चांद के किस हिस्से पर लैंड होगा भारत का चंद्रयान-4 वैज्ञानिक ने बताया
चांद के किस हिस्से पर लैंड होगा भारत का चंद्रयान-4 वैज्ञानिक ने बताया
चंद्रयान-4 मिशन के तहत 2024 में भारत की योजना चांद पर जाकर वहां से सैंपल पृथ्वी पर लाने की है. चंद्रयान-3 की सफलता के बाद ISRO के वैज्ञानिक काफी ज्यादा उत्साहित हैं. इसरो ने बीते साल चांद के दक्षिण ध्रुव के करीब अपना मिशन सफलतापूर्वक उतारा था.
नई दिल्ली. भारत ने बीते साल अगस्त में चंद्रयान-3 को सफलता पूर्वक चांद के साउथ पोल के करीब उतारकर इतिहास रच दिया था. अब इसरो के वैज्ञानिक चंद्रयान-4 पर तेजी से काम कर रहे हैं. इस मिशन का मकसद ना सिर्फ चांद की सतह पर लैंड करना है बल्कि वहां की मिट्टी और अन्य पदार्थ लेकर वापस पृथ्वी पर लौटना है. अब सवाल यह उठता है कि अपने चौथे मून मिशन के दौरान इसरो चांद के किस हिस्से पर लैंड करने वाला है. डायरेक्टर ऑफ स्पेस एप्लीकेशन सेंटर (SAC) के निदेशक नीलेश देसाई ने इसका खुलासा किया.
नीलेश देसाई ने बताया कि चंद्रयान-4 की लैंडिंग साइट शिव शक्ति प्वाइंट के करीब होगी. शिव शक्ति प्वाइंट वो जगह है जहां भारत का चंद्रयान-3 चांद पर सफलतापूर्वक लैंड हुआ था. विऑन न्यूज की खबर के मुताबिक देसाई ने कहा कि शिव शक्ति प्वाइंट दक्षिणी ध्रुव से सबसे करीब है. इस जगह पर को स्थायी रूप से छाया वाले क्षेत्रों में संभावित पानी और बर्फ के डिपॉजिट के रूप में जाना जाता है. चांद का एक दिन पृथ्वी के लगभग 14 दिनों के बराबर होता है. इस मिशन की लाइफ भी इतनी ही होगी. इसके बाद अगले 14 दिन चांद पर वहां अत्याधिक ठंड वाले कठोर दिनों का सामना करना पड़ता है. मल्टी-लॉन्च, मल्टी-मॉड्यूल दृष्टिकोण की खासियत वाला चंद्रयान-4 इसरो के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा. हेवी-लिफ्ट एलवीएम-3 और विश्वसनीय पीएसएलवी रॉकेट मिशन की सफलता के लिए जरूरी विभिन्न पेलोड ले जाएंगे.
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क्या है चंद्रयान-3 का उद्देश्य
चंद्रयान-4 का प्राथमिक उद्देश्य चांद की सतह से नमूने एकत्र करना और उन्हें वैज्ञानिक विश्लेषण के लिए हमारे ग्रह पर वापस लाना है. यह उपलब्धि अब तक केवल अमेरिका, रूस और चीन ने ही हासिल की है. मिशन में पांच अंतरिक्ष यान मॉड्यूल शामिल हैं. इसमहत्वाकांक्षी प्रयास में कुछ चुनौतियां भी हैं. विशेष रूप से लैंडिंग स्थल के पास ऊबड़-खाबड़ इलाका और खड़ी ढलानें. सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित करने के लिए इसरो इंजीनियरों को सटीक लैंडिंग तकनीक और उन्नत नेविगेशन सिस्टम विकसित करने का काम सौंपा गया है.
Tags: ISRO, Mission Moon, Space newsFIRST PUBLISHED : May 15, 2024, 18:20 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed