ऐसा कोई नियम नहीं जो कोर्ट को रोके CJI चंद्रचूड का ऐतिहासिक फैसला
ऐसा कोई नियम नहीं जो कोर्ट को रोके CJI चंद्रचूड का ऐतिहासिक फैसला
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने साफ किया कि एक मामले का असर दूसरे मामले में एंट्री सेपेट्री बेल परनहीं पड़ सकता है. आरोपी पहले से एक मामले में जेल में बंद है. कोर्ट ने उसे दूसरे मामले में एंटी सेपेट्री बेल दे दी है.
हाइलाइट्स सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच ने एंटी-सेपेट्री बेल पर निर्णय लिया. एक मामले में कैद आरोपी दूसरे मामले में एंट्री-सेपेट्री बेल पा सकता है.
नई दिल्ली. आमतौर पर जब कोई व्यक्ति किसी मामले में जेल में बंद है तो वो क्या उसपर दर्ज किसी अन्य मामले में एंटी-सेपेट्री बेल के लिए याचिका लगा सकता है. सुनने में यह थोड़ा अजीव लग रहा होगा. जब व्यक्ति पहले ही जेल में है तो फिर उसे गिरफ्तारी से छूट क्यों चाहिए. एक ऐसा ही मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने आया. इसपर सुनवाई के बाद सर्वाच्च अदालत ने यह साफ कर दिया कि अगर कोई व्यक्ति एक मामले में अरेस्ट है तो भी वो किसी दूसरे मामले में भविष्य में पुलिस द्वारा की जानी वाली संभावित गिरफ्तारी के खिलाफ एंटी-सेपेट्री बेल का हकदार है.
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ उस कानूनी प्रश्न पर सुनवाई कर रही थी कि क्या जेल में बंद किसी आरोपी को किसी अन्य आपराधिक मामले में गिरफ्तारी पूर्व जमानत के लिए अर्जी देने का अधिकार है? न्यायमूर्ति पारदीवाला ने पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए कहा, ‘‘एक आरोपी तब तक अग्रिम जमानत पाने का हकदार है जब तक उसे उस अपराध के संबंध में गिरफ्तार नहीं किया गया है और यदि उसे उस मामले में भी गिरफ्तार किया गया है तो नियमित जमानत के लिए आवेदन करना ही एकमात्र उपाय है.’’
एक केस का प्रभाव दूसरी पर नहीं…
यह फैसला 2023 में दाखिल धनराज अश्वनी की याचिका पर आया है जिसमें यह सवाल उठाया गया था. पीठ ने कहा, ‘‘ऐसा कोई स्पष्ट या अंतर्निहित प्रतिबंध नहीं है जो किसी आरोपी को किसी अन्य अपराध के संबंध में हिरासत में होने पर अग्रिम जमानत देने के लिए सत्र या उच्च न्यायालय को रोकता है.’’ उसने कहा, ‘‘किसी एक मामले में हिरासत में होने का प्रभाव किसी दूसरे मामले में गिरफ्तारी की आशंका को दूर करने पर नहीं पड़ता है.’’
Tags: DY Chandrachud, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : September 9, 2024, 14:09 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed