चांद पर चीन ने जो आज क‍िया दावा भारत तो 15 साल पहले कह चुका था

भारत के पहले मून मिशन चंद्रयान-1 (Chandrayaan-1) ने 15 साल पहले इस बात के संकेत दिए थे क‍ि चांद पर पानी मौजूद है. उसके बाद ही दुनिया भर के साइंटिस्‍ट ये मानने को मजबूर हुए.

चांद पर चीन ने जो आज क‍िया दावा भारत तो 15 साल पहले कह चुका था
नई द‍िल्‍ली. चीन के वैज्ञान‍िकों ने इस बात के सबूत पेश क‍िए हैं क‍ि चांद की मिट्टी में पानी है. अब तक सिर्फ टेक्‍नोलॉजी के माध्‍यम से इसके सबूत मिले थे. लेकिन पहली बार चांद से लाई गई मिट्टी में सबूत मिले हैं. यह काफी मजबूत प्रमाण है. आप जानकर हैरान होंगे क‍ि भारत के पहले मून मिशन चंद्रयान-1 (Chandrayaan-1) ने 15 साल पहले इस बात के संकेत दिए थे. पूरी दुनिया को बता दिया था क‍ि वहां पानी कहां-कहां मौजूद है. अब यही बात चीनी साइंटिस्‍ट कह रहे हैं. आइए जानते हैं क‍ि चंद्रयान-1 ने क्‍या संकेत दिए थे? अमेर‍िकी अंतर‍िक्ष एजेंसी नासा ने खुद इसके बारे में विस्‍तार से बताया है. लिखा है, भारत के चंद्रयान-1 ने चंद्रमा पर पानी के अणुओं की खोज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. यह अपने साथ नासा के मून मिनेरोलॉजी मैपर (M3) को ले गया था. M3 एक इमेजिंग स्पेक्ट्रोमीटर था, जिसने चंद्रमा पर खनिजों में बंद पानी की खोज की. यह अंतर‍िक्ष यान चांद की सतह से 100 क‍िलोमीटर ऊपर चांद की पर‍िक्रमा कर रहा था. इस अंतर‍िक्ष यान में भारत के 5 और अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, स्वीडन एवं बुल्गारिया के 11 उपकरण लगाए गए थे. हर 4 सेकेंड में लेता था रीडिंग भारतीय साइंटिस्‍ट ने उसके डेटा का विश्लेषण करने के बाद बताया क‍ि एक्सप्लोरर ने जो रीडिंग ली है, उससे साफ है क‍ि चांद के वायुमंडल में पानी मौजूद है. यह एक्सप्लोरर हर 4 सेकेंड में रीडिंग लेता था. सितंबर 2009 में वैज्ञान‍िकों ने बताया क‍ि चंद्रमा की सतह के ध्रुवीय क्षेत्रों पर अवशोषण की क्षमता है. आमतौर पर हाइड्रॉक्‍स‍िल या पानी के अणुओं की मौजूदगी होने पर ही इस तरह के प्रमाण मिलते हैं. चंद्रयान 1 की इस खोज के बाद ही अगस्त 2013 में वैज्ञान‍िकों ने कहा क‍ि चंद्रमा की सतह पर पानी मौजूद है. यह खन‍िजों के अंदर बंद है. इसके साक्ष्‍य मिल गए हैं. तब लगी थी जादुई घटना इससे पहले अमेर‍िका के अपोलो अंतरिक्ष यान से गए एस्‍ट्रोनॉट जो सैंपल लेकर आए थे, उसमें मैग्मैटिक वॉटर पाया गया. कैस‍िनी यान ने अगस्त 1999 में चंद्रमा की सतह पर पानी के अणुओं और हाइड्रॉक्सिल होने के संकेत दिए थे. लेकिन उसे इतना भाव नहीं दिया गया. लेकिन जब चंद्रयान 1 ने संकेत दिए तो वैज्ञान‍िकों को यह जादुई घटना लगी. इसके बाद अक्टूबर 2020 में नासा ने अचंभ‍ित करने वाला ऐलान क‍िया. बताया क‍ि चांद की सतह पर पानी होने के निर्णायक सुबूत मिले हैं. पानी उस जगह पर भी मौजूद है जहां सूर्य का सीधा प्रकाश पड़ता है. लेकिन तब कहा गया क‍ि चांद के लगभग एक क्यूबिक मीटर में सिर्फ 0.325 लीटर पानी है. Tags: ISRO satellite launch, Mission Moon, Moon orbitFIRST PUBLISHED : July 24, 2024, 19:35 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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