सर्दियों की धीमी-धीमी आहट सुनाई देने लगी है. इसके साथ ही देश की राजधानी दिल्ली की हवा में फिर से जहर घुलने की आशंका से एनसीआर निवासी अभी से परेशान होने लगे हैं. हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं रोकने के लिए तरह-तरह के कथित तौर पर कड़े नियम बनाए जाने के बावजूद ऐसे मामलों पर पूरी तरह रोक नहीं लगाई जा सकी है. कई जानकार सर्दियों में दिल्ली-एनसीआर में हवा जहरीली होने की वजह सिर्फ पराली जलाए जाने को ही नहीं मानते. इस पर हर बार बहस होती है, लेकिन दिल्ली-एनसीआर के लोगों को सर्दियों में हर साल दमघोंटू माहौल से दो-चार होना पड़ता है.
लेकिन अब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने दिल्ली की हवा साफ-सुथरी रखने के लिए मुश्कें कस ली हैं. मोदी सरकार ने ऐसी योजना लॉन्च की है, जो अगर सही तरह से परवान चढ़ी, तो न सिर्फ राजधानी दिल्ली, बल्कि पूरे देश की हवा साफ-सुथरी रहने लगेगी. यह योजना न सिर्फ वातावरण में तात्कालिक सुधार करेगी, बल्कि भविष्य में भी देश और दुनिया के लिए नायाब उदाहरण साबित होगी. योजनाएं होनी भी ऐसी चाहिए, जो दूरगामी उद्देश्यों को पूरा कर सकें.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में 11 सितंबर को हुई कैबिनेट की बैठक में देश में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए पीएम ई-ड्राइव योजना को मंजूरी दी थी. ज्यादा देर नहीं करते हुए केंद्रीय भारी उद्योग मंत्रालय ने 30 सितंबर को इस सिलसिले में नोटिफिकेशन जारी कर दिया. यानी यह योजना एक अक्टूबर, 2024 से लागू हो गई है. केंद्र सरकार योजना को पर्यावरण की सड़क पर उतारने के लिए 10 हजार, 900 करोड़ रुपये खर्च करेगी. इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ाना देने के लिए 10,900 करोड़ रुपये में से 5047 करोड़ रुपये साल 2024-25 में खर्च किए जाएंगे. अगले साल 2025-26 में 5853 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है.
पीएम ई-ड्राइव योजना एक अक्टूबर से 31 मार्च, 2026 तक जारी रहेगी. योजना के तहत 40 लाख की आबादी वाले नौ शहरों दिल्ली, मुंबई, पुणे, अहमदाबाद, सूरत, कोलकाता, बेंगलुरू, चेन्नई और हैदराबाद में 14 हजार, 28 सरकारी इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी. योजना के तहत देश भर में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया जाएगा और इसके लिए ई-चार्जिस स्टेशनों का जाल तैयार किया जाएगा. योजना का फायदा उठाने के लिए लोगों को सरकारी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा. सही तरीके से रजिस्टर्ड लोगों को इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर सब्सिडी दी जाएगी.
योजना के तहत ई-एंबुलेंस को बढ़ावा दिए जाने के लिए 500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. साथ ही ई-ट्रकों की खरीद को बढ़ावा देने के लिए लोगों को सब्सिडी दिए जाने के लिए 500 करोड़ रुपये सरकारी खजाने से दिए जाएंगे. जाहिर है कि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिए जाने के लिए भारत भर में फास्ट ई-चार्जिग स्टेशनों की भी बड़े पैमाने पर जरूरत होगी. लिहाजा पीएम ड्राइव योजना के तहत चार पहिया वाहनों के लिए 22 हजार, 100 ई-चार्जिंग स्टेशन विकसित किए जाएंगे. साथ ही इलेक्ट्रिक बसों के लिए एक हजार, आठ सौ चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे. दो पहिया और तीन पहिया वाहनों के लिए 48 हजार, 400 फास्ट ई-चार्ज स्टेशन बनाए जाएंगे. चार्जिंग स्टेशन बनाने के लिए केंद्र सरकार दो हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी.
गजट नोटिफिकेशन में सरकार ने जानकारी दी है कि केंद्र सरकार चाहती है कि राज्य सरकारें भी इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दें. राज्यों से उम्मीद की गई है कि वे इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वालों को रोड टैक्स में छूट दें. साथ ही ऐसे वाहनों का इस्तेमाल करने वालों को परमिट और टोल टैक्स में भी छूट दी जा सकती है. ऐसे वाहनों की पार्किंग भी अपेक्षाकृत सस्ती दरों पर उपलब्ध कराई जा सकती है. केंद्रीय भारी उद्योग मंत्रालय इसके लिए राज्य सरकारों को प्रोत्साहित करेगा.
पीएम ई-ड्राइव योजना से 24 लाख 79 हजार ई-टूव्हीलरों, तीन लाख, 16 हजार ई-थ्रीव्हीलरों और 14 हजार, 28 ई-बसों को सहयोग मिलेगा. भारी उद्योग मंत्रालय इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदारों के लिए ई-वाउचरों जारी करेगा. साफ है कि तय अवधि के लिए जारी की गई पीएम ई-ड्राइव योजना अगर परवान चढ़ती है, तो फिर इसे आगे भी बढ़ाया जाएगा. देश भर में सरकारी और निजी स्तरों पर ई-वाहन फर्राटे भरने लगेंगे, तो देश की हवा भी साफ-सुथरी रहने लगेगी.
इसके साथ ही पेट्रोल और डीजल पर निर्भरता भी कम होती जाएगी. लेकिन इसके लिए जरूरी है कि ई-चार्जिंग की सुविधा लोगों को आसानी से उपलब्ध कराई जाए. बहुमंजिला सोसाइटियों वाले महानगरों में इसके लिए आरडब्ल्यूए की मदद ली जा सकती है. शहरों के अलावा अब क्योंकि मोदी सरकार ने गांव-गांव बिजली पहुंचाने का काम तेजी से किया है, लिहाजा ग्रामीण भारत में ई-वाहनों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए.
योजना मोदी सरकार ने जिस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए तैयार की है, अगर कार्यपालिका उस पर पूरी ईमानदारी से अमल करे, तो हरित भारत का लक्ष्य भी हरा-भरा हो सकता है. लेकिन ध्यान यह भी रखना होगा कि चार्जिंग के लिए बिजली पेट्रोल और डीजल की कीमतों के मुकाबले अगर सस्ती होगी, तभी आम लोगों की दिलचस्पी ई-वाहनों में तेजी से बढ़ेगी.
Tags: Cabinet decision, Electric Vehicles, Modi government, Narendra modiFIRST PUBLISHED : October 1, 2024, 16:53 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed