बाप रे बाप! बंदे ने अकाउंट दिया किराये पर 45 लाख रुपये गंवाए!
बाप रे बाप! बंदे ने अकाउंट दिया किराये पर 45 लाख रुपये गंवाए!
पैसों की धोखाधड़ी के मामले सामने आना नई बात नहीं है लेकिन हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है कि आप अपराधी और भुक्तभोगी दोनों के बारे में सुनकर दांतों तले उंगली दबा लेंगे. मामला गोवा का है जहां एक आदमी ने अपने सेविंग बैंक अकाउंट को किराए पर दे दिया..
पैसों की धोखाधड़ी के मामले सामने आना नई बात नहीं है लेकिन हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है कि आप अपराधी और भुक्तभोगी दोनों के बारे में सुनकर दांतों तले उंगली दबा लेंगे. मामला गोवा का है जहां एक आदमी ने अपने सेविंग बैंक अकाउंट को किराए पर दे दिया जिसके बाद उसे लाखों की चपत लग गई. राज्य भर में ऐसे एक के बाद एक कई मामले सामने आए हैं.
दरअसल गोवा पुलिस की जांच से साइबर धोखाधड़ी का यह अजीबोगरीब मामला सामने आया है. टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी इस पूरी रिपोर्ट के मुताबिक, गोवा पुलिस का कहना है कि यहां साइबर फ्रॉड करने वाले लोगों को अपने बैंक खाते ‘किराए पर’ देने का लालच देते हैं. इस किराए पर लिए गए खाते का उपयोग बदले में नागरिकों को धोखा देने के लिए किया जाता है.
ताजा मामला 21 साल के एक युवक का है जो अपनी यूं तो छोटा मोटा काम चलाकर अपना गुजारा करता है लेकिन थोड़ा और पैसा कमाने के लालच में उसने अपना बैंक खाता किराए पर दे दिया. पुलिस ने कहा कि कई बेरोजगार युवा अतिरिक्त पैसे के लिए अपने बैंक खाते साइबर अपराधियों को किराए पर दे रहे हैं. साइबर क्रिमिनल लोगों को धोखा देने के लिए इन बैंक खातों का उपयोग करते हैं. वे किसी न किसी तरह ऐसे लोगों से संपर्क साधते हैं जो थोड़ा एक्सट्रा अर्न करना चाहते हैं. यदि वे बैंक खाता किराए पर देने के इच्छुक हों तो पैसे की पेशकश करते हैं.
पीआई (साइबर क्राइम) दीपक पेडनेकर ने कहा कि जालसाज एक कॉमन फ्रेंड के जरिए युवाओं से संपर्क करते हैं और अगर वे बैंक खाता किराए पर देने के इच्छुक हों तो उन्हें कहते हैं कि वह बदले में फलां रकम बतौर किराया देंगे. पेडनेकर ने कहा, इस मामले में बंदे को 1 लाख रुपये के प्रत्येक लेनदेन के लिए 1,000 रुपये का भुगतान करने का लालच दिया. कई बार अपराधी यह सुनिश्चित करते हैं कि उनके पास चेक बुक हो जिस पर हस्ताक्षर भी दर्ज हों.
वे खाताधारकों से बैंक खाते में जमा राशि निकालने के लिए कहते. एक बार राशि निकाल लेने के बाद, बैंक खाताधारक अपना कमीशन लेता है और शेष राशि धोखेबाजों को भुगतान कर देता है. पीआई ने यह भी कहा कि एक ऑनलाइन ट्रेडिंग शिकायत की जांच करते समय, जिसमें सियोलिम निवासी को लगभग 45 लाख रुपये का नुकसान हुआ, यह पता चला कि 20 से 25 आयु वर्ग के कई युवा अपने बैंक खातों में ये अजीबोगरीब तरह का कर्ज दे रहे हैं.
Tags: Cyber Crime News, Goa newsFIRST PUBLISHED : June 24, 2024, 18:24 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed