भारी बारिश से पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं कम हुईं दिल्ली-NCR में दिखा असर
भारी बारिश से पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं कम हुईं दिल्ली-NCR में दिखा असर
इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट के आंकड़ों के अनुसार साल 2020 में कोरोना लॉकडाउन के चलते जहां 24 सितंबर तक सिर्फ 29 जगहों पर पराली को आग लगाई गई थी वहीं 2021 में यह संख्या बढ़कर 339 पर पहुंच गई. इसके बाद अब 2022 में अभी तक 139 जगहों पर भी किसानों ने खेतों में पड़ी धान की पराली में आग लगाई है.
नई दिल्ली. पिछले कुछ दिनों से देश के कई हिस्सों में हो रही भारी बारिश (Heavy Rain) से पर्यावरण पर अच्छा प्रभाव देखने को मिला है. इस लगातार बारिश की वजह से जहां दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण (Air Pollution in Delhi-NCR) स्तर को कम किया है और हवा की गुणवत्ता (AQI) में सुधार हुआ है वहीं पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में भारी कमी देखने को मिली है. साल 2021 में हुई पराली जलाने (Paddy Crop Residue fire) की घटनाओं से तुलना करें तो इस साल 24 सितंबर 2022 तक पराली जलाने की घटनाओं में दो सौ फीसदी से ज्यादा की कमी आई है.
भारतीय मौसम विभाग (IMD) हर साल ही पंजाब (Punjab) के अलावा राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और दिल्ली में पराली जलाने (Stubble Burning) की घटनाओं पर सैटेलाइट से नजर रखता है. इस दौरान हर दिन होने वाली पराली की घटनाओं को मॉनिटर किया जाता है. इस बार भी 15 सिंतबर 2022 से पंजाब में किसानों से खेतों में पराली (Paddy Crop Residue) जलाने की शुरुआत कर दी है.
पंजाब में पराली.
किसानों से लगातार की जा रही अपील और राज्य सरकारों की ओर से हर संभव मदद के एलानों के बावजूद इसी दिन पंजाब में 14 जगहों पर पराली जलाई गई थी. जबकि 21 सितंबर को सबसे ज्यादा 56 जगहों पर पराली को आग लगाने की घटनाएं हुईं.
बारिश की वजह से अच्छी केटेगरी में आई दिल्ली की हवा
आईएमडी के वैज्ञानिक वी के सोनी कहते हैं कि 22 सितंबर को पंजाब में 30 जगहों पर पराली को आग लगाई गई जबकि 23 सितंबर को सिर्फ 3 घटनाएं पराली जलाने की मॉनिटर हुईं. हालांकि जो सबसे बड़ी बात है वह यह है कि इन दिनों में पराली को आग लगाए जाने के बावजूद दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता 23 सितंबर तक अच्छी श्रेणी में रही. बारिश की वजह से पूरे एनसीआर में न केवल वायु प्रदूषण में भारी कमी आई बल्कि हवा की गुणवत्ता भी सुधर गई. इससे लोगों को काफी राहत मिली है.
इस बार पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में आई कमी
वीके सोनी कहते हैं कि इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट के आंकड़े बता रहे हैं कि पिछले साल के मुकाबले इस साल सितंबर 2022 तक पंजाब में पराली को आग लगाने की घटनाओं में भारी कमी देखी गई है.
इस साल कम हुईं पराली में आग लगाने की घटनाएं.
साल 2020 में कोरोना लॉकडाउन के चलते जहां 24 सितंबर तक सिर्फ 29 जगहों पर पराली को आग लगाई गई थी वहीं 2021 में यह संख्या बढ़कर 339 पर पहुंच गई. इसके बाद अब 2022 में अभी तक 139 जगहों पर भी किसानों ने खेतों में पड़ी धान की पराली में आग लगाई है.
हवा की दिशा बनी प्रदूषण घटाने में सहायक
आईएमडी के वैज्ञानिक वीके सोनी कहते हैं कि फिलहाल उत्तरी-पूर्वी हवा नॉर्थ ईस्टर्न विंड चल रही है. जिसकी वजह से पंजाब में जलने वाली पराली का धुआं दिल्ली में नहीं आ रहा है. इसके साथ ही भारी बारिश के चलते इस बार खेतों में पराली जलाने की घटनाएं भी कम हुई हैं. मानसून के चले जाने के बाद जब नॉर्थ वेस्टर्न यानि उत्तरी-पश्चिमी हवाएं चलेंगी तब हवा पंजाब की तरफ से दिल्ली की तरफ बहेगी. ऐसी स्थिति में पंजाब में जलने वाली पराली का धुआं सीधे दिल्ली की तरफ बढ़ेगा और यहां प्रदूषण व स्मॉग भी बढ़ने लगेगा. विशेषज्ञों की मानें तो 27 सितंबर के बाद हवा की दिशा में बदलाव आ सकता है.
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Tags: Air pollution, Air Pollution AQI Level, Heavy rain, Stubble Burning, Stubble firesFIRST PUBLISHED : September 25, 2022, 15:03 IST