तो साइरस मिस्त्री की जान नहीं जाती डरा देंगे रोड एक्सीडेंट के ये आंकड़े

Nitih Gadkari News: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने रोड सेफ्टी को लेकर कई सारी बातें सामने रखीं. उन्होंने कहा कि अगर सभी लोग छोटे-छोटे नियमों की सही से पालन करेंगे तो रोड एक्सीटडेंट में निश्चित तौर पर कमी आएगी.

तो साइरस मिस्त्री की जान नहीं जाती डरा देंगे रोड एक्सीडेंट के ये आंकड़े
नई दिल्ली. साल 2024 में 18 साल से कम उम्र वाले 10000 ऐसे बच्चे हैं जिनकी मौत रोड एक्सीडेंट में हुई. इसी तरह से 1 लाख 20 हजार मतलब कि करीब 66.4% लोग ऐसे थे जो रोड एक्सीडेंट में मरे हैं और उनकी उम्र 18 से 45 के बीच है. ये आंकड़े पेश किए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने. वे न्यूज18 की पहल ‘सड़क सुरक्षा अभियान 2025’ में बोल रहे थे. उन्होंने बताया कि सड़क सुरक्षा के छोटे और बुनियादी नियमों का पालन करना कितना जरूरी है और इसके जरिए हम ना सिर्फ अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं, बल्कि कई लोगों की जान भी बचा सकते हैं. सड़क हादसे को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा, “मुझे दुख के साथ यह कहना पड़ रहा है कि रोड एक्सीडेंट की संख्या कम नहीं हुई, बल्कि बढ़ गई है. और सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है कि ये जो बच्चे मेरे सामने बैठे हैं. ये देश का भविष्य हैं. और ये अगर मेरी बात ठीक तरह से समझेंगे और रूल्स ऑफ रोड का पालन करेंगे तो भविष्य में हादसे कम होंगे.” उन्होंने एक डाटा के जरिए इसे समझाने की कोशिश की. नितिन गडकरी ने कहा, “इस साल 18 साल से कम उम्र वाले 10000 ऐसे बच्चे हैं जिनकी रोड एक्सीडेंट में मौत हुई है. 1 लाख 20 हजार 66.4% लोग जो रोड एक्सीडेंट में मरे हैं उनकी उम्र 18 से 45 तक है. इसमें कुछ इंजीनियर हैं, कुछ डॉक्टर हैं और कुछ पढ़ने वाले… जिनकी मौत हुई. आप उस परिवार की हालत समझिए जहां से ये लोग थे. और सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात है मेरे सामने टीचर भी बैठे हैं, जिनके पास ये संदेश जाएगा… स्कूल और कॉलेजों के आसपास के इलाके में 10000 मौतें हुई हैं. स्कूल में जाने के लिए, बाहर निकालने के लिए, रोड क्रॉसिंग के लिए उनके प्लानिंग में उनको सोचना पड़ेगा और फिर इन बच्चों की जान बच सकेगी.” गडकरी ने कहा, “जिन्होंने वैलिड ड्राइविंग लाइसेंस लिया नहीं और कार-बाइक चलाने की कोशिश की, उनकी वजह से 35000 लोगों की जान गई. बच्चे अपने माता-पिता को और अपने आसपास के लोगों को प्रभावित करते हैं. और आजकल कानून भी बन गया है कि बच्चे ने गाड़ी से एक्सीडेंट किया और अगर वह नाबालिग है तो पैरेंटस पर केस बनता है. तो बच्चे अगर ये तय करेंगे कि हम गलत नहीं करेंगे, कानून से चलेंगे तो मुझे लगता है कि रूल्स फॉलो करने से बच्चों की भी जान बचेगी और कई लोगों की जान बचाने का भी श्रेय इन्हें मिलेगा.” उन्होंने आगे कहा, “इसलिए मैं बच्चों से विशेष रूप से अनुरोध करूंगा कि रोड सेफ्टी के लिए जो छोटे-छोटे नियम बने हैं जैसे ड्राइविंग के दौरान मोबाइल पर बात मत करना, रेड सिग्नल होगा तो रुक जाना, स्कूटर चलान है तो दोनों के पास हैलेमेट होना, कार में बैठे हैं तो सामने और पीछे बेल्ट लगाना… अगर बेल्ट लगाए रहते तो साइरस मिस्त्री की मौत नहीं होती. आपके परिवार में ऐसी कोई घटना ना हो और आप इन सब नियमों का पालन करेंगे तो आपका परिवार भी खुश रहेगा और बहुत से लोगों की जान भी बचेगी.” Tags: Nitin gadkari, Road accidentFIRST PUBLISHED : January 6, 2025, 18:26 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed