शादी की इतनी जल्दी 17 साल की लड़की को बना लिया दुल्हन और फिर
शादी की इतनी जल्दी 17 साल की लड़की को बना लिया दुल्हन और फिर
High Court News: गर्भवती पत्नी को लेकर जब एक पति अस्पताल पहुंचा तो वहां मौजूद डॉक्टरों को कुछ शक हुआ. फिर डॉक्टरों को पति ने बताई ऐसी बात की बुला ली पुलिस और वहां बच्चे ने दुनिया में कदम रखा तो पिता हो गया गिरफ्तार, जानें ऐसा क्या हुआ....
नई दिल्ली. पड़ोस में रहने वाली लड़की को रोजाना आते-जाते देखा करता था. पहली नजर में प्यार हुआ और उसके बाद लड़के को इतनी जल्दी थी कि 17 साल की लड़की को अपनी दुल्हन बना लिया. यहां तक भी किसी को कुछ पता नहीं चलता. पर एक साल में ही लड़का पहले दूल्हा और फिर पापा बन गया. जब लड़की को अस्पताल ले जाया गया तो वहां सारा खेल ही बिगड़ गया. यहां पत्नी ने बच्चे को जन्म दिया और बाप जेल पहुंच गया. जब यह मामला लोअर कोर्ट से हाईकोर्ट पहुंचा तो जज ने फिर इस केस में अपना फैसला दिया.
दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता लड़के की याचिका पर पोक्सो केस की क्रिमिनल प्रोसिड़िग (कार्यवाही) बंद करने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट के जज ने कहा है कि अगर एफआईआर रद्द नहीं की गई तो तीन लोगों की जिंदगी बर्बाद हो जाएगी. जिसमें पति-पत्नी समेत नवजात बच्चे की जीवन भी नष्ट हो जाएगा. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि वह ‘असाधारण परिस्थितियों’ के कारण ‘मानवीय आधार’ पर आदेश पारित कर रहा है.
कोर्ट की सुनवाई के दौरान सामने आया कि याचिकाकर्ता लड़के को पड़ोस में रहने वाली 17 वर्षीय लड़की से प्यार हो गया. इसके बाद दोनों ने अगस्त 2023 में अपनी मर्जी से शादी कर ली. जब लड़की गर्भावती हुई तो उसे अस्पताल ले जाया गया. जहां अस्पताल वालों ने पुलिस को लड़की के नाबालिग होने की सूचना दी. इसके बाद भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के तहत लड़के के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. लड़की ने अगस्त में एक लड़के को जन्म दिया और उसके पति को सितंबर में गिरफ्तार कर लिया गया.
कोर्ट ने एफआईआर रद्द करते हुए क्या कहा?
जज अनीश दयाल ने द्वारका में दर्ज हुए इस मामले को रद्द करते हुए कहा कि इन तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए, इस अदालत की राय है कि पीड़िता और बच्चा अपने माता-पिता के साथ रहते हैं. कोर्ट ने कहा कि याचिककर्ता बालिग है और अगर एफआईआर को रद्द नहीं किया गया तो उससे बच्चे पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. कोर्ट ने यह कहते हुए आरोपी के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया है.
कोर्ट में क्या बोली लड़की की मां?
याचिकाकर्ता ने अदालत में पेश सबूत में बताया कि वह दोनों एक दूसरे को बचपन से जानते थे. दोनों ने सहमति से संबंध बनाए थे जिसके दोनों की शादी हुई और फिर उन्हें एक बच्चा हुआ. हालांकि, अभियोजन पक्ष ने इस आधार पर एफआईआर रद्द करने पर आपत्ति जताई कि चूंकि लड़की नाबालिग थी, इसलिए वह कानूनी रूप से सहमति देने में सक्षम नहीं थी. हाईकोर्ट ने उल्लेख किया कि उसने लड़की और उसके माता-पिता के साथ व्यापक बातचीत की थी, जो रिश्ते के बारे में जानते थे. लड़की ने खुद कहा कि वह और याचिकाकर्ता एक ‘रोमांटिक रिश्ते’ में थी और बच्चा उनका था. अस्पताल द्वारा मामले की सूचना दिए जाने के बाद प्रसव पीड़ा शुरू होने से पहले उसने पुलिस को बयान दिया था. आदेश में आगे दर्ज किया गया कि लड़की की कानूनी अभिभावक होने के नाते, उसकी मां ने भी कहा कि उसे एफआईआर को रद्द करने पर कोई आपत्ति नहीं है और अदालत के समक्ष एक ‘समझौता विलेख’ भी रखा गया था.
Tags: Bride groom, DELHI HIGH COURT, Delhi newsFIRST PUBLISHED : September 24, 2024, 16:47 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed