आजादी का अमृत महोत्सवः बढ़ी तिरंगों की मांग यूपी से सबसे ज्यादा डिमांड एमपी राजस्थान असम भी पीछे नहीं
आजादी का अमृत महोत्सवः बढ़ी तिरंगों की मांग यूपी से सबसे ज्यादा डिमांड एमपी राजस्थान असम भी पीछे नहीं
तिरंगा बनाने वालों का कहना, हर साल के मुकाबले डिमांड 100 प्रतिशत तक बढ़ी, हर दिन बनाए जा रहे हैं डेढ़ लाख तिरंगे, हर राज्य से हो रही है डिमांड, पूरी करने में जुटे हजारों कारीगर.
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष में अमृत महोत्सव के तहत जिस तरीके से हर घर तिरंगा अभियान की शुरुआत की है, उसे लेकर लोगों में भी खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. इसी को लेकर दिल्ली के सदर बाजार में तिरंगों का निर्माण करने वाले गफ्फार भाई झंडेवाला दिन-रात इसे बनाने में जुटे हैं. 60 सालों से झंडा बनाने का काम करने वाले गफ्फार भाई का कहना है कि हर घर तिरंगा अभियान के चलते डिमांड पिछले सालों के मुकाबले 100 प्रतिशत तक बढ़ गई है. इसे पूरा करने के लिए हजार से 1200 कारीगर दिन रात काम कर रहे हैं.
हर दिन बन रहे डेढ़ लाख तिरंगे
उन्होंने बताया कि प्रतिदिन डेढ़ लाख से ज्यादा तिरंगे तैयार किए जा रहे हैं. गफ्फार भाई का कहना है कि हमारे यहां हिंदू मुस्लिम सभी धर्मों के कारीगर हैं जो तिरंगा बना रहे हैं क्योंकि तिरंगा हमारे देश की शान है और हम भारतीय हैं और हमें बेहद खुशी है कि हर घर तिरंगा योजना में हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना साकार करने का मौका मिल रहा है. उन्होंने कहा कि डिमांड इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि उसे पूरा करना भी मुश्किल हो रहा है. लगातार लोगों के आर्डर आ रहे हैं और हमारी पूरी कोशिश है कि हम सबके आर्डर पूरे करें. इस बार एक करोड़ से ज्यादा तिरंगे बनाने का लक्ष्य है.
उन्होंने बताया कि पिछले 60 साल से हम तिरंगा बनाने का काम कर रहे हैं लेकिन हर घर तिरंगा अभियान के चलते इस बार जितनी डिमांड बढ़ी है उतनी डिमांड मैंने पहले कभी नहीं देखी. उन्होंने बताया कि पूरे देश में हमारे यहां से तिरंगे सप्लाई होते हैं और पीछे से माल महंगा आ रहा है इसके चलते तिरंगा बनाने में भी खर्च ज्यादा आ रहा है. हमारे यहां हर तरीके के तिरंगे तैयार किए जाते हैं, छोटे-बड़े टेबल पर रखने वाले हाथ में बांधने वाले बैंड लेकिन 20×30 साइज की डिमांड सबसे ज्यादा है.
तिरंगा बनाने वाले मोहम्मद ने कहा कि मुझे खुशी है कि मुझे मौका मिल रहा है देश के लिए तिरंगा तैयार करने का चाहे कितनी मेहनत करनी पड़ेगी चाहे दिन रात लगना पड़े लेकिन हम हर घर तिरंगा अभियान को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.
बेरोजगारों को मिल रहा रोजगार
गफ्फार भाई झंडेवाला ने बताया कि जिस तरीके से तिरंगे की डिमांड बढ़ी है काम बड़ा है उसके लिए कारीगर बढ़ाने पड़ रहे हैं और इससे जिन लोगों के पास काम नहीं था उन्हें रोजगार मिल रहा है उनकी रोजी-रोटी चल रही है. गफ्फार भाई झंडे वाले ने बताया कि दिल्ली के सदर बाजार में उनकी सबसे पुरानी यूनिट है इसके साथ ही यमुनापार में भी उनकी यूनिट है और देश भर में देश की राजधानी दिल्ली से उनके तिरंगे सप्लाई हो रहे हैं. हर प्रकार की डिमांड उनके यहां पर आ रही है. सबसे ज्यादा डिमांड उत्तर प्रदेश से है, इसके बाद असम, उड़ीसा, पंजाब, राजस्थान और मध्य प्रदेश से भी काफी मांग हो रही है.
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Tags: Amrit Mahotsav of Azadi, Delhi newsFIRST PUBLISHED : August 04, 2022, 16:42 IST