गैंगस्टर्स पर दिल्ली पुलिस का एक्शन विश्नोई का खास हाशिम बाबा पर लगा माकोका
गैंगस्टर्स पर दिल्ली पुलिस का एक्शन विश्नोई का खास हाशिम बाबा पर लगा माकोका
बढ़ते गैंगवार और गोलीबारी की घटनाओं को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने गैंगस्टर लाॉरेंस विश्नोई का बेहद खास और गैंग चला रहे हाशिम बाबा के खिलाफ मकोका लगाई है. दिल्ली पुलिस ने कम से कम 8 से 9 गैंगस्टर्स पर मकोका लगाने जा रही है. आपको बता दें कि हाशिम बाबा 2020 से जेल में बंद है, लेकिन हाल में राजधानी क्षेत्रों में उसकी एक्टिविटी बढ़ गई थी. हाल ही में एक अफगानी जिम मालिक नादिर शाह की हत्या में उसका नाम आया था.
नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस हाल में ही राजधानी और आसपास के राज्यों में गैंगस्टर की बढ़ती एक्टिविटी पर नकेल कसने की तैयारी में है. हाल फिलहाल में राजधानी कई ऐसी बड़ी घटनाएं हुईं, जिनमें लॉरेंस विश्नोई गैंग का हाथ रहा. गैंगस्टरों की बढ़ती गतिविधि को देखते हुए कई गैंगस्टरों पर नकेल कसने की तैयारी में है. शुक्रवार को पुलिस के हवाले से खबर आई है कि लॉरेंस विश्नोई के बेहद करीबी हाशिम बाबा और उसके 8 से 10 गुर्गों पर मकोका लगाया है.
सूत्रों के मुताबिक हाशिम बाबा पर तकरीबन 1 दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज हैं. गैंगस्टर हाशिम बाबा साल 2020 से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है. उसके ऊपर हत्या, हत्या की साजिश में शामिल होने के साथ-साथ कई और केस लगे हैं. जैसे कि एक्सटोर्शन, अवैध आर्म्स, अवैध/नकली पासपोर्ट जैसे मामलों में उसके खिलाफ मामले दर्ज हैं. पुलिस ने उसके खिलाफ 2013 के बाद से जुड़े मामलों की जांच के बाद लगाई है.
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आपको बताते चलें कि पुलिस सूत्रों के मुताबिक हाशिम बाबा और उसके गैंग में शामिल बदमाशों पर भी मकोका के तहत मामला दर्ज किया गया है. इसमें राशिद केबलवाला, सचिन गोलू, सोहेल, शाहरुख जैसे बदमाशों के भी नाम शामिल हैं. ये सभी हाशिम बाबा गैंग के लिए काफी समय से आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे.
आपको बता दें कि पहली बार मकोका कानून 1999 में लाई थी. महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज़्ड क्राइम एक्ट (मकोका) अपराधियों के लिए बनाया एक कानून है जिसका मकसद ऑर्गेनाइज्ड क्राइम और अंडरवर्ल्ड अपराधों को रोकना है. इस कानून को अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए 1999 में महाराष्ट्र सरकार ने बनाया था. इसे साल 2002 में दिल्ली सरकार ने भी इसे लागू किया था.
मकोका लगाने के बाद अगर किसी आरोपी पर कार्रवाई होती है, तो जांच पूरी होने तक उसे जमानत नहीं मिलती और वो जेल की सलाखों में ही रहना होता है.मकोका के तहत मुकदमा दर्ज करने के लिए ये जरूरी है कि किसी भी अपराधी की 10 साल के दौरान कम से कम दो ऑर्गेनाइज्ड क्राइम में भूमिका रही हो.
FIRST PUBLISHED : September 20, 2024, 11:21 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed