10 पौधे के पत्तियों से तैयार ये अचूक कीटनाशकऐसे करें तैयार!
10 पौधे के पत्तियों से तैयार ये अचूक कीटनाशकऐसे करें तैयार!
डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि वनस्पति पौधों से तैयार किया हुआ देसी कीटनाशक बेहद कारगर होता है. खास बात यह है कि यह बेहद सस्ता और प्रभावी होता है. इतना ही नहीं यह मानव जीवन के लिए भी किसी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचाता.
शाहजहांपुर : धान की फसल की रोपाई का समय चल रहा है. धान की रोपाई करते ही कई किसानों की फसल में कीट लगना भी शुरू हो गए हैं. ऐसे में किसान अपने घर पर और आसपास में मौजूद पौधों से देसी कीटनाशक तैयार कर सकते हैं जो कि बेहद ही प्रभावी और सस्ता रहता है. खास बात यह है कि यह कीटनाशक पौधों के लिए पोषक तत्व देने का भी काम करते हैं जिससे पौधों की बढ़ावार अच्छी होती है.
कृषि विज्ञान केंद्र शाहजहांपुर के वैज्ञानिक डॉ. एनपी गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि पौधों की पत्तियों से दशपर्णी अर्क तैयार किया जाता है. जो की रस चूसक, तने को कुतरने वाले, काटने वाले और तनाव भेदक कीटों के खात्में लिए बेहद ही कारगर होता है. इसका छिड़काव करने से फसल को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होता. इस दशपर्णी अर्क को तैयार करना भी बेहद आसान है.
ऐसे करें दशपर्णी अर्क तैयार
डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि दशपर्णी बनाने के लिए एक ड्रम में 200 लीटर पानी लेकर उसमें नीम, धतूरा, मदार, कनेर, अरंड, बेल, आम, पपीता, नींबू और अमरूद के पत्ते दो-दो किलो की मात्रा में मिलाकर 50 ग्राम तंबाकू, 500 ग्राम अदरक, 500 ग्राम लहसुन और 500 ग्राम तीखी हरी मिर्च, 10 किलोग्राम गाय का गोबर और 10 लीटर गोमूत्र मिलाकर ड्रम के मुंह को बोरे से बांधकर छाया में रख दें. डॉ एनपी गुप्ता ने बताया कि गर्मियों के मौसम में 40 से 45 दिन में दशपर्णी अर्क बनकर तैयार हो जाएगा. तो वही सर्दी और बरसात के मौसम में यह 45 से 50 दिन का समय लेता है.
कितनी मात्रा में करें छिड़काव
डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि दशपर्णी अर्क तैयार होने के बाद उसको महीन कपड़े से छानकर छोटे डिब्बों में भरकर रख लें. जरूरत पड़ने पर 2 से 2.5 लीटर प्रति 100 लीटर पानी में घोल बनाकर इसका छिड़काव कर दें. जिससे टिड्डे, सूंडी, छोटे और बड़े कीटों पर यह प्रभावी रहता है. इसका इस्तेमाल करने से सभी प्रकार के कीटों को नष्ट करने में मददगार होता है.
रासायनिक कीटनाशकों से सस्ता है दशपर्णी अर्क
डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि एक बार तैयार किया हुआ दशपर्णी अर्क 6 महीने तक इस्तेमाल किया जा सकता है. दशपर्णी अर्क रासायनिक कीटनाशकों के मुकाबले बेहद सस्ता होता है. इतना ही नहीं यह मानव जीवन के लिए भी किसी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचाता. बल्कि इसका छिड़काव करने से तैयार हुई उपज पूरी तरह से जैविक होगी. दशपर्णी अर्क का इस्तेमाल आलू, गन्ना, धान और गेहूं सहित सब्जियों पर भी किया जा सकता है.
Tags: Agriculture, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : July 12, 2024, 12:28 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed