देसी दीये बिन कैसी दिवाली पर काली मिट्टी की कमी ने रोकी चाक की रफ्तार जानें कैसा है दीपावली पर दीयों का बाजार

Deepawali 2022: दीपों का पर्व दीपावली भले ही रंगीन सतरंगी बल्ब से शहरों कस्बों की अट्टालिकाओं को रोशनी से चकाचौंध करता हो, पर आस्था के साथ बना मिट्टी के दीयों का एक अलग महत्व है. दीयों की मांग दीपावली पर हमेशा से ही रही है, लेकिन मिट्टी के दीयों के निर्माताओं के सामने कई तरह की चुनौतियां भी रही हैं. मध्य प्रदेश में जहां लगातार बारिश के कारण खेतों और खदानों में पानी भरा रहा तो वहीं यूपी के बुंदेलखंड में मिट्टी मिलना ही मुश्किल काम रहा है.

देसी दीये बिन कैसी दिवाली पर काली मिट्टी की कमी ने रोकी चाक की रफ्तार जानें कैसा है दीपावली पर दीयों का बाजार
हाइलाइट्समिट्टी नहीं मिली तो पुश्तैनी चाक बंद हो गया, दीये बाहर से खरीदेः रामदयालबुंदेलखंड में काली मिट्टी ही जुटाना हुआ मुश्किल झांसी/ भोपाल. इस बार बाजारों में दीपावली की खास रौनक देखने को मिल रही है. कोरोना के बाद बाजारों में बहार है. दीपों का पर्व दीपावली भले ही रंगीन सतरंगी बल्ब से शहर की अट्टालिकाओं को रोशनी से चकाचौंध करता हो, पर आस्था के साथ बना मिट्टी के दीयों का एक अलग महत्व है. दीयों की मांग दीपावली पर हमेशा से ही रही है, लेकिन मिट्टी के दीयों के निर्माताओं के सामने कई तरह की चुनौतियां भी रही हैं. इसका फर्क कीमत पर भी पड़ा है. मध्य प्रदेश में जहां लगातार बारिश के कारण खेतों और खदानों में पानी भरा रहा तो वहीं यूपी के बुंदेलखंड में मिट्टी मिलना ही मुश्किल हो गई है. दीपावली पर्व पर मिट्टी के दीयों की एक अलग की धार्मिक मान्यता रही है.मद्धिम सा जलता हुआ मिट्टी का दीया परंपरा को जीवित रखकर तमसो मा ज्योतिर्गमय का संदेश देता है. इस पुरातन परंपरा के जीवित रहने के कारण ही कुम्भकारों के आंगन में परंपरागत रूप से चाक पर दीये का निर्माण हो रहा है. इस वर्ष चाइनीज झालर की बजाय मिट्टी के दीयों की ही मांग तेज है तो पुश्तैनी दीया निर्माता कुम्हारों के सामने मिट्टी को लेकर संकट होने लगा है. शहरी विस्तार ने मिट्टी का अभाव पैदा कर दिया है. दीया निर्माण के लिए काली और चिकनी मिट्टी की जरूरत होती है. इसकी कमी का असर यह है कि कभी पच्चीस रुपये के 100 मिलने वाले दीये इस बार 100 रुपये के 50 और 25 ही मिल रहे हैं. मध्य प्रदेश के भोपाल के पास खजूरी गांव में रहने वाले कुम्भकार रामदयाल प्रजापति कहते हैं कि उनके यहां पुश्तैनी मिट्टी के बर्तन और दीये बनाने का कार्य होता रहा है. इस बार पहली बार उनके आंगन का चाक बंद हो गया. (Photo news 18) मध्य प्रदेश के भोपाल के पास खजूरी गांव में रहने वाले कुम्भकार रामदयाल प्रजापति कहते हैं कि उनके यहां पुश्तैनी मिट्टी के बर्तन और दीये बनाने का कार्य होता रहा है. इस बार पहली बार उनके आंगन का चाक बंद हो गया. रामदयाल कहते हैं इस बार इतनी अधिक बारिश हुई है कि खेतों और खदानों में पानी भरा है. इससे उनको काली मिट्टी मिलना मुश्किल हो गया. इसी के चलते वह पहली बार दीयों को दूसरी जगह से खरीदकर दीपावली पर बेचने आए हैं. उनका कहना है कि दीये बाहर से लाने में अधिक पैसा देना पड़ता है साथ ही लाने और ले जाने में टूट फूट होने से जो नुकसान हो रहा उससे दीये मंहगे बेचना उनकी मजबूरी है. मिट्टी नहीं मिली तो पुश्तैनी चाक बंद हो गया, दीये बाहर से खरीदेः रामदयाल भोपाल के पिपलानी बाजार में दीये की दुकान लगाए पार्वती प्रजापति कहती हैं कि इस बार उन्होंने खुद दीये नहीं बनाए हैं इससे उनका मुनाफा घट गया है. लोगों को मिट्टी के दीये पसंद आते हैं. मंहगे हैं तब भी वे खरीद रहे हैं, लेकिन 100 दीये खरीदने वाले 50 और 25 से ही काम चला रहे हैं. वहीं ललित कुम्हार कहता है कि उसने 900 रुपये में 1 हजार दीये खरीदे हैं. जिस गांव से वह दीये लाया है वहां मिट्टी मिलना आसान नहीं रहा. यही कारण है कि महंगाई दिख रही है. बुंदेलखंड में काली मिट्टी ही जुटाना हुआ मुश्किल बुंदेलखंड के ललितपुर में तो काली मिट्टी मिलना ही मुश्किल काम है. यह इलाका पथरीला और लाल मिट्टी वाला रहा है. इसी के चलते यहां किसान के खेतों से मिट्टी लानी पड़ती है. पहले तो फ्री में मिट्टी मिल जाती थी, लेकिन अब इसे मंहगे दामों में खरीदना पड़ता है. सुरेश प्रजापति कहते हैं कि बारिश लगातार होने से काली और चिकनी मिट्टी को खोदना कठिन काम है. इसी के चलते मिट्टी कम मिली है. कुछ किसानों के खेतों से कुछ मिट्टी लाकर इस बार चाक घूमा है. सुरेश कहते हैं कि दीयों की मांग भी पहले से अधिक बढ़ी है, लेकिन ये मंहगे बेचना उनकी मजबूरी है. वहीं प्रहलाद कुम्हार कहते हैं हम लोगों को मिट्टी ढुलाई में ही तीन से चार हजार रुपए प्रति ट्रैक्टर ट्राली खर्च करते हैं. यही वजह है कि ललितपुर में दीया एक रुपए के हिसाब से यानि 100 रुपये प्रति सैकड़ा की दर से दीये बेचे जा रहे हैं. बड़े दीयों की कीमत बाजार में दो रुपए प्रति पीस है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Bhopal news, Deepawali 2022, Jhansi news, Mp newsFIRST PUBLISHED : October 24, 2022, 06:37 IST