पिता के बुलडोजर एक्शन से सहमी थी दिल्ली अब बेटा बना HC का चीफ जस्टिस

देश के चर्चित नौकरशाह और दिल्ली-गोवा के उपराज्यपाल के साथ-साथ जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल रह चुके जगमोहन की यादें एक बार से ताजा हो गई है. क्योंकि, पूर्व केंद्रीय मंत्री जगमोहन के बेटे न्यायमूर्ति मनमोहन दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने हैं. अपने पिता की छवि से कितना अलग हैं न्यायमूर्ति मनमोहन की छवि. पढ़ें यह रिपोर्ट.

पिता के बुलडोजर एक्शन से सहमी थी दिल्ली अब बेटा बना HC का चीफ जस्टिस
नई दिल्ली. न्यायमूर्ति मनमोहन दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बन गए हैं. न्यायमूर्ति मनमोहन पूर्व नौकरशाह, दिल्ली और गोवा के उपराज्यपाल के साथ-साथ जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल रह चुके दिवंगत जगमोहन के बेटे हैं. आपको बता दें कि साल 1976-77 में डीडीए उपाध्यक्ष रहते जगमोहन द्वारा किए गए कामों को दिल्ली वाले आज भी याद करते हैं. इमरजेंसी के दौरान जगमोहन ने दिल्ली के तुर्कमान गेट पर बुलडोजर एक्शन चला कर अवैध कब्जों से मुक्ति दिलाई थी. अब, बेटा न्यायमूर्ति मनमोहन से दिल्ली वालों को ‘बुलडोजर फैसले’ की अपेक्षा होगी. क्योंकि, दिल्ली में अवैध कब्जों से जुड़े कई मुकदमे दिल्ली की अदालतों में लंबित हैं. न्यायमूर्ति मनमोहन 9 नवंबर 2023 से ही दिल्ली हाईकोर्ट में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में काम कर रहे थे. न्यायमूर्ति मनमोहन को दिल्ली के एलजी वी के सस्केना ने रविवार को दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई. 61 साल के मनमोहन दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर से कानून की डिग्री हासिल की है. इसी साल 16 दिसंबर को न्यायमूर्ति रिटायर हो जाएंगे. ऐसे में उनके पास बड़े-बड़े फैसले लेने के लिए बहुत कम ही दिन बचे हैं. न्यायमूर्ति मनमोहन 9 नवंबर 2023 से ही दिल्ली हाईकोर्ट में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में काम कर रहे थे. पिता नौकरशाह तो बेटा हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बता दें कि न्यायाधीश मनमोहन के पिता जगमोहन को दिल्लीवाले डीडीए उपाध्यक्ष रहते किए गए कामों को लेकर याद करते हैं. साल 1976-77 में जगमोहन के नेतृत्व में कई ऐसे काम हुए थे, जिसको लेकर लोग आज भी चर्चा करते हैं. जगमोहन ने दिल्ली के तुर्कमान गेट से हजारों घरों पर बुलडोजर चला कर पूरे इलाके को अतिक्रमण से मुक्ति दिलाई थी. सालों बाद उनका बेटा दिल्ली के सबसे बड़े पद पर काबिज हुआ है. ऐसे में दिल्लीवालों की बाप की झलक बेटे में देखने की चाहत जरूर होगी. क्योंकि, स्थिति कमोबेश 1976 और 1977 वाली ही दिल्ली में हो गई है. जगमोहन के बाद दिल्ली में मनमोहन की एंट्री दिल्ली के कई इलाकों में अवैध कब्जे, डीडीए और वक्फ बोर्ड के बीच जमीन को लेकर विवाद जैसे कई मामलों के फैसले आने वाले हैं. दिल्ली में हजारों करोड़ की वक्फ प्रॉपर्टी को लेकर सालों से विवाद चल रहे हैं, जिसमें मु्स्लिम पक्ष और डीडीए दोनों का अलग-अलग दावे हैं. अभी हाल ही में सदर बाजार स्थित रानी लक्ष्मी बाई की मूर्ति लगाने में काफी बवाल मचा था. डीडीए ने प्रतिमा लगाने के लिए जो जमीन दी थी, उसको वक्फ बोर्ड वाले अपना बता रहे हैं. ऐसे में मनमोहन का दिल्ली हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनना मायने रखता है. तुर्कमान गेट चलाया था बुलडोजर न्यायमूर्ति मनमोहन के पिता जगमोहन के कामों को लेकर खूब चर्चा हो रही है. बीबीसी की रिपोर्ट की मानें तो साल 1976 की शुरुआत में जगमोहन और संजय गांधी तुर्कमान गेट के दौरे पर गए थे. इंदिरा गांधी की जीवनी लिखने वाली लेखिका कैथरीन फ्रैंक कहती हैं, ‘संजय ने अपनी मां इंदिरा गांधी से इच्छा प्रकट की थी कि वो चाहते हैं कि उन्हें तुर्कमान गेट से जामा मस्जिद साफ-साफ दिखाई दे. इंदिरा ने संजय की कही बात को इंकार नहीं किया. इसके बाद उस समय डीडीए के उपाध्यक्ष जगमोहन ने संजय गांधी के इन शब्दों को आदेश की तरह लिया.’ 1976 की शुरुआत में जगमोहन और संजय गांधी तुर्कमान गेट के दौरे पर गए थे. संजय गांधी के आदेश पर चला था बुलडोजर बीबीसी की इसी रिपोर्ट में जिक्र है, ‘जगमोहन ने तुर्कमान गेट से जामा मस्जिद के बीच आने वाले हर चीज को मिटा दिया, जो दिखाई देने में बाधक थी. यहां रहने वाले लाखों लोगों को बीस मील दूर यमुना पार खाली पड़ी जमीन पर बसाया गया. उस समय 16 बुलडोजर दिन रात काम कर रहे थे. उसी दिन तुर्कमान गेट के लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल जगमोहन से मिलने गया. प्रतिनिधिमंडल ने अनुरोध किया कि उन्हें तुर्कमान गेट से दूर न भेजा जाए और अलग अलग जगहों पर न भेज कर एक साथ रहने दिया जाए. IGIA: अमेरिका जाने के लिए 24 साल का लड़का बना 67 साल का बुड्ढा, पत्नी भी बनी बुजुर्ग, एयरपोर्ट पहुंचते ही लगा 60 लाख का चूना ‘जगमोहन ने जवाब दिया, ‘क्या आप समझते हैं कि हम पागल हैं कि एक पाकिस्तान तोड़ कर दूसरा पाकिस्तान बन जाने दें? हम आपको त्रिलोकपुरी और खिचड़ीपुर में प्लॉट देंगे और आपको उन पांच लाख लोगों की तरह वहां जाना पड़ेगा जिन्हें हम वहां बसाना चाहते हैं. और ये याद रखिए अगर आप वहां नहीं जाते हैं और डिमोलिशन का विरोध करने की बेवकूफी जारी रखते हैं, तो इसके परिणाम गंभीर होंगे.’ 48 साल बाद एक बार फिर से दिल्ली में जगमोहन की परछाई के तौर पर उनका बेटा मनमोहन दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि अपने पिता की तरह मनमोहन भी कुछ ऐसे ऐतिहासिक फैसले लेंगे, जिसको दिल्लीवाले सालों याद रखेंगे. Tags: Bulldozer Baba, DELHI HIGH COURT, Delhi newsFIRST PUBLISHED : September 30, 2024, 13:53 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed