नया विवाद: 1958 में बने दिल्ली के सनातन धर्म मंदिर पर वक्फ बोर्ड ने ठोका दावा

Waqf Delhi Mandir: विनीत गोस्वामी ने कहा कि वक्फ का कानून 1970 के आसपास आया था, लेकिन मंदिर की स्थापना 1958 में हो गई थी. वक्फ बोर्ड ने स्कूल से लेकर हाईवे तक पर कब्जा किया है. इनका मकसद साफ है कि वह धीरे-धीरे हिंदुस्तान में मौजूद महंगी जमीनों पर कब्जा करना चाहते हैं.

नया विवाद: 1958 में बने दिल्ली के सनातन धर्म मंदिर पर वक्फ बोर्ड ने ठोका दावा
नई दिल्ली. वक्फ कानून को लेकर विवाद जारी है. आरोप है कि वक्फ बोर्ड ने अपने अधिकारों का गलत इस्तेमाल करके कई जमीनों को हथिया लिया. इसी के मद्देनजर विपक्षी दलों के विरोध के बाद केंद्र सरकार ने वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) भी बनाई है, जहां करोड़ों की संख्या में सिफारिशें मिली हैं. इस बीच, दिल्ली की बीके दत्त कॉलोनी में स्थित सनातन धर्म मंदिर पर भी वक्फ बोर्ड ने अपना दावा कर दिया है और कहा है कि यह मंदिर वक्फ बोर्ड की जमीन पर बनी है. अब वक्फ बोर्ड के इसी दावे पर लोगों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने वक्फ बोर्ड की तरफ से मंदिरों को लेकर किए गए दावों को बेबुनियाद बताया है. श्री श्याम नवोदय संस्कृत संघ के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “साल 2019 में इसको लेकर पहली भी ऐसी चर्चाएं हुई थी, लेकिन हमने बताया कि यहां मौजूद श्मशान घाट 70 साल पुराना है. वह किस आधार पर वक्फ की संपत्ति पर दावा ठोक रहे हैं. 1962 से यहां पर एक नेम प्लेट भी लगी हुई है, पिछले 40 सालों से हमारी संस्था इस मंदिर की देखरेख कर रही है.” सनातन धर्म मंदिर के उपाध्यक्ष मदन भूटानी ने कहा, “वक्फ बोर्ड का दावा झूठा और बेबुनियाद है. हमने सनातन मंदिर की जमीन को भारत सरकार से 1958 में खरीदा था. इस मंदिर से जुड़े सभी जरूरी कागजात हमारे पास मौजूद हैं और यह भी प्रमाण है कि इस मंदिर का उद्घाटन केंद्रीय शहरी विकास मंत्री ने किया था. वक्फ बोर्ड के लोगों के पीछे विदेशी ताकतों का हाथ है.” मंदिर के सेक्रेटरी अशोक ने कहा, “इस मंदिर को हमारे पूर्वजों ने बनाया है. हमने इस जगह को सरकार से खरीदा और इसका उद्घाटन केंद्रीय मंत्री ने किया था. वो लोग कैसे दावा कर रहे हैं कि मंदिर की जमीन उनकी है. वह ताकत का गलत फायदा उठा रहे हैं.” सनातन धर्म मंदिर के श्मशान घाट के पंडित राजीव शर्मा ने वक्फ बोर्ड के दावों को झूठा बताया. उन्होंने कहा कि जो दावा जमीन को लेकर किया जा रहा है, वह झूठा है. पिछले 70 साल से श्मशान घाट चल रहा है और मैं पिछले 25 सालों से यहां काम कर रहा हूं. पंडित अरविंदर गोस्वामी ने आईएएनएस से बातचीत में बताया कि ये बेबुनियाद दावा है और वो लोग झूठ बोल रहे हैं. वह लोग सोचते हैं कि हिंदुओं में फूट डालकर उन्हें तोड़ा जाए. हमारे पास जमीन से जुड़े सभी पुख्ता सबूत हैं. अगर हमें कोई नोटिस मिलेगा तो इस पर एक्शन लिया जाएगा. स्थानीय शख्स योगराज ने कांग्रेस को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, “यह सब कांग्रेस ने किया है क्योंकि उनकी सरकार के दौरान ही वक्फ बोर्ड के कानून में संशोधन किया गया था. फिलहाल इस मामले में मंदिर को कोई नोटिस नहीं मिला है, अगर आता है तो इसका जवाब दिया जाएगा.” Tags: Hindu Temple, Waqf BoardFIRST PUBLISHED : September 23, 2024, 23:32 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed