दिल्ली के कई सरकारी अस्पतालों में टोमैटो फ्लू के इस वैरिएंट के केस बढ़े आपका बच्चा कैसे रहेगा सुरक्षित
दिल्ली के कई सरकारी अस्पतालों में टोमैटो फ्लू के इस वैरिएंट के केस बढ़े आपका बच्चा कैसे रहेगा सुरक्षित
Tomato Flu in Delhi: दिल्ली के कई सरकारी अस्पतालों (Government Hospitals of Delhi) में पिछले कुछ दिनों से टोमैटो फ्लू के नए वैरिएंट (New Variant of Tomato Flu) के मरीजों (Patients) की संख्या में तेजी आ रही है. डॉक्टरों का कहना है कि ये टोमैटो फ्लू का मामला नहीं है, लेकिन टोमैटो फ्लू का ही एक वैरिएंट है.
नई दिल्ली. दिल्ली के कई सरकारी अस्पतालों (Government Hospitals of Delhi) में पिछले कुछ दिनों से टोमैटो फ्लू के नए वैरिएंट (New Variant of Tomato Flu) के मरीजों (Patients) की संख्या में तेजी आई है. डॉक्टरों का कहना है कि ये टोमैटो फ्लू का मामला नहीं है, लेकिन टोमैटो फ्लू का ही एक वैरिएंट है. आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही केरल और तमिलनाडु में टोमैटो फ्लू के कुछ मामले सामने आए थे. डॉक्टरों के मुताबिक, ‘दिल्ली-एनसीआर के अस्पतालों में टोमैटो फ्लू का ही एक वैरिएंट हैंड फुट या माउथ डिजीज (एचएफएमडी) का संक्रमण बढ़ रहा है. अस्पतालों में अधिकांश मरीज मुंह में छाले की शिकायत लेकर आ रहे हैं.’ ऐसे में दिल्ली-एनसीआर के अस्पतालों में टोमैटो फ्लू को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है.
डॉक्टरों का मानना है कि दिल्ली के बड़े सरकारी अस्पतालों में हर रोज 100 बच्चों में चार से पांच मरीज टोमैटो फ्लू के नए वैरिएंट का केस होता है. लेकिन, टोमैटो फ्लू से घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इस बीमारी से पीड़ित 95 प्रतिशत से अधिक बच्चे घर पर ही ठीक हो रहे हैं. यह बीमारी आमतौर पर पांच साल से कम उम्र के बच्चों को ज्यादा प्रभावित करती है.’
दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के हॉस्टल मेस के खाने में गड़बड़ी पाए जाने पर बंद करने का फैसला किया गया है. (सांकेतिक तस्वीर)
जानें टोमैटो फ्लू के बारे में
एलएनजेपी अस्पताल में मंकीपॉक्स मरीजों के लिए नियुक्त किए गए नोडल ऑफिसर डॉ. विनीत रेलहन न्यूज 18 हिंदी के साथ बातचीत में कहते हैं, ‘एलएनजेपी अस्पताल के ओपीडी में रोजाना टोमैटो फ्लू के नए वैरिएंट के कई केस आ रहे हैं. यह कोई अलग बीमारी नहीं है, बल्कि हैंड, फुट एंड माउथ डिजीज यानी टोमैटो फ्लू का ही एक प्रकार है. टोमैटो फ्लू में पैरों में या शरीर के अन्य हिस्सों में टमाटर आकार के बड़े-बड़ा छाले हो जाते हैं. जबकि, इसके वैरिएंट में छोटे छाले होते हैं. जो अमूमन मुंह, हाथ और पैरों में हो जाते हैं. हालांकि, यह बीमारी नाक, गले, फफोले से तरल पदार्थ और फेको-ओरल मार्ग से फैलती है.
टोमैटो फ्लू के लक्षण कब दिखते हैं
टोमैटो फ्लू होने पर बुखार, थकान, त्वचा पर लाल छाले उग जाते हैं. इसके धब्बे हाथ, पैर, घुटने और नितंब पर लाल छाले की तरह दिखाई देते हैं. ऐसे में त्वचा पर अगर घाव हो जाएं तो उसे खरोंचना नहीं चाहिए. खासकर मुंह के अंदर जो छाले होते हैं उसका सावधानी से इलाज कराना पड़ता है. आपको बता दें कि संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के तीन से पांच दिनों के बाद शरीर पर ये लक्षण दिखने लगते हैं. ये लक्षण अमूमन पांच से आठ दिनों तक शरीर पर रहते हैं.
टोमेटो फ्लू से सबसे ज्यादा कम उम्र के बच्चे प्रभावित होते हैं.
डॉक्टर क्या सलाह देते हैं
इस बीमारी में भी बच्चों का सामान्य उपचार किया जाता है. बुखार आने पर बच्चों को पैरासिटामोल दिया जाता है. इसके साथ ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ और जूस का सेवन करने को कहा जाता है. अगर किसी बच्चे को इस बीमारी के लक्षण मिले तो उसे सात दिनों तक क्वारंटाइन कर देना चाहिए.
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गौरतलब है कि दिल्ली में टोमैटो फ्लू के लगातार मामले मिलने के बाद कई स्कूलों को बंद करा दिया गया है. यह एक संक्रामक बीमारी है, इसलिए जहां कई बच्चे एक साथ रहते हैं वहां इसके फैलने की संभावना सबसे अधिक होती है. डॉक्टरों का मानना है कि इस बीमारे से वयस्कों को भी सावधान रहने की जरूरत है. यह फ्लू वयस्कों को भी संक्रमित कर सकता है.
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Tags: Delhi-NCR region, Govt Hospitals, LNJP Hospital, Monkeypox, RML Hospital, TomatoFIRST PUBLISHED : September 05, 2022, 17:06 IST