दिल्‍ली एम्‍स में रोटेशन ऑफ हेडशिप पॉलिसी लाने का प्रस्‍ताव बनाई गई 6 विशेषज्ञों की कमेटी

दिल्‍ली एम्‍स के निदेशक डॉ. रणदीप गुले‍रिया की ओर से पत्र में कहा गया कि एम्‍स के विभागों में अध्‍यक्ष पद के लिए रोटेशन पॉलिसी पर विचार करने के लिए जिस कमेटी का गठन किया गया है, उसमें 6 सदस्‍यों को शामिल किया गया है. इसमें नीति आयोग के सदस्‍य डॉ. वीके पॉल सहित कई एम्‍स और पीजीआई चंडीगढ़ के पूर्व निदेशक शामिल किए गए हैं.

दिल्‍ली एम्‍स में रोटेशन ऑफ हेडशिप पॉलिसी लाने का प्रस्‍ताव बनाई गई 6 विशेषज्ञों की कमेटी
नई दिल्‍ली. ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज दिल्‍ली में विभागों और सेंटरों के विभागाध्‍यक्ष पद पर रोटेशन पॉलिसी लागू करने पर विचार किया जा रहा है. इसके लिए रोटेशन ऑफ हेडशिप का प्रस्‍ताव लाया गया है. इससे किसी भी विभाग या सेंटर के अध्‍यक्ष पद पर एक नियमित समय के लिए ही किसी स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञ को नियुक्‍त किया जाएगा. तय अवधि के बाद अन्‍य विशेषज्ञों को भी यह अवसर मिल सकेगा. हाल ही में दिल्‍ली एम्‍स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया की ओर से एक पत्र जारी किया गया है जिसमें बताया गया है कि जून 2021 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की मौजूदगी में हुई देश भर के एम्स की सेंट्रल इंस्टीट्यूट बॉडी (सीआइबी) की बैठक में एम्स के विभागों और केंद्रों में विभागाध्यक्ष के पद पर रोटेशन प्रणाली लागू करने का प्रस्ताव लाया गया था. इस दौरान सीआइबी के कई सदस्यों ने इस प्रस्ताव को लेकर अपने-अपने सुझाव दिए थे. अब इसे लेकर स्वास्थ्य मंत्री ने रोटेशन प्रणाली के फायदे ओर नुकसान पता करने के लिए एक समिति गठित करने का आदेश दिया है. गुलेरिया की ओर से पत्र में कहा गया कि एम्‍स के विभागों में अध्‍यक्ष पद के लिए रोटेशन पॉलिसी पर विचार करने के लिए जिस कमेटी का गठन किया गया है, उसमें 6 सदस्‍यों को शामिल किया गया है. इसमें नीति आयोग के सदस्‍य डॉ. वीके पॉल सहित कई एम्‍स और पीजीआई चंडीगढ़ के पूर्व निदेशक शामिल किए गए हैं. इन सदस्‍यों से इस प्रस्‍ताव पर विचार करने और रिपोर्ट स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री को सौंपने के लिए कहा गया है. ये होंगे समिति के सदस्‍य डा. वीके पाल नीति आयोग के सदस्य , डा. के.के. तलवार, पूर्व निदेशक, पीजीआइ, चंडीगढ़, डा. जगत राम, पूर्व निदेशक, पीजीआइ चंडीगढ़ डा. एमसी मिश्रा, पूर्व निदेशक दिल्ली एम्स डा. वीएम कटोच, पूर्व महानिदेशक (आइसीएमआर) डा. अभय करंदीकर, निदेशक आइआइटी कानपुर अभी तक ये थी व्‍यवस्‍था बता दें कि अभी तक एम्‍स के विभिन्‍न विभागों और सेंटरों पर यह व्‍यवस्‍था है कि वरिष्‍ठता के क्रम में अगर कोई प्रोफसर या स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञ अगर एक बार किसी विभाग के अध्‍यक्ष पद पर आसीन हो जाते हैं तो वे अपने पूरे कार्यकाल यानि सेवानिवृत्ति तक उस पद पर बने रहते हैं. उनके सेवानिवृत्‍त होने के बाद ही कोई अन्‍य डॉक्‍टर विभागाध्‍यक्ष बन पाता है. जबकि इस अवधि में कई विशेषज्ञ योग्‍य होते हुए भी इस पद पर नहीं आ पाते. हालांकि अब रोटेशन पॉलिसी आने से विभागाध्‍यक्ष पद पर बने रहने की अवधि 3 या पांच साल हो जाएगी, ऐसा अनुमान है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: AIIMS, Aiims delhi, AIIMS Director Dr Randeep GuleriaFIRST PUBLISHED : August 20, 2022, 16:52 IST