रामपुर. यूपी के रामपुर में नवाबों ने कई विशाल ऐतिहासिक बाग विकसित किए थे. इन्हीं में से एक कोठी खास बाग है, जो रामपुर के गौरव का प्रतीक है. 400 एकड़ से अधिक जगह में फैला यह बाग इस शहर की शौर्यगाथा को बतलाता है. ये करीब 100 साल पुराना बाग है. कहा तो ये भी जाता है कि जिले में इससे बड़ा बाग कोई और नहीं है और इस बाग में लगे आम की वैरायटी भी बेहद जायकेदार है.
इन दिनों फलों के राजा आम का मौसम है, तो रामपुरी आम का जिक्र आना लाजिमी है. खासकर, यहां के कोठी खास बाग के आम.नवाबी दौर से ही देश ही नहीं बल्कि विदेशों तक अपनी धाक जमाए हुए है. कोठी ख़ास बाग़ अपने नयाब महल के लिए तो जाना ही जाता है. साथ ही लोग इसे अलग-अलग किस्मों के आमों के लिए भी जानते हैं.
400 एकड़ में फैला है बाग
400 से भी अधिक एकड़ में फैले इस बाग को 1930 में नवाब हामिद अली खान के दौर में विकसित किया गया था. खास बाग में आम की कई नयाब प्रजातियों के पेड़ हैं. यहां लंगड़ा, दशहरी, चौसा, तोता परी, सुरमेदानी और दूधिया आमन आदि के सैकड़ों पेड़ हैं. दूधिया आमन के बारे में लोग ये भी कहते हैं कि जब ये पौधे लगाए गए थे तब इनको दूध से सींचा गया था.
देश-विदेश में डिमांड
बाग के ठेकेदार हजरत अली कहते हैं कि इस बाग के आम की दूर दूर तक डिमांड है. खासकर कलकत्ता और मुंबई में रामपुरी आम की डिमांड अधिक होती है. रामपुर नवाब को आम का बहुत शौक था. इसलिए रामपुर के नवाब ने 400 सौ भी अधिक एकड़ में आम की कई कलमे तैयार कराई. इस बार तो बाग आम से लदे पड़े हैं, बहुत जल्द यह आम रामपुर ही नहीं आसपास के जिलों के साथ ही विदेशों के बाजार पर भी कब्जा कर लेगा. नवाबों ने कई कलमें अपने यहां तैयार कराई थीं जिसमें समर बहिश्त, लैली, फजली हैं.
Tags: Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : May 30, 2024, 11:02 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed