घर के मेंबर्स की गिनती ही नहीं अधिक महिलाओं को संसद पहुंचाने का भी होगा काम

Census News: भारत में अगले साल से लंबे समय से रुकी हुई जनगणना शुरू होने की उम्मीद है. डेटा 2026 तक जारी होगा. यह जनगणना 1872 से बिना किसी रुकावट के जारी थी, मगर 2021 में महामारी की वजह से समय पर नहीं हो पाई थी.

घर के मेंबर्स की गिनती ही नहीं अधिक महिलाओं को संसद पहुंचाने का भी होगा काम
नई दिल्ली: भारत में जनगणना की प्रक्रिया फिर से शुरू होने वाली है. देश में 2025 में जनगणना हो सकती है. 2026 तक जगणनना के आंकड़े सामने आएंगे. कोरोना महामारी की वजह से 2021 में यह काम टल गया था. अगर अगले साल जनगणना होती है तो 1872 से चली आ रही जनगणना की कवायद एक बार फिर पटरी पर लौट आएगी. देश में 1951 से हर 10 साल में जनगणना की जाती रही है. कोविड-19 महामारी के कारण 2021 में जनगणना का काम नहीं हो सका था. इस बार का जनगणना कई मायनों में बदला-बदला सा नजर आ सकता है. सामान्य जनगणना के साथ जाति आधारित जनगणना होगी या नहीं, अभी इसे लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है. सरकारी सूत्रों का कहना है कि जनगणना और एनपीआर का काम अगले साल की शुरुआत में शुरू हो जाएगा. जनसंख्या के आंकड़े 2026 तक घोषित किए जाएंगे. इसके साथ ही जनगणना चक्र में भी बदलाव होने की संभावना है. इसलिए यह चक्र अब 2025-2035 और फिर 2035-2045 होगा और भविष्य में इसी तरह आगे जारी रहेगा. रजिस्ट्रार जनरल एंड सेंसस कमिश्नर दफ्तर ने जनगणना के दौरान नागरिकों से पूछे जाने वाले 31 सवाल तैयार किए थे. क्या परिवार का मुखिया अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति से संबंधित है, क्या परिवार के अन्य सदस्य अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति से संबंधित हैं, जैसे सवाल पूछे जाएंगे. पिछली जनगणना में भी यह पूछा गया था. जनगणना के बाद क्या होगा? जनगणना में आपके बच्चों या घर के मेंबर्स की ही गिनती नहीं होगी, बल्कि महिलाओं को संसद पहुंचाने की भी काम होगा. इतना ही नहीं, आपका लोकसभा क्षेत्र भी बदल सकता है. दरअसल, जनगणना में परिवार में कुल सदस्यों की संख्या से लेकर कितने कमरे और शादी-विवाह और बाल-बच्चों की जानकारी ली जाती है. इसके अलावा, घर में क्या-क्या मौजूद हैं, उसकी भी डिटेल भरी जाती है. मगर इस बार महिलाओं के लिहाज से यह जनगणना काफी अहम है. जनगणना के बाद अधिक से अधिक महिलाओं को संसद पहुंचाने का भी काम होगा. उम्मीद की जा रही है कि जनगणना के डेटा को देखते हुए 2029 के लोकसभा चुनावों से पहले संसद और राज्‍य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने वाला संविधान संशोधन लागू हो सकता है. जनगणना का लोकसभा सीट पर होगा असर इसके साथ ही, जनगणना का असर आपकी लोकसभा सीटों पर भी पड़ सकता है. वैसे तो दस साल में एक बार होने वाली जनगणना हमेशा ही अहम होती है. लेकिन यह खास राउंड और भी अहम होगा, क्योंकि 2026 तक पूरा होने वाली जनगणना लोकसभा क्षेत्रों के पुनर्निर्धारण का आधार बनेगी. इस प्रक्रिया को परिसीमन कहा जाता है. इसमें नए सिरे से लोकसभा क्षेत्रों का निर्धारण होता है. लोकसभा क्षेत्रों का निर्धारण आबादी के हिसाब से होता है. ऐसे में जनगणना के आंकड़ों के बाद लोकसभा क्षेत्रों का निर्धारण होगा और ऐसे में आपका क्षेत्र भी बदल सकता है. वैसे भी परिसीमन की प्रक्रिया 2026 में प्रस्तावित है. जाति आधारित जनगणना की है मांग इस बार की जनगणना पर इसलिए भी सबकी नजर है, क्योंकि अबकी बार जाति आधारित जनगणना की मांग हो रही है. विपक्षी दल कांग्रेस और राजद उन राजनीतिक दलों में शामिल हैं, जो जाति आधारित जनगणना की मांग कर रहे हैं ताकि देश में अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी की कुल आबादी का पता चल सके. हालांकि, सरकार जनगणना में जाति वाले कॉलम को जोड़ेगी या नहीं, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है. तो चलिए जानते हैं कि जनगणना के तहत किस तरह के सवाल पूछे जाएंगे- आपके परिवार में कितने लोग हैं? परिवार की मुखिया महिला है या नहीं? आपके घर में कितने बच्चे हैं? परिवार के पास कितने कमरे हैं? परिवार में रहने वाले कितने शादी शुदा हैं? क्या परिवार के पास टेलीफोन है? क्या आपके घर में इंटरनेट कनेक्शन है? क्या आपके पास मोबाइल या स्मार्टफोन है? क्या आपके पास साइकिल, स्कूटर या मोटरसाइकिल है? क्या आपके पास कार, जीप या अन्य वाहन है?? इसी तरह के कुल 31 सवाल जनगणना के दौरान पूछे जाएंगे. Tags: Caste Based Census, Caste Census, Loksabha ElectionsFIRST PUBLISHED : October 29, 2024, 12:34 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed