RG Kar Case: ममता की पार्टी में सिर फुटौव्‍वल अपनी ही सरकार पर नेता हमलावर

कोलकाता के आरजी कर कॉलेज डॉक्‍टर रेप मर्डर केस से टीएमसी के अंदर नाखुशी नाराजगी की खबरें हैं. सूत्रों के मुताबिक, तमाम सीन‍ियर नेता चाहते हैं क‍ि पार्टी नेता अभ‍िषेक बनर्जी और एक्‍ट‍िव हों, लेकिन उनकी चुप्‍पी सवालों के घेरे में है.

RG Kar Case: ममता की पार्टी में सिर फुटौव्‍वल अपनी ही सरकार पर नेता हमलावर
कमलिका सेनगुप्ता क्‍या तृणमूल कांग्रेस (TMC) में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है? यह सवाल इसल‍िए क्‍योंक‍ि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्‍टर की रेप के बाद हत्‍या मामले में ज‍िस तरह TMC नेता अपनी ही पर हमलावर हैं, बार-बार सवाल उठा रहे हैं. ज‍िम्‍मेदारी ठहराने की मांग कर रहे हैं. सरकार की आलोचना कर रहे हैं, लेकिन कोई उनका जवाब नहीं दे रहा है. ममता बनर्जी के भतीजे अभ‍िषेक बनर्जी की चुप्‍पी पर भी पार्टी नेता सवाल उठा रहे हैं. कहा जा रहा है क‍ि पार्टी के राष्‍ट्रीय महासच‍िव होने के नेता वे रोज पार्टी की गत‍िव‍िध‍ियों में ह‍िस्‍सा ले रहे हैं, लेकिन इस बारे में कुछ नहीं बोलते. टीएमसी नेता कुणाल घोष ने शन‍िवार की दोपहर एक्‍स पर पोस्‍ट क‍िया. लिखा, ‘वामपंथी, कांग्रेस साजिश कर रहे हैं. हम ममता बनर्जी के नेतृत्व में इसका मुकाबला करेंगे. हमें कुछ गलतियों को सुधारने की जरूरत है और हम लड़ेंगे, लेकिन अभिषेक बनर्जी को और एक्‍ट‍िव होना चाह‍िए. इसी पोस्‍ट के बाद सवाल उठने लगे क‍ि क्‍या पार्टी के अंदर लोग चाहते हैं क‍ि अभ‍िषेक बनर्जी और खुलकर बोलें. 14 अगस्त की आधी रात को जब भीड़ ने आरजी कर अस्‍पताल में तोड़फोड़ की. उसके अगले दिन अभ‍िषेक बनर्जी ने सोशल मीडिया पर पोस्‍ट क‍िया. लिखा, आरजी कर में आज रात की गुंडागर्दी और तोड़फोड़ ने सभी सीमाएं लांघ दी हैं. एक जनप्रतिनिधि के रूप में, मैंने अभी कोलकाता के पुल‍िस कमिश्नर से बात की, उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा क‍ि ह‍िंसा के ल‍िए ज‍िम्‍मेदार हर शख्‍स की पहचान की जाए. उसे जवाबदेह ठहराया जाए और अगले 24 घंटों के भीतर न्‍याय के कठघरे में खड़ा क‍िया जाए, चाहे वो क‍िसी भी पार्टी का हो. लेकिन जब ममता बनर्जी ने आरोप‍ियों को फांसी देने की मांग को लेकर रैली निकाली, तो वे नजर नहीं आए. The hooliganism and vandalism at RG Kar tonight have exceeded all acceptable limits. As a public representative, I just spoke with @CPKolkata , urging him to ensure that every individual responsible for today’s violence is identified, held accountable, and made to face the law… — Abhishek Banerjee (@abhishekaitc) August 14, 2024

मतभेद की वजह
टीएमसी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनाव के बाद यह साफ हो गया कि शहरी इलाकों में टीएमसी का प्रदर्शन खराब रहा है. तब अभिषेक बनर्जी चाहते थे कि पार्टी या प्रशासन में काम न करने वाले लोगों को हटाया जाए. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. तब से वे संसद और अपनी कंस्‍टीट्यूएंसी में तो काफी मुखर रहे हैं, लेकिन पार्टी के अंदर कम एक्‍ट‍िव नजर आते हैं. सूत्रों का दावा है क‍ि पार्टी की सीनियर लीडरश‍िप और सेकेंड लाइन लीडरश‍िप के एक वर्ग में हमेशा से मतभेद रहा है. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने न्यूज18 को बताया कि 2026 के व‍िधानसभा चुनाव में पार्टी को काफी मुश्क‍िलें हो सकती हैं, क्‍योंक‍ि 15 साल का एंटी इनकमबेंसी होगी. ऐसे में अभ‍िषेक बनर्जी के करीबी नेता चाहते हैं क‍ि सुशासन ही पार्टी को तब ज‍िता पाएगा. प्रशासन के स्‍तर पर जो समस्‍याएं हैं, वो पार्टी को कमजोर कर रही हैं.

मीडिया से बात करते हुए अभिषेक बनर्जी ने मांग की है कि केंद्र सरकार को ऐसा कानून बनाना चाह‍िए, ज‍िसमें सबूत होने पर ऐसे मामलों में अपराधी को फांसी दी जा सके. हालांक‍ि, सूत्रों का कहना है क‍ि ये पोस्‍ट रणनीत‍ि के तहत नहीं की गई. टीएमसी नेता कुणाल घोष ने न्यूज18 से कहा, ‘हम चाहते हैं कि वो एक्‍टि‍व रहें.’ पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि प्रशासन के गलत कदमों और वरिष्ठ नेताओं के व्यवहार के कारण वो नाराज हैं और इसी वजह से एक्‍ट‍िव नजर नहीं आ रहे हैं.

आरजी कर मामले में टीएमसी नेताओं के बयान देख‍िए…

शांतनु सेन
सूत्रों के मुताबिक, टीएमसी नेता शांतनु सेन को आरजी कर अस्पताल के प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष से हमेशा दिक्कत रहती थी. अस्‍पताल के डॉक्‍टर इतने ताकतवर हो गए थे क‍ि इस इलाके का जनप्रत‍िन‍िध‍ि होने के बावजूद सेन को वो भाव नहीं मिलता था. इसल‍िए जैसे ही मामला सामने आया, डॉ. घोष ने सवाल उठाया. इतना ही नहीं, उन्होंने यहां तक कहा क‍ि कुछ जानकारियां मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी तक नहीं पहुंच पातीं. लेकिन नतीजा क्‍या हुआ, इसके तुरंत बाद उन्हें प्रवक्ता के पद से हटा दिया गया.

कुणाल घोष
टीएमसी नेता कुणाल घोष ने सरकार पर तीखे हमले क‍िए. कहा कि डॉ. संदीप घोष को उनके मौजूदा पद से हटा देना चाहिए. उन्होंने टीएमसी की तीन गलतियां गिनाईं. सबसे पहले, डॉ. घोष को बहाल नहीं किया जाना चाहिए था. दूसरे, अस्पताल को महिला के माता-पिता से बिना किसी दबाव के उचित तरीके से संवाद करना चाहिए था. जहां पर जूनियर डॉक्‍टर के साथ दरिंदगी की गई, वहां पर निर्माण कार्य नहीं शुरू करना चाह‍िए था. रविवार को कोलकाता में ईस्ट बंगाल बनाम मोहन बागान फुटबाल मैच को रोक दिया गया, क्योंकि पुलिस ने कहा था कि वह पर्याप्त बल नहीं दे सकती, घोष ने इस कदम की भी आलोचना की. उन्होंने पूछा, अगर कोई प्रदर्शन करने के ल‍िए तख्तियां लेकर आता, तो उस पर कोई रोक नहीं. डर्बी को क्यों रोका गया?

सुखेंदु शेखर रॉय
टीएमसी के एक और दिग्गज नेता और राज्यसभा सांसद सुखेंदु शेखर रॉय भी घटना से आहत हैं. 14 अगस्त को जब महिलाएं न्याय के लिए प्रदर्शन कर रही थीं, तब वे अकेले ही धरने पर बैठ गए थे. उन्होंने इस घटना के बारे में गृह मंत्री अमित शाह को भी पत्र लिखा. अंत में उन्होंने एक्स पर लिखा और सीबीआई आर जी कर के प्रिंसिपल और कोलकाता कमिश्नर को हिरासत में लेकर पूछताछ करे. बाद में पुल‍िस ने उन्‍हें तलब कर ल‍िया. कहा, आप भ्रामक खबरें पोस्‍ट कर रहे हैं. इस पर कुणाल घोष ने फ‍िर एक्स पर लिखा, मैं भी आरजी कर मामले में न्याय की मांग करता हूं, लेकिन कोलकाता कमिश्नर को लेकर राय अलग है. निजी तौर पर, वो अपना काम कर रहे थे और जांच सकारात्मक दिशा में थी. इस तरह की पोस्ट दुर्भाग्यपूर्ण है, वह भी मेरे जैसे सीन‍ियर नेता की तरफ से. इन सारे बयानों ने टीएमसी के अंदर मतभेद की खबरों को हवा दे दी है.

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