94 फुट सुरंग भूख हड़ताल… सुखबीर के हमलावर नारायण ने कैसे तोड़ी थी बुड़ैल जेल
94 फुट सुरंग भूख हड़ताल… सुखबीर के हमलावर नारायण ने कैसे तोड़ी थी बुड़ैल जेल
Sukhbir Singh Badal Attack: मोहाली की बुड़ैल जेल कांड के दौरान पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिंह की हत्यारे भाग निकलने में सफल रहे थे. सुखबरी सिंह बादल पर गोल्डन टैंपल में हमला करने वाला नारायण सिंह चौरा भी हत्यारों को जेल से बाहर निकालने की साजिश में शामिल था.
Sukhbir Singh Badal Attack गोल्डन टेंपल पर अकाली दल नेता सुखबीर सिंह बादल पर हमला करने वाले नारायण सिंह चौरा को अमृतसर पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है. हालांकि उसका इतिहास बेहद धुंधला है. खालिस्तानी आतंकी नारायण पर आरोप है कि उसने मोहाली की बुड़ैल जेल में बंद पंजाब सीएम बेअंत सिंह के हत्यारे जगतार सिंह हवारा, परमजीत सिंह भ्यौरा, जगतार सिंह तारा सहित चार की जेल से भागने में मदद की. जेल परिसर के अंदर 94 फुट गहरी सुरंग करने के बाद यह आतंकी भाग निकलने में सफल रहे थे. बताया जाता है साल 2004 की इस घटना में सुरंग को बनाने के लिए जिम में इस्तेमाल होने वाले डंबल व रॉड का इस्तेमाल किया गया था. जेल ब्रेक कांड की यह कहानी बेहद दिलचस्प है.
चारों आतंकी बुड़ैल जेल के बैरक नंबर-7 में बंद थे. गुपचुप तरीके से 21 और 22 जनवरी 2004 को सुरंग की खुदाई शुरू की गई थी. पहले जेल के अंदर बंद आतंकियों ने एक भूख हड़ताल की. उन्होंने पंजाब जेल प्रशासन के सामने यह मांग रखी कि जल्द से जल्द उन्हें मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं. जेल प्रशासन ने उनकी मांगों को मान लिया, जिसमें जेल परिसर में जिम का सामान भी शामिल था. सुरंग खोदने के लिए वेट लिफ्टिंग की रॉड का इस्तेमाल किया गया. प्लानिंग इतनी पक्की थी कि सुरंग खोदने के दौरान बाहर आने वाली मिट्टी को अंदर ही ठिकाने लगा दिया जाता.
नारायण सिंह ने कैसे की मदद?
जेल ब्रेक के गुप्त रखने के लिए असली नाम की जगह हवारा, भ्यौरा, तारा जेसे कोडवर्ड का इस्तेमाल किया जाता. बताया गया कि खुदाई से बचने के लिए भी उनकी तैयारी पक्की थी. जिस जगह यह खुदाई की जा रही थी उसके पास पानी की तेज आवाजे आया करती थी, जिससे जेल प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी. पुलिस ने कोर्ट को बताया कि बुड़ैल जेल ब्रेक में नारायण सिंह चौरा अहम मददगार था. चौरा पर आरोप था कि उसने जेल के अंदर मोबाइल पहुंचाने में मदद की. इसके अलावा जेल ब्रेक वाली रात बिजली गुल करने के लिए तार फेंकने का काम उसने किया.
जेल के आरोपी भी थे आरोपी
जेल में आमतौर पर रोजाना बिजली गुल हुआ करती थी. जांच एजेंसी का दावा था कि जेल प्रशासन में इस कांड में मिला हुआ था. इस केस में जेनरेटर लॉग बुक में 20 तारीख को 21 किया और 7:30 बजे के समय को कागजों में 9 बजे कर दिया. हालांकि कोर्ट में जांच एजेंसी की थ्योरी नहीं टिक सकी. कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया था. इस मामले में जेल के अधिकारियों को भी आरोपी बनाया गया था.
Tags: Amritsar news, Golden temple, Mohali, Punjab news, Sukhbir singh badalFIRST PUBLISHED : December 4, 2024, 13:37 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed