सारण में कम वोटिंग के क्या हैं संकेत 2004 और 2009 में भी हुई बेहद कम वोटिंग

लोकसभा चुनाव 2024 के पांचवे चरण में सारण लोकसभा सीट पर भी मत डाले गए. यह बिहार की एक हाई प्रोफाइल सीट है. यहां से भाजपा के वरिष्ठ नेता राजीव प्रताप रूढ़ी और राजद सुप्रीमो लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य मैदान में हैं.

सारण में कम वोटिंग के क्या हैं संकेत 2004 और 2009 में भी हुई बेहद कम वोटिंग
लोकसभा चुनाव 2024 के पांचवे चरण में बिहार की सारण लोकसभा सीट पर भी मत डाले गए. यह राज्य की एक हाईप्रोफाइल सीट है. यहां से राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य और भाजपा के मौजूदा सांसद राजीव प्रताप रूढ़ी के बीच मुकाबला है. शाम पांच बजे के आंकड़ों के मुताबिक इस सीट पर 50.46 फीसदी वोटिंग हुई. हालांकि, ये अंतरिम आंकड़े हैं. फाइनल प्रतिशत में बदलाव संभव है. इससे पहले 2019 और 2014 के लोकसभा चुनाव में क्रमशः 56.60 और 56.10 फीसदी वोटिंग हुई थी. इन दोनों चुनावों में भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूढ़ी विजयी हुए थे. 2019 में वह 51.29 वोटों के साथ जीते थे जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी राजद के चंद्रिका राय को 41.33 फीसदी वोट मिले थे. वह 1.38 लाख वोटों के भारी मार्जिन से चुनाव हारे थे. लेकिन, 2014 में मुकाबला थोड़ा करीबी था. देश भर में पीएम मोदी की लहर के बावजूद राजीव प्रताप रूढ़ी करीब 41 हजार वोटों के मार्जिन से जीते थे. उस चुनाव में उनके सामने लालू यादव की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी थीं. 2009 में केवल 49 परसेंट वोटिंग वर्ष 2009 का चुनाव काफी मजेदार था. उस समय यहां से खुद लालू यादव मैदान में थे. हालांकि उनके साथ एक बार फिर भाजपा की ओर से राजीव प्रताप रूढ़ी थे. लालू 47.21 परसेंट वोटों के साथ विजयी हुए थे. जीत का मार्जिन करीब 52 हजार वोटों का था. राजीव प्रताप रूढ़ी को केवल 38.29 फीसदी वोट मिले थे. दोनों पक्षों के वोट करीब-करीब बराबर बीते 2019 में पीएम मोदी की लहर थी. इस चुनाव को छोड़ दिया जाए तो सारण लोकसभा सीट पर भाजपा और राजद के कोर वोटर करीब-करीब बराबर हैं. इन दोनों को 2019 से पहले के हर चुनाव में 36 से 40 फीसदी के बीच वोट मिलते रहे हैं, भले ही चुनाव परिणाम अलग ही क्यों न हो. 2019 में चंद्रिका राय हारे लेकिन उनका वोट प्रतिशत 41.33 फीसदी था. इसी तरह 2014 में राबड़ी देवी भी हारीं लेकिन उनका वोट प्रतिशत 36.38 फीसदी था. उस चुनाव में रूढ़ी को भी 41 फीसदी ही वोट मिले थे. 2009 में रूढ़ी लालू यादव से हार गए थे लेकिन उनका वोट प्रतिशत 38.29 था. लालू को जरूर 47.21 फीसदी वोट मिले थे. 38 फीसदी वोटिंग और जीत गए लालू 2009 से पहले यह छपरा लोकसभा सीट थी. 2004 के लोकसभा चुनाव में भी यहां से लालू यादव विजयी हुए थे. फिर केंद्र में मनमोहन सिंह की सरकार में रेल मंत्री बने थे. उस चुनाव जीत का अंतर करीब 60 हजार वोटों का था. उस चुनाव में केवल 38.3 फीसदी वोटिंग हुए थी. लालू यादव को 51.3 फीसदी वोट मिले थे जबकि रूढ़ी को खाते में 37.8 फीसदी वोट आए थे. इस तरह 2009 और 2004 दोनों चुनावों में कम वोटिंग हुई और जीत का लालू यादव के हाथ लगी. Tags: Loksabha Election 2024, Loksabha Elections, Saran NewsFIRST PUBLISHED : May 20, 2024, 18:58 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed