भारत- चीन सीमा से लौट आएंगे हजारों सैनिक! विदेश मंत्री जयशंकर ने ऐसा क्या किया

Indo China Tension to be resolved soon: भारत और चीन सीमा विवाद में दोनों देशों के बीच एक खास मुद्दे पर सहमति बन गई है. भारत और चीन जल्द ही अपनी-अपनी सेनाएं सीमा से हटा लेंगे. भारत और चीन दोनों ने पैंगोंग त्सो, गोगरा और गलवान घाटी....

भारत- चीन सीमा से लौट आएंगे हजारों सैनिक! विदेश मंत्री जयशंकर ने ऐसा क्या किया
हाइलाइट्स ASEAN में विदेश मंत्री जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी मिले दोनों देशों ने सीमा विवाद सुलझाने के लिए जरूरी बातचीत की 2020 में सैन्य झड़प में भारतीय और चीनी सैनिकों की मौत से हालात बिगड़े नई दिल्ली: भारत और चीन सीमा विवाद में दोनों देशों के बीच एक खास मुद्दे पर सहमति बन गई है. भारत और चीन जल्द ही अपनी-अपनी सेनाएं सीमा से हटा लेंगे. आसियान (ASEAN) में विदेश मंत्री जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच मुलाकात में कुछ मसलों पर हुई गहन बातचीत के बाद भारत सरकार की ओर से यह बात जाहिर की गई है. भारत सरकार की ओर से कहा गया है कि भारत और चीन ने लंबे समय से चले आ रहे गतिरोध के कारण विवादित सीमा पर तैनात हजारों सैनिकों को वापस बुलाने के लिए तत्काल काम करने पर सहमति जताई है. दरअसल यह सीमा रेखा पश्चिम में लद्दाख से लेकर भारत के पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश तक चीनी और भारतीय क्षेत्रों को अलग करती है, जिस पर चीन अपना पूरा दावा करता है. Met with CPC Politburo member and FM Wang Yi in Vientiane today. Continued our ongoing discussions about our bilateral relationship. The state of the border will necessarily be reflected on the state of our ties. Agreed on the need to give strong guidance to complete the… pic.twitter.com/pZDRio1e94 — Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 25, 2024

भारतीय विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने लाओस में एसोसिएशन ऑफ साउथईस्ट एशियन नेशंस की बैठकों के दौरान गुरुवार को अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की, जहां उन्होंने विवादित वास्तविक नियंत्रण रेखा पर लंबित मुद्दों के शीघ्र समाधान की आवश्यकता पर बल दिया, जो दोनों एशियाई दिग्गजों द्वारा साझा की जाने वाली लंबी हिमालयी सीमा है.

चार साल पहले क्या हुआ था जो बिगड़ गए थे हालात

बता दें कि 2020 की जुलाई में एक सैन्य झड़प में कम से कम 20 भारतीय सैनिक और चार चीनी सैनिक मारे जाने के बाद दोनों देशों के बीच संबंध खराब हो गए थे. यह ऊबड़-खाबड़ पहाड़ी क्षेत्र में लंबे समय तक चलने वाले गतिरोध में बदल गया, जहां दोनों पक्षों ने तोपखाने, टैंकों और लड़ाकू विमानों के साथ दसियों हजार सैन्य कर्मियों को तैनात किया था.

भारत और चीन दोनों ने पैंगोंग त्सो, गोगरा और गलवान घाटी के उत्तरी और दक्षिणी किनारों पर कुछ क्षेत्रों से सैनिकों को वापस बुला लिया है लेकिन कई जगहों पर अतिरिक्त सैनिकों को बनाए रखना जारी रखा है. भारत सरकार के बयान के अनुसार, दोनों विदेश मंत्रियों ने ‘जल्द से जल्द पूरी तरह से सेना हटा लेने के लिए’ और ‘जल्द से जल्द काम करने की आवश्यकता पर सहमति जताई’. बयान में कहा गया कि दोनों देशों के बीच संबंधों में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए सीमा पर शांति आवश्यक है.

चार सालों से बिगड़े संबंधों को सुधार की नई कोशिश

जयशंकर ने अपने शुरुआती भाषण में कहा कि सीमा मुद्दों ने पिछले चार वर्षों से भारत-चीन संबंधों पर ‘छाया’ डाली है, बावजूद इसके कि दोनों पक्षों ने उन्हें हल करने के लिए काफी कोशिश की है. वहीं चीन की सरकारी शिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार वांग ने इस बात पर जोर दिया कि चीन-भारत संबंधों में सुधार दोनों देशों के साथ-साथ अन्य देशों के लिए भी फायदेमंद है.

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