वो चीनी कोच जो पिलाता था सांप का खून और टर्टल सूप एथलीट लगाते थे मेडल की झड़ी
वो चीनी कोच जो पिलाता था सांप का खून और टर्टल सूप एथलीट लगाते थे मेडल की झड़ी
Chinese Coach Ma Junren: उन दिनों मीडिया में खबरें छपती थीं कि कोच मा जुनरेन न केवल अपने एथलीटों को कड़ी ट्रेनिंग देते हैं बल्कि सीक्रेट रेसिपी वाली चीजें भी खिलाते हैं. जिससे उनकी प्रदर्शन की क्षमता बढ़ जाती है.
Chinese Coach Ma Junren: एक दौर था जब एथलेटिक्स कोच मा जुनरेन चीन की मशहूर हस्ती थे और पूरी दुनिया उन्हें जानती थी. उनके द्वारा तैयार किए गए लंबी और मध्यम दूरी के एथलीटों को ‘मा की फैमिली आॉर्मी’ के नाम से जाना जाता था. ‘मा की फैमिली आॉर्मी’ ने उस समय कई ट्रैक वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ दिए थे और अपने इंड्यूरेंस और स्पीड से अंतरराष्ट्रीय खेल जगत को आश्चर्यचकित कर दिया था. उनके ये एथलीट जिस प्रतियोगिता में उतरते थे, उसमें धूम मचा देते थे. पूरी दुनिया इन एथलीटों की सफलता से हैरान थी.
उन दिनों मीडिया में खबरें छपती थीं कि मा जुनरेन न केवल अपने एथलीटों को कड़ी ट्रेनिंग देते हैं बल्कि सीक्रेट रेपिसी वाली चीजें भी खिलाते हैं, जिससे उनकी प्रदर्शन की क्षमता बढ़ जाती थी. मीडिया में ये खबरें में भी आईं कि मा जुनरेन की सीक्रेट रेसिपी में सांप का खून और कछुए का सूप होता था, जो वो अपने एथलीटों को पिलाया करते थे. सच्चाई कितनी थी, ये तो नहीं मालूम, लेकिन ये सच है कि वो अपने एथलीटों को कुछ ऐसा जरूर खिलाते पिलाते थे, जिससे उनकी क्षमता में गजब का इजाफा होता था.
मामूली कोच से शुरुआत कर बने लोकप्रिय
मा जुनरेन ने अपना करियर सुदूर ग्रामीण मिडिल स्कूल में एक ट्रैक कोच के रूप में शुरू किया था. बाद में एथलीट्स को तैयार करने के लिए उन्होंने एक व्यवस्थित, कथित रूप से वैज्ञानिक प्रशिक्षण रणनीति अपनाई. उनकी ट्रेनिंग में पारंपरिक चीनी चिकित्सा का उपयोग शामिल था. मा जुनरेन अपनी कठिन और कभी-कभी क्रूर प्रशिक्षण व्यवस्था के साथ-साथ अपने स्टार एथलीटों के रिकॉर्ड-तोड़ प्रदर्शन के लिए जाने जाते थे. मा जुनरेन उस समय सबसे अधिक मांग वाले कोच बन गए थे. लेकिन सीक्रेट रेपिसी वाली चीजें देना मा जुनरेन की ट्रेनिंग का एक ऐसा पक्ष था, जिसने उन्हें शोहरत की बुलंदियों पर पहुंचाया और फिर एकदम से धरती पर ला पटका.
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चीनी खिलाड़ियों का अजीबोगरीब खान-पान
आज भी चीन के एथलीटों के बारे में कहा जाता है कि वो तमाम ऐसी चीजें खाते हैं, जो दुनिया में कहीं और कोई खा ही नहीं सकता. यूं भी चीन के लोगों की फूड हैबिट्स बहुत अजीबोगरीब हैं. दुनियाभर में चीनी लोगों के बारे में कहा जाता रहा है कि दुनिया में कोई भी कीड़ा, जानवर, पक्षी और सांप तक कुछ भी ऐसा नहीं है, जिसे वो खाते नहीं हैं. उनकी खानपान की आदतें सबसे विचित्र मानी जाती हैं. चीन के खिलाड़ियों के बारे में आज भी कहा जाता है कि वो कुछ ऐसा खाते हैं, जिससे अपनी ताकत और क्षमता में जबरदस्त बढोतरी होती हैं. हालांकि 2012 के लंदन ओलंपिक से पहले चीनी दल ड्रग्स की जांच से इतने घबराए हुए थे कि उन्होंने खेलों से पहले शाकाहारी भोजन करना शुरू कर दिया था.
वांग जुनक्सिया थीं जुनरेन की देन
वांग जुनक्सिया को किशोरावस्था से ही मा जुनरेन द्वारा प्रशिक्षित किया गया. 1992 में वांग ने 10,000 मीटर में विश्व जूनियर चैंपियनशिप जीती. 1993 में अपने सबसे अच्छे सीजन में वांग ने अगस्त में विश्व चैंपियनशिप में 10,000 मीटर की दौड़ जीती. फिर सितंबर में चीनी राष्ट्रीय खेलों में, उन्होंने 29 मिनट 31.78 सेकंड में 10,000 मीटर दौड़ लगाई, पिछले रिकॉर्ड को 42 सेकंड से तोड़ दिया. वह इस रेस को 30 मिनट से कम समय में पूरा करने वाली पहली महिला एथलीट बनीं. उसी प्रतियोगिता में उन्होंने 3,000 मीटर दौड़ में 8 मिनट 6.11 सेकंड का विश्व-रिकॉर्ड बनाया. वांग ने 1996 के अटलांटा ओलंपिक में भाग लिया, जहां उन्होंने 5,000 मीटर स्पर्धा में स्वर्ण पदक और 10,000 मीटर में रजत पदक जीता. लेकिन तब उनके कोच मा जुनरेन से संबंध कटु हो गए थे और उन्होंने नए कोच के साथ भाग लिया था.
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वांग के बाद जियांग बो को किया तैयार
वांग जुनक्सिया के विद्रोह करने के बाद भी मा जुनरेन ने हिम्मत नहीं हारी. उन्होंने चीन के 1997 राष्ट्रीय खेलों में सनसनीखेज वापसी की जब उनकी शिष्या जियांग बो ने महिलाओं की 5,000 मीटर की दौड़ के विश्व रिकॉर्ड को आठ सेकंड से अधिक समय से तोड़ दिया. हालांकि, जुनरेन फिर एक विवाद में फंस गए. उन्होंने 1998 बैंकॉक एशियाई खेलों के लिए आधिकारिक क्वालीफाइंग कार्यक्रमों में भाग लेने से इनकार कर दिया. खेल अधिकारियों ने अपना धैर्य खो दिया उनके एथलीट्स को राष्ट्रीय टीम से बाहर कर दिया गया. इसके बाद कोच मा गायब हो गए. जाहिर तौर पर उनका करियर पतन की ओर अग्रसर हो गया.
मा गायब हुए और फिर लौट आए
लेकिन जब चीनी एथलीट बैंकॉक में अच्छा प्रदर्शन करने में विफल रहे, तो देश का मीडिया जल्द ही उनकी वापसी की मांग करने लगा. अचानक मा वापस आ गए और अपने पुराने ढर्रे पर काम करने लगे. खेल अधिकारियों के साथ उनके खराब रिश्तों में सुधार होता दिख रहा था. राष्ट्रीय ओलंपिक ट्रायल में मा ने साबित कर दिया कि उन्होंने अपना अंदाज नहीं बदला है. जब उनकी टीम महिलाओं की 800 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीतने में असफल रही तो वह गुस्से में आ गए. लेकिन मा की सेना ने अन्य लंबी दूरी की स्पर्धाओं में अपना दबदबा बनाया और 1,500 मीटर, 5,000 मीटर और 10,000 मीटर में स्वर्ण पदक जीते. मा की टीम ने पेरिस गोल्डन लीग मीट में दो दूसरे स्थान हासिल किए.
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खिलाड़ियों को टीम से निकाला गया
उम्मीद थी कि मा 1,500 मीटर, 5,000 मीटर और 10,000 मीटर के लिए सात धावकों को सिडनी ले जाएंगे. 5,000 मीटर में ओलंपिक स्वर्ण के लिए सबसे पसंदीदा खिलाड़ी डोंग यानमेई थे. लेकिन उनके छह एथलीटों को ब्लड टेस्ट में फेल होने के बाद सिडनी ओलंपिक के लिए चीन की टीम से बाहर कर दिया. परिणामस्वरूप, मा को चीनी ओलंपिक टीम से कोच के पद से हटा दिया गया. इस प्रकरण के बाद, मा और उनके एथलीट कई महीनों के लिए गायब हो गए. लेकिन इससे मा के कोचिंग के तौर तरीकों पर संदेह और गहरा गया. कानूनी और व्यक्तिगत विवादों से भी मा की प्रतिष्ठा धूमिल हुई. यह उनके शानदार करियर का दुखद अंत था.
Tags: 2024 paris olympics, China, Paris olympics, Paris olympics 2024FIRST PUBLISHED : July 24, 2024, 17:33 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed