सोने के भाव बिकता है ये मशरूम अमीर लोग भी नहीं कर पाते अफोर्ड खेती से पहले ज

keeda jadi mushroom ki kheti: बाजार में कीड़ा जड़ी मशरूम की कीमत लाखों में है. इसे अमीर लोग भी जल्दी नहीं खरीद पाते हैं. अगर किसान इसकी खेती के बारे मे सोच रहे हैं तो कुछ बातें जरूर जान लें. क्योंकि, ये खेती जोखिम भरी होती है. इसमें किसान कंगाल भी हो सकते हैं.

सोने के भाव बिकता है ये मशरूम अमीर लोग भी नहीं कर पाते अफोर्ड खेती से पहले ज
अंकुर सैनी/सहारनपुर: आपने अक्सर किसानों को विभिन्न प्रकार की मशरूम की खेती करते हुए देखा होगा. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी दुर्लभ वैरायटी कीड़ा जड़ी मशरूम के बारे में बता रहे हैं, जिसके दाम सुनकर आप चौंक जाएंगे. इस मशरूम की मार्किट वेल्यू 4 से 5 लाख रुपये प्रति किलो तक है. हालांकि, इसकी खेती में अत्यधिक जोखिम जुड़ा हुआ है. और कृषि विज्ञान केंद्र से सलाह लिए बिना इसे शुरू करना आर्थिक रूप से घातक साबित हो सकता है. कीड़ा जड़ी मशरूम कैंसर के इलाज में सहायक होने के साथ-साथ एक शक्तिशाली एनर्जी बूस्टर का काम करती है. इसका उपयोग खासतौर पर फाइव स्टार होटलों और वीआईपी लोगों द्वारा किया जाता है. यह मशरूम देखने में केसर जैसी होती है. और पानी में डालने पर पानी का रंग पीला हो जाता है. इसे ऊर्जा बढ़ाने वाले ड्रिंक के रूप में प्रयोग किया जाता है. कीड़ा मशरूम की खेती से पहले जान लें जोखिम कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी और प्रोफेसर डॉ. आईके कुशवाहा ने बताया कि कीड़ा जड़ी मशरूम की खेती मुख्य रूप से बर्फीले क्षेत्रों में की जाती है. लेकिन, अब इसे धान की भूसी पर प्रयोगशाला में भी उगाया जा सकता है. हालांकि, इस मशरूम की खेती करने से पहले पूरी जानकारी लेना जरूरी है. क्योंकि, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पैदावार बढ़ने के बावजूद इसकी डिमांड सीमित है. इसके कारण कुछ किसानों को नुकसान भी हुआ है. यह भी पढ़ें- इस किस्म का धान किसानों को बना रहा धनवान! बाजार में भी अधिक है डिमांड सही जानकारी के बाद शुरू करें कीड़ा मशरूम की खेती प्रोफेसर कुशवाहा ने किसानों को महंगी मशरूम की खेती शुरू करने से पहले कृषि विज्ञान केंद्र से सही जानकारी लेने की अपील की है. उन्होंने बताया कि कीड़ा जड़ी मशरूम में एंटी-कैंसर गुण होते हैं और यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करती है. लेकिन उन्होंने किसानों को इस मशरूम की खेती के बजाय अन्य वैरायटी की मशरूम की खेती करने की सलाह दी है, क्योंकि इसमें लाभ की संभावना कम और नुकसान का जोखिम अधिक है. Tags: Agriculture, Kisan, Local18, Saharanpur newsFIRST PUBLISHED : September 10, 2024, 10:43 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed