सपनों का शहर या डरावना सपना दिल्ली-मुंबई में सबसे ज्यादा बेरोजगारों ने की खुदकुशी: NCRB डेटा
सपनों का शहर या डरावना सपना दिल्ली-मुंबई में सबसे ज्यादा बेरोजगारों ने की खुदकुशी: NCRB डेटा
NCRB Data: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में साल 2021 में सबसे ज्यादा महाराष्ट्र से आत्महत्या की घटनाएं सामने आई है. तमिलनाडु और मध्य प्रदेश इस मामलों में दूसरे और तीसरे नंबर पर है. देश में ऐसे 1,64,033 मामले दर्ज किए गए है.
नई दिल्ली. दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु भारत के शीर्ष शहर हैं, जहां युवा बेहतर नौकरी के अवसर और आजीविका की तलाश में आते हैं. कुछ युवाओं के लिए ये ऐसे शहर हैं, जहां वो अपने सपने पूरे करते हैं, लेकिन कुछ लोगों के लिए यही शहर किसी बुरे और डरावने सपने जैसा होता है. शहरी जीवन के दबाव के आगे वो अपनी जिंदगी खत्म कर लेते हैं. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB Report) ) की एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2021 में भारत में सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में आत्महत्या की घटनाएं सामने आई है. इस मामले में तमिलनाडु और मध्य प्रदेश दूसरे और तीसरे स्थान पर है. पूरे देश में ऐसे 1,64,033 आत्महत्या के मामले दर्ज किए गए है.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में बेरोजगारी के कारण कुल 1,012 आत्महत्याएं हुईं. इनमें से 40% से अधिक दिल्ली और मुंबई से दर्ज की गईं. पेशे या करियर से संबंधित समस्याएं, अलगाव की भावना, दुर्व्यवहार, हिंसा, पारिवारिक समस्याएं, मानसिक विकार, शराब की लत और वित्तीय नुकसान देश में सुसाइड की घटनाओं की मुख्य वजह हैं.
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आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल बेरोजगारी के चलते दिल्ली में 283, मुंबई में 156, चेन्नई में 111 और बेंगलुरु में 96 लोगों ने आत्महत्या की थी. इनमें से कई की उम्र 18 से 30 साल के बीच थी. इसी तरह, करियर के मामलों में 2021 में पुणे में 79 और बेंगलुरु में 74 आत्महत्याएं हुईं.
हर साल 1,00,000 से अधिक लोग करते हैं सुसाइड
एनसीआरबी के अनुसार, भारत में हर साल 1,00,000 से अधिक लोग आत्महत्या करते हैं. आंकड़ों से यह भी पता चला है कि दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे शीर्ष महानगर देश के 50 से अधिक शहरों में बेरोजगारी, करियर और रिश्तों को लेकर आत्महत्या के केंद्र हैं.
दिल्ली और मुंबई मायूसी के कारण होती है खुदकुशी
उपरोक्त श्रेणियों में दिल्ली और मुंबई नौकरी की तलाश में आए युवाओं के लिए मौत के जाल सरीखे हैं. जो लोग अपने करियर में उतार-चढ़ाव का सामना नहीं कर सके, इन शहरों में उन्होंने भी आत्महत्या कर ली. डेटा से पता चलता है कि बेंगलुरु में लगभग 136, दिल्ली में 117 और चेन्नई में 112 लोगों ने रिलेशन या लव अफेयर्स के कारण खुदकुशी की.
2020 से 2021 तक मुंबई और बेंगलुरु में आत्महत्या की कुल संख्या में वृद्धि देखी गई. वहीं, दिल्ली में ऐसी घटनाओं में गिरावट आई. दिल्ली में 2020 में 3,025 की तुलना में 2021 में 2,760 आत्महत्याओं के केस रिपोर्ट हुए. यानी 8.8% की गिरावट आई. चेन्नई में पिछले साल 2,699 आत्महत्या की घटनाएं देखी गईं, जबकि 2020 में 2,430 केस दर्ज हुए. यानी इसमें 11% की वृद्धि हुई. आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल बेंगलुरु में 4.4 फीसदी और मुंबई में 12 फीसदी की वृद्धि के साथ क्रमश: 2,292 और 1,436 आत्महत्याएं हुईं. इसके अलावा, मुंबई गरीबी के कारण आत्महत्या के मामलों में सबसे ऊपर है. 2021 में ऐसी 44 केस रिपोर्ट हुए हैं. इसके बाद बेंगलुरु (39) और नासिक (26) का नंबर आता है.
53 बड़े शहरों में आत्महत्या की संख्या बढ़ी
53 बड़े शहरों में आत्महत्या की संख्या 2018 से 2021 तक बढ़ती प्रवृत्ति को दर्शाती है. 2018 में लगभग 21,408 आत्महत्याएं हुईं, जो 2019 में 4.6% बढ़कर 22,390 हो गईं. 2020 में इस संख्या में 6.5% की वृद्धि के साथ 23,855 मौतें हुईं, जो 2021 में बढ़कर 25,891 हो गया.
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एनसीआरबी ने कहा कि आंकड़े शहरों में वर्ष-वार घटनाओं, भारत में इसकी हिस्सेदारी, आत्महत्या की दर और 2018-2021 के दौरान प्रतिशत परिवर्तन की ओर इशारा करते हैं.
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Tags: NCRB, NCRB Report, Suicide, UnemploymentFIRST PUBLISHED : August 31, 2022, 19:12 IST