तो राजा हमारी गलियों में नहीं आतेचंद्रशेखर ने बताई संविधान की महत्ता
तो राजा हमारी गलियों में नहीं आतेचंद्रशेखर ने बताई संविधान की महत्ता
संसद में संविधान पर चर्चा के दौरान आजाद समाज पार्टी के नेता चंद्रशेखर ने संविधान की महत्ता को अलग तरीके से बयां किया. उन्होंने कहा कि अगर यह संविधान नहीं होता तो खुद को राजा-महाराजा मानने वाले लोग हमारी गलियों में नहीं आते.
अगर संविधान नहीं होता, वोट हमारे पास नहीं होता तो शायद अमीर और जो राजा-महाराजा खुद को मानते हैं, वे हमारी गलियों तक नहीं आते, हमारे हाल नहीं जान पाते… आजाद समाज पार्टी के नेता चंद्रशेखर ने लोकसभा में कुछ इस तरह संविधान का मतलब समझाया. उन्होंने ये भी कहा, संविधान में लिखा है, ‘भारत दैट इज कॉल्ड इंडिया’ लेकिन यहां कोई भी भारत नहीं बोलता. यह संविधान का अपमान करने जैसा है.
संसद में संविधान दिवस पर चर्चा के दौरान चंद्रशेखर ने कहा, ये संविधान ही है, जो हमें यहां बोलने के लिए हिम्मत देता है. इस देश की राष्ट्रपति एक आदिवासी हैं. प्रधानमंत्री तो नहीं बना पाए, लेकिन शिड्यूल्ड कास्ट के बड़े नेताओं को राष्ट्रपति बनने का मौका मिला. संविधान ने सुनिश्चित किया कि रानी के पेट से राजा जन्म नहीं लेगा. लोगों के वोट से नेता तैयार होगा. सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, आर्थिक बराबरी के लिए सरकार क्या कर रही है. गरीब और गरीब हो रहा है. अमीर और अमीर हो रहा है.
जब सभापति से उलझे
चंद्रशेखर बोल ही रहे थे कि चेयरमैन ने उन्हें टोक दिया. उनसे जल्दी अपनी बात खत्म करने को कहा. इस पर चंद्रशेखर नाराज हो गए. उन्होंने कहा, क्या दलितों को यहां अपनी बात अच्छे से रखने का भी मौका नहीं मिलेगा. आप तय कर लीजिए, अगर सबको 4 मिनट दिया जा रहा है तो मुझे भी 4 मिनट मिलना चाहिए. ये भेदभाव नहीं चलेगा. यह दलितों के साथ भेदभाव है. जब चेयरमैन ने उन्हें बताया कि उन्हें भी 4 मिनट दिया गया है और टाइम नष्ट न करें. इसके बाद उन्होंने कहा, दलितों को सबसे आखिर में बोलने का मौका मिलेगा और 4 मिनट का समय भी नहीं देंगे. मैं निर्दलीय नहीं, अपनी पार्टी का मेंबर हूं और जीतकर आया हूं. किसी की दया पर नहीं आया.
आजम खां को क्यों बंद रखा
चंद्रशेखर ने कहा, यहां तो मूंछें रखने पर हत्या हो जाती है. महिलाओं और बच्चों के साथ हिंंसा हो रही है. एनसीआरबी का डाटा देखें तो डर लगेगा. यहीं से एक किलोमीटर पर संविधान को जलाया गया. महाराष्ट्र के परभणी में अभी भी ऐसी घटना हो रही है. संभल से लेकर अजमेर तक कई ऐसे उदाहरण हैं, जहां संविधान का अपमान हो रहा है. आजम खां को लेकर भी चंद्रशेखर ने सवाल किया. पूछा, आजम खां को राजनीतिक विरोध में क्यों बंंद रखा है.
Tags: Chandrashekhar Azad, Chandrashekhar Azad Ravan, Parliament Winter SessionFIRST PUBLISHED : December 14, 2024, 17:42 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed