कश्मीर में सरकार ने बदला कानून अब LG होंगे सुपर बॉस दिल्ली जैसा मिला पॉवर

More Power To LG In Jammu And Kashmir: राष्ट्रपति ने जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश सरकार के संचालन के नियम, 2019 में और संशोधन करने के लिए नए नियम बनाए हैं.

कश्मीर में सरकार ने बदला कानून अब LG होंगे सुपर बॉस दिल्ली जैसा मिला पॉवर
नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने की अटकलों के बीच गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 में संशोधन किया है. जिससे अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों, पुलिस के तबादलों और पोस्टिंग के साथ-साथ न्यायिक अधिकारियों की नियुक्ति के मामलों में उपराज्यपाल को अधिक अधिकार मिल गए हैं. केंद्र सरकार ने शुक्रवार को अधिनियम के तहत ‘नियमों’ में संशोधन करते हुए एक अधिसूचना जारी की. अधिसूचना में कहा गया है कि राष्ट्रपति ने जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश सरकार के संचालन के नियम, 2019 में और संशोधन करने के लिए नए नियम बनाए हैं. इन नियमों को जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश सरकार के संचालन के (द्वितीय संशोधन) नियम, 2024 कहा जा सकता है. वे आधिकारिक राजपत्र में उनके प्रकाशन की तिथि से लागू होंगे. इस संशोधन से जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल को आईएएस और आईपीएस जैसे अखिल भारतीय सेवा अधिकारियों के तबादलों और नियुक्ति, पुलिस, कानून व्यवस्था के साथ-साथ न्यायिक अधिकारियों की नियुक्ति के मामलों में अधिक शक्ति मिलेगी. ‘कार्य संचालन नियम’ में नियम 5 में उप-नियम (2) के बाद उप-नियम 2ए जोड़ा गया है. LG को ज्यादा अधिकार नए नियम (2ए) में कहा गया है कि कोई भी प्रस्ताव जिसके लिए अधिनियम के तहत उपराज्यपाल के विवेक का प्रयोग करने के लिए ‘पुलिस’, ‘लोक व्यवस्था’, ‘अखिल भारतीय सेवा’ और ‘भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो’ के संबंध में वित्त विभाग की पूर्व सहमति की जरूरत होती है, तब तक स्वीकार या अस्वीकार नहीं किया जाएगा जब तक कि इसे मुख्य सचिव के जरिये उपराज्यपाल के समक्ष नहीं रखा जाता है.इससे उपराज्यपाल को राज्य से केंद्र शासित प्रदेश बने राज्य के लिए महाधिवक्ता और कानून अधिकारियों की नियुक्ति करने का अधिकार मिल गया है. क्या है आतंकियों का काल नागरोटा कॉर्प्स, जम्मू में फिर शिफ्ट करने की क्यों उठी मांग? उमर अब्दुल्ला ने किया विरोध नियम 42बी यह भी साफ करता है कि अभियोजन की स्वीकृति देने या अस्वीकार करने या अपील दायर करने के प्रस्ताव भी उपराज्यपाल द्वारा दिए जाएंगे. जो जेलों, अभियोजन निदेशालय और फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के मुद्दों पर भी अंतिम प्राधिकारी होंगे. इन संशोधन के खिलाफ सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वालों में पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग ‘शक्तिहीन, रबर स्टैम्प सीएम से बेहतर के हकदार हैं. जिन्हें अपने चपरासी की नियुक्ति के लिए एलजी से भीख मांगनी पड़ेगी.’ उन्होंने कहा कि संशोधन इस बात का संकेत है कि चुनाव नजदीक हैं. सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने के लिए 30 सितंबर की समय सीमा तय की है. Tags: Jammu and kashmir, Jammu election, LG Manoj SinhaFIRST PUBLISHED : July 13, 2024, 12:30 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed