केजरीवाल के खिलाफ ED की बड़ी दलील कानून में सबूत का जिक्र जज बोले
केजरीवाल के खिलाफ ED की बड़ी दलील कानून में सबूत का जिक्र जज बोले
Arvind Kejriwal Interim Bail News: सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से मामले की जांच में लगने वाले समय पर सवाल किया और कहा कि एजेंसी को कुछ उजागर करने में दो साल लग गए. पीठ ने यह भी पूछा कि मामले में गवाहों और आरोपियों से प्रासंगिक सीधे सवाल क्यों नहीं पूछे गए? ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि शुरू में केजरीवाल मामले की जांच के केंद्र में नहीं थे और बाद में उनकी भूमिका स्पष्ट हो गई.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से जुड़े आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच में ‘देरी’ को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से सवाल किया और एजेंसी से आप नेता की गिरफ्तारी से पहले केस फाइलें पेश करने को कहा. सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने ईडी से दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी से पहले और बाद की केस फाइलें पेश करने को भी कहा, जो इस मामले में आरोपी भी हैं. पीठ केजरीवाल की उस याचिका पर दलीलें सुन रही है, जिसमें उन्होंने मामले में ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती दी है.
सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से मामले की जांच में लगने वाले समय पर सवाल किया और कहा कि एजेंसी को कुछ उजागर करने में दो साल लग गए. पीठ ने यह भी पूछा कि मामले में गवाहों और आरोपियों से प्रासंगिक सीधे सवाल क्यों नहीं पूछे गए? ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि शुरू में केजरीवाल मामले की जांच के केंद्र में नहीं थे और बाद में उनकी भूमिका स्पष्ट हो गई. उन्होंने कहा कि केजरीवाल 2022 के गोवा विधानसभा चुनावों के दौरान एक सात सितारा होटल में रुके थे और बिलों का कुछ हिस्सा कथित तौर पर दिल्ली सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा भुगतान किया गया था.
राजू ने पीठ को एक नोट दिया जिसमें उन्होंने केजरीवाल की इस दलील का खंडन किया कि जांच एजेंसी ने अनुमोदकों के बयानों को दबा दिया था. इस मामले में बहस चल रही है. राजू ने दलील दी कि किसी को यह मानने की जरूरत नहीं है कि गवाह ने जो कुछ भी आईओ को बताया है, वो सब सही है. वह जांच एजेंसी को गुमराह कर सकता है. इसलिए जांच इस तरह से नहीं होनी चाहिए कि हम पहले आरोपी तक जाएं, इसमें कई बाधाएं हो सकती हैं. अब कृपया एमएसआर का बयान देखें. जस्टिस खन्ना ने कहा कि उस सबमें जाने की जरूरत नहीं है. एकमात्र बात यह है कि क्या यह विश्वास करने के कारणों में दिया गया है. अदालत स्वीकार कर भी सकती है और नहीं भी. धारा 19 के तहत आपका आदेश अपने पैरों पर खड़ा होगा, पूरक तर्क से नहीं है. राजू ने कहा कि गिरफ्तारी के आधार और विश्वास करने के कारण एक जैसे हैं.
सुप्रीम कोर्ट में क्या हुई राजू और जज के बीच?
जस्टिस खन्ना ने कहा कि नहीं मिस्टर राजू, वे अलग हैं.
जस्टिस खन्ना ने कहा कि मगुंता रेड्डी को कभी गिरफ्तार नहीं किया गया? न तो सीबीआई ने और न ही आपने तो राजू ने कहा कि नहीं.
जस्टिस खन्ना ने कहा बुच्ची बाबू?
राजू ने कहा कि सीबीआई ने गिरफ्तार किया था.
जस्टिस खन्ना- हिरासत में बयान दर्ज? क्या यह स्वीकार्य होगा?
राजू ने कहा कि जहां तक उसका सवाल है यह कोई स्वीकारोक्ति नहीं है. भले ही गिरफ्तारी के बाद के बयान स्वीकार्य नहीं हैं, फिर भी वे इकबालिया बयान हैं.
जस्टिस खन्ना ने कहा कि तर्क बहस योग्य है, लेकिन हमें उस पर जाने की आवश्यकता नहीं है. हमें धारा 24 से धारा 27 (साक्ष्य अधिनियम) तक एक साथ पढ़ना होगा.
जस्टिस खन्ना ने कहा कि आप सिर्फ हमें उन बयानों को दे सकते हैं जो केजरीवाल को आरोपित करते हैं और जिनकी तारीख क्या है?
राजू ने कहा कि हमारी लिखित जमा की गई प्रस्तावना में है, अभी उस पर आएंगे.
राजू ने कहा कि 19 पीएमएलए… इस्तेमाल किया गया शब्द “सामग्री” (Material) है न कि “सबूत” (Evidence) सामग्री का स्वीकार्य होना आवश्यक नहीं है.
जस्टिस खन्ना ने कहा कि गिरफ्तार करने वाले अधिकारी को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह विधायी आदेश का अनुपालन करता है… इसे स्वतंत्रता के उद्देश्य को बढ़ावा देने के रूप में पढ़ा जाएगा.
जस्टिस खन्ना ने कहा कि सारी सामग्री देखनी होगी…गिरफ्तारी के मानक बहुत ऊंचे हैं. आप विजय मदनलाल मामले के विपरीत जा रहे हैं.
एसजी मेहता ने कहा कि कुछ वह जिसे जमानत में उन्हें साबित करना है, वह हम पर डाल रहे हैं.
जस्टिस खन्ना ने कहा कि रिमांड के समय, आप पर दायित्व है। जमानत के समय, यह उन पर हैं.
राजू ने सीआरपीसी के प्रावधान बताते हुए आरोपमुक्त की प्रक्रिया पर बोल रहे थे.
कोर्ट ने कहा कि हम यहां आरोपमुक्त करने पर विचार नहीं कर रहे हैं. हम ये देख रहे हैं कि व्यक्ति को गिरफ़्तार किया जाना चाहिये था या नहीं.
केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं. शीर्ष अदालत ने 15 अप्रैल को ईडी को नोटिस जारी किया था और गिरफ्तारी के खिलाफ केजरीवाल की याचिका पर जवाब मांगा था. 9 अप्रैल को दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को बरकरार रखते हुए कहा था कि इसमें कोई अवैधता नहीं थी और ईडी के पास ‘बहुत कम विकल्प’ बचा था क्योंकि उन्होंने बार-बार समन जारी नहीं किए और जांच में शामिल होने से इनकार कर दिया. यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की अब रद्द कर दी गई आबकारी नीति के निर्माण और क्रियान्वयन में कथित भ्रष्टाचार और धन शोधन से संबंधित है.
Tags: Arvind kejriwal, Delhi liquor scam, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : May 7, 2024, 13:10 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed