यहां आज भी सावन में घर-घर डाले जाते हैं झूले जानें क्या है इस महीने झूलने
यहां आज भी सावन में घर-घर डाले जाते हैं झूले जानें क्या है इस महीने झूलने
Swinging in Sawan: हम बात कर रहे हैं चित्रकूट के मानिकपुर पाठा क्षेत्र में स्थित गांवों की जहां सावन के महीने में हर घर में आपको झूला टंगा हुआ मिलेगा. इसमें महिलाएं बच्चे और लड़कियां भी गाने की धुन के साथ........
रिपोर्ट- विकाश कुमार
चित्रकूट: सावन के महीने में झूला डालने और झूला झूलने का पुराना प्रचलन है. अब यह चलन शहरों के साथ ही गांवों से भी खत्म होती जा रही है. हालांकि, कुछ इलाकों में अलग-अलग समाज के लोगों ने इस प्रचलन को अभी बनाए रखा है. पाठा क्षेत्र के आदिवासी और अन्य समाज के लोग आज भी इस प्रथा को बखूबी निभाते हैं. सावन की शुरुआत होते ही उनके घरों के सामने बने पेड़ों में झूले लग जाते हैं. इन झूलों में युवा से लेकर महिलाएं और बच्चियां झूलती हैं.
श्री कृष्ण ने राधा रानी को झुलाया था झूला
हम बात कर रहे हैं चित्रकूट के मानिकपुर पाठा क्षेत्र में स्थित गांवों की जहां सावन के महीने में हर घर में आपको झूला टंगा हुआ मिलेगा. इसमें महिलाएं बच्चे और लड़कियां भी गाने की धुन के साथ झूला झूलती हुई दिखाई पड़ती हैं. यह भी कहा जाता है कि सावन के महीने में झूला झूलने का अपना महत्व है.
मान्यता है कि सावन के महीने में श्री कृष्ण ने राधा रानी को झूला झुलाया था. तब से यह परंपरा चली जा रही है और लोग इस परंपरा को आज भी निभाते हैं. गांव के ग्रामीणों का यह भी मानना है कि सावन के महीने में झूला झूलने से नाग देवता भी खुश होते हैं.
झूले के साथ-साथ गाना भी गाती हैं महिलाएं
पाठा क्षेत्र के मारकुंडी के रहने वाले मनोज द्विवेदी सहित अन्य लोगों ने बताया कि सावन के महीने में गांव- क्षेत्र में झूले डाल दिए जाते हैं. जिसमें महिलाएं, बुजुर्ग और लड़कियां गाना गाते हुए झूला भी झूलती हैं. उनका कहना है कि यह झूला रक्षाबंधन तक चलता है. उनका कहना है कि सावन के महीने में ही श्री कृष्ण ने राधा रानी को सबसे पहले झूला झुलाया था तब से यह परंपरा चली आ रही है और हम लोग इसको आज भी कायम किए हुए हैं.
Tags: Local18FIRST PUBLISHED : August 18, 2024, 20:49 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed