अल्‍जाइमर से पीड़‍ित हैं परिजन तो इस हेल्‍पलाइन पर करें कॉल मिलेगी मदद

एआरडीएसआई की उपाध्‍यक्ष वीना सचदेव और नेशनल डायरेक्‍टर आर नरेंद्र बताते हैं कि एनसीआर में अगर कहीं भी अल्‍जाइमर से पीड़‍ित कोई व्‍यक्ति है तो उसके परिजन 9315418060, 7292052288 हेल्‍पलाइन नंबरों पर कॉल कर सकते हैं. एआरडीएसआई दिल्‍ली चेप्‍टर की ओर से डिसऑर्डर्स से पीड़‍ित लोगों की काउंसलिंग की जाती है.

अल्‍जाइमर से पीड़‍ित हैं परिजन तो इस हेल्‍पलाइन पर करें कॉल मिलेगी मदद
नई दिल्‍ली. कोरोना के बाद से भारत में अल्‍जाइमर या डिमेंशिया की बीमारी तेजी से बढ़ रही है. आमतौर पर इसके शिकार ज्‍यादातर शिकार बुजुर्ग लोग होते हैं हालांकि अब उम्र की ये सीमा घटती जा रही है. 55 साल से ऊपर के लोग भी अब इन मानसिक डिसऑर्डर्स की गिरफ्त में आ रहे हैं. हालांकि दिल्‍ली में ही नहीं बल्कि पूरे भारत के कई शहरों में डिमेंशिया और अल्‍जाइमर के मरीजों के लिए द अल्‍जाइमर्स एंड रिलेटेड डिसऑर्डर्स सोसायटी ऑफ इंडिया काफी काम कर रही है. यह सोसायटी न केवल ऐसे मरीजों के लिए हेल्‍पलाइन चलाती है बल्कि कई तरह के रिसर्च और अध्‍ययन के अलावा जागरुकता कार्यक्रम भी करती है ताकि लोगों को इस बीमारी से बचाया जा सके. एआरडीएसआई की अध्‍यक्ष और एम्‍स में प्रोफेसर डॉ. मंजरी त्रिपाठी बताती हैं कि दिल्‍ली चेप्‍टर में ही देखें तो 7 से 8 लाख मरीज आज अल्‍जाइमर या डिमेंशिया जैसे मेंटल डिसऑर्डर्स से जूझ रहे हैं. वहीं इनकी देखभाल में लगे इनके परिजन भी किसी न किसी मानसिक डिसऑर्डर जैसे तनाव, एंग्‍जाइटी या अवसाद से जूझ रहे हैं. कोरोना के बाद पैदा हुई परिस्थितियों में न केवल पहले से डिमेंशिया के मरीजों की हालत और भी ज्‍यादा खराब हुई है बल्कि नए मरीज भी सामने आए हैं. हालांकि दिल्‍ली में एक हेल्‍पलाइन ऐसे ही लोगों के लिए है जो अल्‍जाइमर या डिमेंशिया से पीड़‍ित मरीजों की देखभाल से लेकर उनकी मेडिकेशन तक करती है. एआरडीएसआई की उपाध्‍यक्ष वीना सचदेव और नेशनल डायरेक्‍टर आर नरेंद्र बताते हैं कि एनसीआर में अगर कहीं भी अल्‍जाइमर से पीड़‍ित कोई व्‍यक्ति है तो उसके परिजन 9315418060, 7292052288 हेल्‍पलाइन नंबरों पर कॉल कर सकते हैं. एआरडीएसआई दिल्‍ली चेप्‍टर की ओर से डिसऑर्डर्स से पीड़‍ित लोगों की काउंसलिंग की जाती है. ऐसे मरीजों की डे केयर सेंटर में देखभाल की जाती है. कई बार कई परिवार यहां फोन करते हैं और कहते हैं कि वे अपने परिजन को हेंडल नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में उन मरीजों को यहां के डे केयर सेंटर में रखा जाता है. दिल्‍ली एम्‍स और आरएमएल में हैं मेमोरी क्लिनिक रेनू वोहरा बताती हैं कि हेल्‍पलाइन पर संपर्क करने वाले परिजनों को भी एआरडीएसआई की तरफ से काउंसलिंग के सेशन दिए जाते हैं. परिजनों को इस बीमारी के बारे में जानकारी देने के साथ ही मरीजों के साथ कैसे बर्ताव करें, कैसे देखभाल करें इसकी भी जानकारी दी जाती है. साथ ही मरीजों की पूरी जानकारी जुटाकर, डायग्‍नोस करने के बाद अगर जरूरत पड़ती है तो दिल्‍ली एम्‍स या आरएमएल अस्‍पताल में बने मेमोरी क्लिनिकों में भी ले जाया जाता है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Mental diseases, Mental healthFIRST PUBLISHED : September 21, 2022, 17:50 IST