जज सेफ खेलने लगे हैं CJI चंद्रचूड़ ने दी नसीहत अदालतों पर कह दी बड़ी बात
जज सेफ खेलने लगे हैं CJI चंद्रचूड़ ने दी नसीहत अदालतों पर कह दी बड़ी बात
CJI DY Chandrachud News: CJI चंद्रचूड़ ने लोअर कोर्ट के जजों को नसीहत दी है. उन्होंने कहा कि जजों को जमानत याचिकाओं पर विचार करते समय विवेक का इस्तेमाल करना चाहिए. CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने रविवार को ट्रायल कोर्ट के जजों द्वारा जमानत देने में आनाकानी करने और सेफ खेलने की प्रवृत्ति पर चिंता जताई.
बेंगलुरु: जमानत याचिकाओं पर लोअर कोर्ट के रवैये से सीजेआई चंद्रचूड़ नाराज हो गए हैं. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने ट्रायल कोर्ट के जजों द्वारा जमानत देने में आनाकानी और सेफ खेलने की प्रवृत्ति पर चिंता जताई. चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने नसीहत दी कि जजों को जमानत याचिकाओं पर विचार करते वक्त अपने विवेक का इस्तेमाल करना चाहिए. सीजेआई चंद्रचूड़ का मानना है कि आजकल ट्रायल जज बहुत सेफ खेलने लगे हैं.
सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ ने रविवार को कहा कि महत्वपूर्ण आपराधिक मामलों में संदेह की गुंजाइश रहने की स्थिति में अधीनस्थ अदालत के जज जमानत देकर कोई जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं. चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने प्रत्येक मामले की बारीकियों पर गौर करने के लिए सामान्य समझ और विवेक का इस्तेमाल करने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा कि जिन लोगों को निचली अदालतों से जमानत मिलनी चाहिए, उन्हें वहां जमानत नहीं मिल रही है. इसकी वजह से उन्हें हमेशा उच्च न्यायालयों का रुख करना पड़ता है.
कहां बोल रहे थे चीफ जस्टिस
बेंगलुरु में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘जिन लोगों को उच्च न्यायालयों से जमानत मिलनी चाहिए, जरूरी नहीं कि उन्हें जमानत मिल जाए और इस कारण उन्हें उच्चतम न्यायालय का रुख करना पड़ता है. यह देरी उन लोगों की समस्या को और बढ़ा देती है जो मनमाने तरीके से गिरफ्तारियों का सामना कर रहे हैं.’ दरअसल, सीजेआई चंद्रचूड़ ‘तुलनात्मक समानता और भेदभाव-रोधी बर्कले केंद्र के 11वें वार्षिक सम्मेलन’ के दौरान अपने भाषण के अंत में एक सवाल का जवाब दे रहे थे. यह सवाल मनमाने ढंग से की गई गिरफ्तारियों के बारे में पूछा गया था.
सीजेआई से क्या था सवाल
सीजेआई से सवाल पूछने वाले व्यक्ति ने कहा, ‘हम ऐसे समाज में रह रहे हैं, जहां पहले कृत्य किया जाता है और फिर बाद में माफी मांगी जाती है. यह बात विशेष रूप से उन लोक प्राधिकारियों के लिए सच हो गई है, जो राजनीतिक रूप से प्रेरित होकर कार्यकर्ताओं, शिक्षाविदों, पत्रकारों और यहां तक कि विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों समेत नेताओं को हिरासत में ले रहे हैं.’ उनके अनुसार, ये सभी कृत्य इस पूर्ण विश्वास के साथ किए जाते हैं कि न्याय बहुत धीमी गति से मिलता है.
जब सीजेआई ने दिया जवाब
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने इसके जवाब में कहा कि सुप्रीम कोर्ट लगातार यह बताने की कोशिश कर रहा है कि इसका एक कारण देश में संस्थाओं के प्रति अंतर्निहित अविश्वास भी है. उन्होंने कहा, ‘दुर्भाग्यवश, आज समस्या यह है कि हम अधीनस्थ अदालतों के न्यायाधीशों द्वारा दी गई किसी भी राहत को संदेह की दृष्टि से देखते हैं. इसका मतलब यह है कि अधीनस्थ अदालत के न्यायाधीश महत्वपूर्ण मामलों में जमानत देकर कोई जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं.’
जजों को सीजेआई की नसीहत
प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा कि जजों को प्रत्येक मामले की बारीकियों और सूक्ष्मताओं को देखना होगा. उन्होंने कहा कि ज्यादातर मामले उच्चतम न्यायालय में आने ही नहीं चाहिए. प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘हम जमानत को प्राथमिकता इसलिए दे रहे हैं ताकि पूरे देश में यह संदेश जाए कि निर्णय लेने की प्रक्रिया के सबसे प्रारंभिक स्तर पर मौजूद लोगों (न्यायिक अधिकारियों) को यह विचार किये बिना अपना कर्तव्य निभाना चाहिए कि उन्हें कोई जोखिम नहीं है.’
Tags: Chief Justice, DY Chandrachud, Justice DY Chandrachud, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : July 29, 2024, 09:24 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed