NEET पेपर लीक विवाद में नया मोड़ ED की हो सकती है एंट्री बिहार पुलिस ने

NEET Paper Leak: ईओयू ने पिछले महीने नीट-यूजी 2024 में कथित पेपर लीक की जांच के तहत 13 लोगों को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार आरोपियों में दानापुर नगर परिषद के एक जूनियर इंजीनियर सिकंदर यादवेंदु, उसके रिश्तेदार अमित आनंदए नीतीश कुमार और अभ्यर्थी एवं उनके माता.पिता तथा अन्य शामिल थे.

NEET पेपर लीक विवाद में नया मोड़ ED की हो सकती है एंट्री बिहार पुलिस ने
पटना. बिहार पुलिस ने पिछले महीने यहां तलाशी के दौरान एक फ्लैट से बरामद किए गए कागजातों की तुलना करने के लिए राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) से नीट-यूजी 2024 के संदर्भ प्रश्न पत्र प्राप्त करने का दावा करते हुए शनिवार को कहा कि वह इस मामले में आरोपियों का ‘नार्को एनालिसिस’ और ‘ब्रेन मैपिंग’ करने की संभावना भी तलाश रही है. इस मामले की जांच कर रही बिहार आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के उच्च पदस्थ सूत्रों ने यह भी संकेत दिया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मई में एनटीए द्वारा आयोजित मेडिकल प्रवेश परीक्षा-राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (स्नातक) या नीट में कथित अनियमितताओं के मनीलॉन्ड्रिंग पहलू की जांच कर सकता है. इओयू के एक सूत्र ने कहा, “ईओयू की प्राथमिकी के आधार पर, ईडी मनीलॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की संगत धाराओं के तहत मामले की जांच कर सकती है. इस केंद्रीय एजेंसी द्वारा इस अपराध में इस्तेमाल राशि की पहचान करने और आरोपियों या संदिग्धों से संबंधित संपत्तियों को कुर्क करने की कार्यवाही शुरू करने की उम्मीद है.” बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक अभयानंद ने ‘पीटीआई’ से कहा, “इसमें कोई संदेह नहीं है कि नीट-यूजी 2024 परीक्षा में गंभीर अपराध हुए हैं. प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि पेपर लीक हुआ था… अब तक जुटाए गए सबूत भी पेपर लीक होने का संकेत दे रहे हैं. मामले की जांच पीएमएलए के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत भी की जानी चाहिए क्योंकि इस मामले में काला धन शामिल है.” सूत्रों के मुताबिक इस मामले में गिरफ्तार कुछ आरोपी पूछताछ के दौरान परस्पर विरोधी बयान दे रहे हैं या अपने बयान बदल रहे हैं. उनके अनुसार ईओयू मामले में कुछ गिरफ्तार आरोपियों पर “नार्को विश्लेषण” और “ब्रेन मैपिंग” परीक्षण करने की संभावना भी तलाश रही है. सूत्रों ने कहा कि ये वैज्ञानिक परीक्षण जांचकर्ताओं को कुछ नए सुराग प्रदान कर सकते हैं. सूत्रों ने कहा, “अधिकारियों को पहले आरोपी की सहमति लेने की आवश्यकता होगी क्योंकि कानूनी प्रावधानों में कहा गया है कि उनकी अनुमति के बिना ऐसा परीक्षण नहीं किया जा सकता है.” सूत्रों ने बताया कि व्यक्ति की सहमति के बिना ब्रेन मैपिंग और नार्को-विश्लेषण परीक्षण अवैध हैं. सुत्रों के अनुसार ईओयू ने राज्य के कुछ और निजी पेशेवर कॉलेजों की भूमिका की भी जांच शुरू कर दी है, जिन्होंने कथित तौर पर नीट परीक्षा में वास्तविक उम्मीदवारों की जगह प्रश्न पत्र हल करने वालों को भेजे थे. संदेह है कि निजी कॉलेजों/संस्थानों के प्रश्न पत्र हल करने वालों को पांच मई को परीक्षा के दौरान संबंधित परीक्षा केंद्रों के अधिकारियों की मिलीभगत से वास्तविक उम्मीदवारों की जगह परीक्षा में बैठने की अनुमति दी गई थी. सूत्रों का कहना है कि उम्मीदवारों, अधिकारियों और बिचौलियों के बीच मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता है. अयोग्य उम्मीदवारों ने डमी उम्मीदवारों के बगल में रणनीतिक रूप से बैठने के लिए बिचौलियों के माध्यम से अधिकारियों को रिश्वत दी. इस कड़ी की जांच की जा रही है. सूत्रों ने बताया कि नालंदा जिले में कुछ संदिग्धों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान चलाया गया. Tags: Bihar police, NEET, Neet exam, UgcFIRST PUBLISHED : June 22, 2024, 23:25 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed