मामलों को सूचीबद्ध करने के लिए नए तंत्र का इंतजाम कब तक होगा CJI ने बताया

भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) उदय उमेश ललित ने सोमवार को कहा कि मामलों को सूचीबद्ध करने के लिए एक नया तंत्र जल्द ही विकसित किया जाएगा. न्यायमूर्ति ललित ने वकीलों से यह भी कहा कि वे अपने मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए रजिस्ट्रार के समक्ष मेंशनिंग (उल्लेख) करें, न कि सीजेआई के अदालत कक्ष में. सीजेआई ने कहा, ‘‘हमारे पास बृहस्पतिवार तक एक नया तंत्र होगा.

मामलों को सूचीबद्ध करने के लिए नए तंत्र का इंतजाम कब तक होगा CJI ने बताया
हाइलाइट्सवरिष्ठतम न्यायाधीश उदय उमेश ललित ने शनिवार को भारत के 49वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ ली.उनका कार्यकाल मात्र 74 दिनों का होगा.उनके बाद सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ नये सीजेआई बन सकते हैं. नई दिल्ली. भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) उदय उमेश ललित ने सोमवार को कहा कि मामलों को सूचीबद्ध करने के लिए एक नया तंत्र जल्द ही विकसित किया जाएगा. न्यायमूर्ति ललित ने वकीलों से यह भी कहा कि वे अपने मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए रजिस्ट्रार के समक्ष मेंशनिंग (उल्लेख) करें, न कि सीजेआई के अदालत कक्ष में. सीजेआई ने कहा, ‘‘हमारे पास बृहस्पतिवार तक एक नया तंत्र होगा. तब तक, हम इसे चैंबर में देखेंगे और यदि आवश्यक हुआ तो हम इसे सूचीबद्ध करेंगे. मामले की मेंशनिंग के लिए, हम रजिस्ट्रार के सामने उल्लेख करने की मूल प्रथा पर वापस जाएंगे.’’ प्रधान न्यायाधीश की यह टिप्पणी उस वक्त आई जब सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ के समक्ष मामलों का उल्लेख करने के तंत्र के बारे में जानना चाहा. सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ ने जैसे ही आज की कार्यवाही शुरू की, मेहता ने न्यायमूर्ति ललित का स्वागत किया और उन्हें सरकार की ओर से पूर्ण समर्थन मिलने का आश्वासन दिया. वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने भी पूरे बार की ओर से सीजेआई को शुभकामनाएं दीं. शीर्ष अदालत के समक्ष आज 60 जनहित याचिकाओं सहित 900 याचिकाएं सूचीबद्ध की गयी थीं, जिनमें विद्यालयों में हिजाब पहनकर आने की मनाही संबंधी कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अपील भी शामिल हैं. उच्च न्यायालय ने कहा था कि महिलाओं का हिजाब पहनना इस्लाम में धार्मिक परम्परा का एक अनिवार्य हिस्सा नहीं है. न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट के साथ पीठ की अध्यक्षता कर रहे सीजेआई ललित ने 62 याचिकाओं पर सुनवाई की, जिनमें से 10 जनहित याचिकाएं थीं. न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश उदय उमेश ललित ने शनिवार को भारत के 49वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी. बतौर सीजेआई, न्यायमूर्ति ललित का कार्यकाल महज 74 दिनों का ही होगा और 65 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर वह आठ नवंबर को सेवानिवृत्त हो जाएंगे. न्यायमूर्ति ललित के बाद दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ नये सीजेआई बन सकते हैं. न्यायमूर्ति ललित भारत के छठे प्रधान न्यायाधीश होंगे, जिनका कार्यकाल 100 दिनों से कम होगा. बतौर सीजेआई न्यायमूर्ति कमल नारायण सिंह का कार्यकाल सबसे छोटा महज 18 दिनों का था. उन्होंने 25 नवंबर, 1991 और 12 दिसंबर, 1991 के बीच बतौर सीजेआई अपनी सेवा दी थी. न्यायमूर्ति एस. राजेन्द्र बाबू (दो मई से 31 मई, 2004 तक) 30 दिन, न्यायमूर्ति जे. सी. शाह (17 दिसम्बर, 1970 से 21 जनवरी, 1971 तक) 36 दिन सीजेआई पद पर रहे थे. न्यायमूर्ति जी बी पटनायक का कार्यकाल 41 दिन (आठ नवम्बर से 18 दिसम्बर 2002 तक) और न्यायमूर्ति एल एम शर्मा का कार्यकाल 86 दिन (नवम्बर 1992 से 11 फरवरी 1993 तक) रहा. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Supreme CourtFIRST PUBLISHED : August 29, 2022, 19:42 IST