यह तो आप समझ ही गए होंगे. अब दोनों के बीच कुछ बड़े अंतर भी समझ लीजिए. इससे एडमिशन का फैसला लेना आसान हो जाएगा. 1- कैसे होगी पढ़ाई: ऑनलाइन एजुकेशन और डिस्टेंस लर्निंग का एक बड़ा अंतर यह है कि ऑनलाइन एजुकेशन मोड में वर्चुअल लर्निंग एनवायर्मेंट के जरिए पढ़ाई होती है, जबकि डिस्टेंस लर्निंग में पोस्टल या ईमेल के जरिए स्टडी मटीरियल उपलब्ध करवा दिया जाता है. डिस्टेंस लर्निंग में आप अकेले पढ़ाई करते हैं, जबकि ऑनलाइन की वर्चुअल क्लास में अन्य स्टूडेंट्स भी होते हैं. ऑनलाइन शिक्षा को मॉडर्न मॉडल के रूप में देखा जाता है और डिस्टेंस शिक्षा को ट्रेडिशनल मॉडल के तौर पर. 2- इंटरैक्शन एंड कम्युनिकेशन: ऑनलाइन एजुकेशन सिस्टम में स्टूडेंट्स के आपसी कम्युनिकेशन के लिए कई तरह के टूल्स उपलब्ध होते हैं, जैसे कि चैट बॉक्स, वीडियो कॉल एप्लिकेशन, डिस्कशन फोरम आदि. वहीं, डिस्टेंस मोड में स्टूडेंट्स अकेले पढ़ाई करते हैं और टीचर्स के साथ भी डायरेक्ट कम्युनिकेट नहीं कर सकते हैं. हालांकि डिस्टेंस मोड से पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स विभिन्न ऑनलाइन फोरम के जरिए स्टूडेंट्स और टीचर्स से बातचीत कर सकते हैं. 3- फ्लेक्सिबिलिटी: डिस्टेंस और ऑनलाइन लर्निंग मॉड्यूल्स, दोनों ही इस मामले में ठीक हैं. जॉब के साथ पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स इन दोनों में से किसी में भी एडमिशन लेकर टाइम मैनेज कर सकते हैं. डिस्टेंस एजुकेशन में स्टूडेंट्स अपने समय और लोकेशन के अनुसार पढ़ाई करते हैं. यह कोर्स उनके लिए बेस्ट है, जो पर्सनल कामों में उलझे हुए हैं या कहीं नौकरी कर रहे हैं. इससे उन्हें किसी भी चीज के साथ समझौता करने की जरूरत नहीं होती है. 4- कॉस्ट: इन दिनों हायर एजुकेशन अफोर्ड कर पाना आसान नहीं है. कई स्टूडेंट्स यूनिवर्सिटी की फीस ज्यादा होने की वजह से 12वीं के बाद पढ़ाई नहीं कर पाते हैं. रेगुलर एजुकेशन की तुलना में ऑनलाइन और डिस्टेंस लर्निंग सेंटर की फीस कम होती है. इससे इनमें एडमिशन लेना आसान हो जाता है. अगर आप आर्थिक रूप से ज्यादा सक्षम नहीं हैं तो इन दोनों में से किसी भी कोर्स में एडमिशन लेकर हायर एजुकेशन का सपना पूरा कर सकते हैं. Tags: Online education, Online Study, University educationFIRST PUBLISHED : December 6, 2024, 11:40 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed